- यूपी लोक सेवा आयोग के खिलाफ छात्रों ने PCS और आरओ-एआरओ परीक्षाओं से जुड़े मुद्दों पर महाआंदोलन का ऐलान किया है
- छात्रों का कहना है कि आंदोलन पूरी तरह गैर-राजनीतिक रहेगा और इसमें किसी भी राजनीतिक दल की भागीदारी नहीं होगी
- छात्र आयोग से वार्षिक परीक्षाओं का निश्चित कैलेंडर जारी करने और उसकी सख्ती से पालना करने की मांग कर रहे हैं
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के खिलाफ छात्रों ने सोमवार को महाआंदोलन का ऐलान किया है. संयुक्त प्रतियोगी छात्र हुंकार मंच इस महाआंदोलन की अगुवाई कर रहा है. छात्रों ने स्पष्ट किया है कि आंदोलन पूरी तरह गैर-राजनीतिक रहेगा और किसी भी राजनीतिक दल की भागीदारी स्वीकार नहीं की जाएगी.
छात्र पीसीएस–2024 (प्रारंभिक) और आरओ–एआरओ 2023 (प्रारंभिक) परीक्षा से जुड़े मुद्दों को लेकर ये आंदोलन करेंगे. उनका कहना है कि आयोग की ओर से फाइनल रिजल्ट घोषित होने के बावजूद संशोधित उत्तर कुंजी, सभी वर्गों का कटऑफ और अभ्यर्थियों के प्राप्तांक सार्वजनिक नहीं किए गए हैं, जिससे पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

छात्र संशोधित फाइनल उत्तर कुंजी, सभी वर्गों का कटआफ, अभ्यर्थियों की मार्क्स लिस्ट सार्वजनिक करने और आयोग की वेबसाइट पर ओएमआर शीट की कार्बन कापी उपलब्ध कराने की मांग कर रहे हैं.
यूपीपीएससी पर प्रस्तावित आंदोलन को लेकर छात्र सोशल मीडिया का भी सहारा ले रहे हैं. संयुक्त प्रतियोगी छात्र हुंकार मंच की ओर से जारी किए गए पोस्टर में लिखा है, "भ्रष्टाचार के खिलाफ महाआंदोलन". पोस्टर के बैकग्राउंड में आयोग के गेट पर प्रतियोगी छात्रों के आंदोलन की तस्वीर लगी हुई है.

छात्रों की क्या है मांग?
छात्रों ने मांग की है कि आयोग एक निश्चित और पारदर्शी वार्षिक कैलेंडर जारी करे और उसका सख्ती से पालन करे. परीक्षाओं की तारीखों में बार-बार बदलाव, समय पर परिणाम जारी न होना और भर्ती प्रक्रिया को बेवजह लंबा खींचना छात्रों के लिए एक परेशानी का विषय है. रिजल्ट जारी में पारदर्शिता की कमी, विशेषकर मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं को पब्लिक न करने या उनकी सही जांच न होने के आरोप भी प्रदर्शन का कारण बने हैं.
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