
- यूपी के बिजली मंत्री एके शर्मा ने विभाग के अधिकारियों को मीटिंग में जनता के प्रति लापरवाही का कड़ा आरोप लगाया
- मंत्री ने यूपी पुलिस की तुलना बिजली विभाग से करते हुए कहा कि विभाग पुलिस से भी बदतर काम कर रहा है
- एके शर्मा ने कहा कि बिजली विभाग कोई व्यापारिक दुकान नहीं बल्कि जनसेवा का काम है, जिसके प्रति गंभीरता जरूरी है
लगातार विवादों में रहने वाले यूपी के बिजली मंत्री एके शर्मा अपने विभाग के अफसरों पर जम कर बरसे. वो भी कैमरे के सामने. बीते दिनों बिजली व्यवस्था को लेकर मंत्री विपक्ष के निशाने पर रहे. सुल्तानपुर में बिजली संकट को लेकर लोगों ने मंत्री का घेराव किया. जवाब में उन्होंने कहा बजरंगबली का नाम लीजिए. इस बात पर उनकी बहुत आलोचना हुई तो उन्होंने जांच के बाद एक टेक्नीशियन को निलंबित कर दिया. बिजली मंत्री ए के शर्मा मथुरा गए तो विवादों ने उनका वहां भी पीछा नहीं छोड़ा. उनका एक बयान उन पर ही भारी पड़ गया. उन्होंने कहा था कि बिहार में बिजली आती नहीं है इसीलिए वहॉं बिजली फ्री कर दी गई है.
बिजली मंत्री एके शर्मा ने बुधवार को मीटिंग बुलाई. इंजीनियर से लेकर विभाग के सभी IAS और IPS अफसरों को इस बैठक में बुलाया गया. मीटिंग शुरू होते ही मंत्री का ग़ुस्सा सातवें आसमान पर था. कैमरा देखा तो वे और लाल पीले हो गए. उन्होंने सबकी तरफ देखा और फिर अधिकारियों की जम कर क्लास लगाई. यूपी पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के एमडी आशीष गोयल से लेकर इंजीनियर तक को लपेट लिया. मंत्री बोले "बकवास बंद करिए, मैं आपकी झूठ नहीं सुनने बैठा हूं" जनता पर बिजली विभाग ने अत्याचार शुरू कर दिया है". आप लोग अंधे, बहरे, काने बन बैठे हैं… जनता क्या झेल रही है, आपको अंदाज़ा ही नहीं".
बैठक में मौजूद अधिकारियों को फटकार लगाते बिजली मंत्री ए के शर्मा ने यूपी पुलिस पर भी सवाल खड़े कर दिए. उन्होंने कहा कि "बिजली विभाग पुलिस से भी बदतर काम कर रहा है. शर्मा ने कहा कि बिजली विभाग बनिया की दुकान नहीं है, ये जनसेवा है. बिजली मंत्री ने आगे कहा कि "72 करोड़ का बिल आम आदमी को देना और फिर पैसा लेकर ठीक करना शर्मनाक". अफसरों की मीटिंग में उन्होंने कहा कि जनता को जवाब उन्हें देना पड़ता है. इसीलिए अब अगर कहीं कोई लापरवाही हुई तो वे छोड़ेंगे नहीं.
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