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This Article is From May 05, 2022

यूपी के स्कूल में मिड डे मील में बच्चों को नमक-रोटी खिलाने का खुलासा करने वाले पत्रकार का कैंसर से निधन

जायसवाल ने जो वीडियो शूट किया था, वह मिर्जापुर के जमालपुर ब्लॉक के सिउर प्राथमिक विद्यालय का था. उसमें केंद्र सरकार की एक प्रमुख योजना के तहत छोटे बच्चों को स्कूल के गलियारे के फर्श पर नमक के साथ रोटियां खाते हुए दिखाया गया था.

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश के पत्रकार पवन जायसवाल, जिन्होंने मिर्जापुर के एक सरकारी स्कूल में छात्रों को मिड-डे मील रूप में नमक के साथ रोटियां देने के मामले का पर्दाफाश किया था, उनकी आज मुंह के कैंसर से लंबी लड़ाई के बाद मौत हो गई. पत्रकार को अपने इलाज के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा था, जिसके लिए पिछले महीने क्राउडफंडिंग के लिए कई अपील हुई थीं. 

जायसवाल ने जो वीडियो शूट किया था, वह मिर्जापुर के जमालपुर ब्लॉक के सिउर प्राथमिक विद्यालय का था. उसमें केंद्र सरकार की एक प्रमुख योजना के तहत छोटे बच्चों को स्कूल के गलियारे के फर्श पर नमक के साथ रोटियां खाते हुए दिखाया गया था.

जिला प्रशासन ने उसके खिलाफ पुलिस मामला दर्ज किया था. हालांकि, उनकी इस रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की भी गई थी और स्कूल के प्रभारी शिक्षक और ग्राम पंचायत में पर्यवेक्षक को तुरंत निलंबित कर दिया गया था.

पुलिस को दी गई शिकायत में क्षेत्र के प्रखंड शिक्षा अधिकारी ने जायसवाल और स्थानीय ग्राम प्रधान के एक प्रतिनिधि पर उत्तर प्रदेश सरकार को बदनाम करने की साजिश का आरोप लगाया था.

अपने खिलाफ दर्ज मामले पर पवन जायसवाल ने एक वीडियो में कहा कि कोई भी तथ्यों की पुष्टि कर सकता है. उन्होंने कहा था, 'मुझे स्कूल में मिड-डे मील में अनियमितताओं के बारे में कई बार बताया गया था. कभी बच्चों को नमक और रोटी और कभी नमक और चावल दिया जा रहा था. 22 अगस्त को, जब मैंने वीडियो शूट किया, तो एक व्यक्ति ने मुझे फोन किया और मैं स्कूल गया. वहां जाने से पहले, मैंने सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी ब्रजेश कुमार सिंह को फोन किया और कहा कि मैं स्कूल जा रहा हूं.'

साथ ही उन्होंने कहा, "करीब 12 बजे पहला वीडियो शूट करने के बाद, मैंने स्थानीय पत्रकारों को फोन किया जिन्होंने जिलाधिकारी से बात की. डीएम ने वहां जाकर जांच की और लोगों को निलंबित कर दिया. अब मेरे खिलाफ मामला दर्ज किया गया है क्योंकि इन लोगों से सवाल पूछे गए थे. यह पत्रकारिता पर हमला है. तथ्यों को सत्यापित करने के लिए सभी का स्वागत है.'

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने राज्य सरकार की कार्रवाई की निंदा की और मामलों को वापस लेने का आग्रह किया था. इसने यह भी आग्रह किया था कि पत्रकार को परेशान ना किया जाए. 

भाजपा नेता मनोज तिवारी ने तब कहा था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार को भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए जायसवाल का सम्मान करना चाहिए. जायसवाल को बाद में सरकार ने मामले में क्लीन चिट दे दी थी.

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