बाएं पिता अबू बकर, बीच में अब्दुल रहमान और दाएं मां यास्मीन
अयोध्या के राममंदिर पर आतंकी हमले की साजिश के मामले में गुजरात एटीएस, एसटीएफ और आईबी ने हरियाणा के फरीदाबाद से संदिग्ध आतंकवादी अब्दुल रहमान को गिरफ्तार किया है. यही नहीं संदिग्ध आतंकी की निशानदेही पर सुरक्षा एजेंसियों ने दो ग्रेनेड बरामद किए हैं, जो खंडहर में छिपाए गए थे. वहीं बेटे की गिरफ्तारी की खबर से मां का रो-रोकर बुरा हाल है. मां ने बेटे अब्दुल को फंसाए जाने की बात कही है. वहीं अब्दुल रहमान के पिता ने कहा कि सही से जांच होनी चाहिए और अगर वो गुनाहागार है तो उसे सजा मिलनी चाहिए. लेकिन अगर उसे फंसाया गया है तो इसकी पूरी जांच होनी चाहिए और हमारे बेटे को वापस हमारे पास भेजा जाए.
मां ने कहा- मेरे बेटे को फंसाया जा रहा
अब्दुल रहमान की मां यास्मीन ने कहा कि मेरे बच्चे को फंसाया जा रहा है.उसने कभी ऐसा काम नहीं किया, ये सब झूठ है. हमारे एक ही लड़का है, तीन लड़कियां हैं. हमारे और कोई नहीं है. पाकिस्तान से मिलीभगत पर मां ने कहा कि हमें इस बारे में कुछ नहीं मालूम. वो तो बैटरी रिक्शा चलाता था. वह 4 महीने के दिल्ली गया था. उसका कोई कसूर नहीं, हमारा बच्चा बीमार रहता है. उसके दिल में छेद था. हमने उसका ऑपरेशन भी करवाया था.
बेटे ने कहा था दिल्ली दोस्त से मिलने जा रहा हूं : पिता अबू बकर
पिता अबू बकर ने कहा कि उसने कहा कि वह दोस्त के पास मिलने जा रहा है. हम जाने भी नहीं दे रहे थे. हमने कहा था कि ईद है मत जाओ. घर में दो पैसे की जरूरत है. 2 तारीख को उससे बात हुई थी, उसके बाद मोबाइल स्विच ऑफ हो गया. वो जिसके साथ गया था, हमने उससे पूछा कि वो कहां है, पता करके बताओ. उसने कहा था ठीक है. इसके बाद पुलिस आई तो पुलिस ने कहा कि कुछ नहीं उससे पूछताछ हो रही है. हमें बोलकर गया था कि दिल्ली अपने दोस्त से मिलकर जा रहा हूं. उसने पूरा डिटेल नहीं बताया.
अगर गुनाह किया हो तो जरूर सजा मिले : पिता
पिता ने आगे कहा कि अगर वो मुजरिम है, तो हम पहले अपने देश के लिए हैं, लेकिन तहकीकात करनी चाहिए कि बच्चे को बहला फुसलाकर फंसाया गया हो. हमने बहुत कहा कि बेटा मत जा. ईद का खर्चा है, लेकिन बोला 2 दिन के लिए जा रहे हैं, फिर आ जाएंगे. 1 मार्च को गया और 2 तारीख दोपहर से फोन बंद हो गया. उसके दिल में छेद था तो अहमदाबाद में हमने उसका ऑपरेशन करवाया था. जो पुलिस ने पूछा सारा डिटेल बता दिया था. इसकी पूरी छानबीन की जाए. अगर गुनाहागार है तो सजा मिले, लेकिन अगर फंसाया जा रहा है तो तहकीकात करके जांच करें और वो बेगुनाह है तो उसे हमारे पास वापस भेजें.उसने हमें कुछ नहीं बताया. वह मोबाइल भी हमको नहीं देता था. पुलिस जांच करने आई थी.हमने कोई मिलावट नहीं की, जो पता था वो बता दिया. इसकी पूरी एन्कवायरी हो. मेरी मीट की दुकान है, वो बैटरी रिक्शा चलाता था. दोनों काम से हमारा घर चलता था.
अब्दुल रहमान फर्जी पहचान के साथ फरीदाबाद में रह रहा था
सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों के अनुसार- अब्दुल आईएसआई के इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रोविंस से जुड़ा है. इसमें अब्दुल के अलावा और भी लोग शामिल हो सकते हैं, जिनकी तलाश पुलिस कर रही है. गुजरात एटीएस ने फरीदाबाद एसटीएफ की मदद से ऑपरेशन को अंजाम दिया. अब्दुल फरीदाबाद के पाली गांव में फर्जी पहचान के साथ रह रहा था. जब अधिकारियों ने उससे संपर्क किया तो उसने भागने की कोशिश भी की , लेकिन पुलिस ने उसे दबोच लिया.
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