साल 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने वाले बयान को लेकर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. ग्रामीणों के बयान होने के बाद सांसद इमरान मसूद के खिलाफ आरोप तय कर दिए गए है. जिसके चलते सांसद इमरान मसूद और समर्थकों में हड़कंप मचा हुआ है. हालांकि, इमरान मसूद अपने इस बयान को लेकर कई बार माफी भी मांग चुके हैं. बावजूद इसके इस बार लोकसभा चुनाव जीते इमरान मसूद की सांसदी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं.
इमरान मसूद के खिलाफ कोर्ट ने आरोप तय कर दिए हैं. इमरान मसूद ने 10 साल पहले 2014 के लोकसभा चुनाव के वक्त थाना देवबंद इलाके के लबकरी गांव में पीएम मोदी के खिलाफ विवादित बयान दिया था. तब इमरान मसूद कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे. इसके साथ ही उन्होंने बसपा के दो विधायकों को लेकर भी अभद्र टिप्पणी की थी.
इस मामले में 27 मार्च 2014 को तत्कालीन कोतवाली देवबंद प्रभारी कुसुम वीर सिंह ने सांसद के खिलाफ आचार संहिता का उल्लंघन करने, माहौल खराब करने की कोशिश करने और अनुसूचित जाति के विधायकों के बारे में जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करने के आरोप में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इमरान मसूद को जेल भी जाना पड़ा था.
सरकारी अधिवक्ता गुलाब सिंह ने बताया कि कांग्रेस सांसद इमरान मसूद के खिलाफ कोर्ट ने आरोप तय कर दिए हैं. विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए मोहित शर्मा की कोर्ट में 19 ग्रामीणों के बयान दर्ज किए गए.
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