
रामचरितमानस की चौपाई है- ‘मास दिवस कर दिवस भा मरम न जानइ कोइ, रथ समेत रबि थाकेउ निसा कवन बिधि होइ‘. चौपाई में तुलसीदास लिखते हैं कि रामलला का जब जन्म हुआ, तब सूर्यदेव अयोध्या पहुंचे. इतना मोहित हुए कि एक महीने अयोध्या में रह गए. इस दौरान अयोध्या में रात नहीं हुई. बाल राम के माथे पर तिलक करने के लिए रामनवमी पर खुद सूर्यदेव अयोध्या धाम में पधारे. रामनवमी का यह वह दृश्य था, जिसने हर किसी को अभिभूत कर दिया. रामनवमी के अभिजीत मुहूर्त पर श्री रामलला के ललाट पर सूर्य तिलक लगा. करीब 4 मिनट तक यह दुर्लभ संयोग रहा. देखिए अयोध्या धाम से आईं रामनवमी की अद्भुत तस्वीरें...
Watch: Ram Lalla is adorned with the 'Surya Tilak' on his forehead in Ayodhya on the occasion of Ram Navami
— IANS (@ians_india) April 6, 2025
(Video Source: DD) pic.twitter.com/ISQo9BUtaJ
Ayodhya Temple Surya Tilak Ram Mandir: अयोध्या धाम घटी दुर्लभ घटना की पूरी दुनिया साक्षी बनी. सूर्य तिलक के साथ ही मंदिर में आरती की गई. इससे पहले कुछ देर के लिए मंदिर के पट बंद किए गए.

गर्भगृह की लाइट बंद कर दी गई, ताकि सूर्य तिलक स्पष्ट नजर आए. सूर्य तिलक को लेकर शनिवार को आखिरी ट्रायल किया गया था. आठ मिनट तक चले इस ट्रायल के दौरान इसरो के साथ-साथ आईआईटी रुड़की और आईआईटी चेन्नै के एक्सपर्ट भी मौजूद रहे थे.

रामनवमी पर दूसरी बार रामलला के ललाट पर सूर्य तिलक किया गया हैॉ. इसका सीधा प्रसारण देश-दुनिया के लोगों ने देखा. रामनवमी के अवसर पर बीते साल भी रामलला का सूर्य तिलक किया गया था.
श्री राम नवमी के पावन पर्व पर प्रभु का सूर्यतिलक
— Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) April 6, 2025
Surya Tilak of Prabhu on the pious occasion of Shri Ram Navami pic.twitter.com/UCaweKHT7h
ट्रस्ट ने फैसला लिया है कि अगले बीस साल तक लगातार सूर्य तिलक होता रहेगा. श्राी रामजन्मोत्सव पर सूर्य तिलक का धार्मिक महत्व है. भगवान राम सूर्यवंशी थे यानी सूर्य उनके कुल देवता हैं.
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