उत्तर प्रदेश में 69,000 सरकारी शिक्षकों की भर्ती में कथित घोटाले के सिलसिले में आरोपियों की गिरफ्तारी करवाने वाले प्रयागराज के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रहे सत्यार्थ अनिरुद्ध के ट्रांसफर को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. सोमवार देर रात उनका तबादला कर दिया और उनको नई पोस्टिंग भी नहीं दी गई है. राज्य सरकार के इस कदम से विवाद पैदा हो गया है और विपक्ष का आरोप है कि आईपीएस अधिकारी को कथित घोटाले में गिरफ्तारी करने की सजा मिली है.
इस बीच, पता चला है कि सत्यार्थ अनिरुद्ध को प्रयागराज में कोरोना संदिग्ध वार्ड में भर्ती किया है. उनके अंगरक्षक (गनर) के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद उन्हें भर्ती किया गया है. प्रयागराज प्रशासन ने कहा कि सत्यार्थ अनिरुद्ध हाई रिस्क कॉन्टैक्ट हैं. इसीलिए उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उनकी रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जा रही है.
सत्यार्थ अनिरुद्ध उत्तर प्रदेश कैडर के 2010 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. प्रयागराज पुलिस प्रमुख के रूप में उनकी तैनाती अगस्त 2019 में की गई थी. पिछले हफ्ते प्रयागराज पुलिस ने 11 लोगों को घोटाले में गिरफ्तार किया था. जिससे बाद बड़ा विवाद खड़ा हुआ था.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने आईपीएस अधिकारी के तबादले पर सवाल उठाते हुए कहा, "प्रयागराज के SSP सत्यार्थ अनिरुद्ध का ट्वीट देख कर आश्चर्य हुआ. जिस समय उन्होंने इतने बड़े घोटाले का खुलासा किया है, उनके जाने से जांच का नुकसान न हो. वजह जो भी है, ऐसे अफसरों को पब्लिक का पूरा समर्थन मिलना चाहिए जो ईमानदारी से, निर्भय होकर अपना कर्तव्य निभाते हैं. आपको हमारी शुभकामनाएं. यह विश्वास है कि जहां भी आपकी ड्यूटी होगी वहां आप सच्चाई और प्रशासन की पारदर्शिता के लिए काम करेंगे.
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