विज्ञापन
This Article is From Jan 28, 2018

यूपी के कासगंज में भड़की हिंसा से इन तीन परिवारों पर टूटा आफत का पहाड़

शुक्रवार को संघ समर्थित छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और विश्‍व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं द्वारा निकाली जा रही तिरंगा बाइक रैली के दौरान हुए संघर्ष में चंदन गुप्‍ता नाम के युवक की गोली लगने से मौत हो गई थी.

यूपी के कासगंज में भड़की हिंसा से इन तीन परिवारों पर टूटा आफत का पहाड़
मोहम्‍मद अकरम (बाएं) की आंख में गंभीर चोट आई है जबकि झड़प में चंदन गुप्‍ता (दाएं) की मौत हो गई
कासगंज: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कासगंज में भड़की हिंसा की वजह से तीन परिवारों पर आफत का पहाड़ टूट पड़ा है. इनमें से एक परिवार ने अपना 22 साल का बेटा खोया है, जबकि दो परिवारों के लोग स्‍थानीय अस्‍पतालों में अपनों के जख्‍म ठीक होने का इंतजार कर रहे हैं. शुक्रवार को भड़की हिंसा में जिस युवक की मौत हुई थी उसका शनिवार को अंतिम संस्‍कार किया गया. इसके बाद एक बार फिर हिंसा भड़क उठी. शनिवार की हिंसा के बाद अब तक 49 लोग गिरफ्तार किये जा चुके हैं.

शुक्रवार को संघ समर्थित छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और विश्‍व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं द्वारा निकाली जा रही तिरंगा बाइक रैली के दौरान हुए संघर्ष में चंदन गुप्‍ता नाम के युवक की गोली लगने से मौत हो गई थी.

एक स्‍थानीय कॉलेज से कॉमर्स की पढ़ाई करने वाला चंदन गुप्‍ता एक स्‍थानीय गैर लाभकारी संस्‍था से जुड़ा था. उसके माता-पिता का कहना है कि वह कंबल बांटने और रक्‍दान जैसी मुहिमों में हिस्‍सा लिया करता था. अब चंदन का परिवार कासगंज में धरने पर बैठा है और जल्द से जल्द न्‍याय की मांग कर रहा है.
 
kasganj violence pti
शनिवार को भड़की हिंसा के दौरान बसों में आग लगा दी गई.

NDTV को मिले एक मोबाइल वीडियो में दिख रहा है कि सैकड़ों की संख्‍या में युवक हाथों में भगवा झंडे लिए एक गली में खड़े हैं. रिपोर्टों के अनुसार उन्‍हें स्‍थानीय लोगों ने वहां से हटने को कहा, लेकिन उन्‍होंने इनकार कर दिया. वीडियो में उन्‍हें कहते हुए सुना जा सकता है कि वो अपना रास्‍ता नहीं बदलेंगे. वहां नारे लगाए गए, जिसमें कहा गया कि जो कोई भी भारत में रहना चाहता है उसे 'वंदे मातरम्' बोलना ही होगा.

रिपोर्ट के अनुसार उसके तुरंत बाद हिंसा शुरू हो गई. हिंसा के दौरान पत्‍थरबाजी हुई और गोलियों की आवाज भी सुनी गई.
 
kasganj
शनिवार को भड़की हिंसा के बाद 49 लोगों को गिरफ्तार किया गया.

नौशाद नाम का एक मजदूर, जो अपने काम से घर लौट रहा था, वह भी गोलीबारी की चपेट में आ गया. उसके पैर में एक गोली लगी. एक स्‍थानीय अस्‍पताल में भर्ती नौशाद ने बताया, 'मैं उस वक्‍त कुछ नहीं कर सका. जब तक मैं जान पाता, मुझे मेरे पैर में तेज दर्द महसूस हुआ.' डॉक्‍टरों का कहना है कि वह अब खतरे से बाहर है.
 
naushad
हिंसा की चपेट में आए नौशाद के पैर में गोली लगी.

लखीमपुर खीरी निवासी मोहम्‍मद अकरम अपनी कार से कासगंज शहर से होते हुए अपनी गर्भवती पत्‍नी से मिलने अलीगढ़ जा रहे थे जिनका जल्‍द ही ऑपरेशन होने वाला था. तभी भीड़ ने उनकी कार पर हमला कर दिया, उन्‍हें कार से खींच लिया और उनकी आंख निकालने की कोशिश की. किसी तरह वह वहां से बचकर निकले. अलीगढ़ के अस्‍पताल में उनकी आंख का ऑपरेशन हुआ है और वो फिलहाल वहीं भर्ती हैं.

अकरम ने कहा, 'मैंने कभी कल्‍पना भी नहीं की थी ऐसा कुछ हो सकता है.' उन्‍होंने कहा कि उन्‍होंने भीड़ को अंधेरे में देखा, उन्‍हें लगा कि वो पुलिसवाले हैं. जल्‍द ही वह भीड़ मुझपर टूट पड़ी. मैंने हाथ जोड़कर उनसे विनती की, लेकिन उन लोगों ने मुझे प्रताड़ित किया. मुझे पीटने और मेरी कार में आग लगा देने की धमकी देने के बाद उन्‍होंने मुझे जाने दिया. मुझे लगता है कि उनमें से कुछ में थोड़ी समझदारी बची थी.'

VIDEO: यूपी के कासगंज में फिर भड़की हिंसा, उपद्रवियों ने दो दुकानों में लगाई आग

यह अभी तक स्‍पष्‍ट नहीं हो सका है कि आखिर क्‍यों पुलिस इलाके में शांति कायम नहीं रख सकी. निषेधात्‍मक उपायों के तहत इलाके में लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगी है, साथ ही मोबाइल इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं. प्रशासन ने शांति बनाए रखने के लिए अतिरिक्‍त पुलिसबल भी बुला लिया है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com