कानपुर में अधिकारियों ने गुरुवार को शत्रु संपत्ति अधिनियम, 1968 के तहत ‘बाबा बिरयानी' दुकान के मालिक की पॉश बेकनगंज इलाके में एक व्यावसायिक तीन मंजिला इमारत सहित दो संपत्ति को जब्त कर लिया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने सबसे पहले वाणिज्यिक परिसर की जब्ती की प्रक्रिया पूरी की और मुख्तार बाबा के आवासीय भवन ‘दारुल-मौला' पर नोटिस लगाया, जो लगभग 400 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है और इसकी कीमत पांच करोड़ रुपये से अधिक है.
एक अधिकारी ने कहा कि आवासीय भवन में रहने वालों को अपना किराया सरकार को जमा करने के लिए कहा गया है. जिलाधिकारी (डीएम) विशाल जी अय्यर ने पीटीआई-भाषा को बताया कि जब्ती की कार्रवाई के दौरान दोनों जगहों पर अत्यधिक संख्या में पुलिस और प्रादेशिक सशस्त्र बल (पीएसी) की तैनाती की गई थी.
उन्होंने फोन पर कहा, ‘‘हमने शत्रु संपत्ति अधिनियम, 1968 के तहत ‘बाबा बिरयानी' दुकान के मालिक मुख्तार उर्फ बाबा की कई करोड़ रुपये मूल्य की व्यावसायिक परिसर सहित दो संपत्ति जब्त की है.'' अय्यर ने कहा, ‘‘दोनों इमारतें शत्रु संपत्ति के अधीन हैं, जिसे खरीदा या अतिक्रमण नहीं किया जा सकता है। ऐसी संपत्ति प्रशासन के कब्जे में रहती हैं.''
उन्होंने कहा कि व्यावसायिक इमारत में बाबा बिरयानी, बाबा स्वीट और बाबा लस्सी की दुकानें हैं. डीएम ने कहा कि लखनऊ से शत्रु संपत्ति के संरक्षक एवं सहायक संरक्षक द्वारा वाणिज्यिक भवन को जब्त करने और आवासीय भवन पर कब्जा करने के लिए पत्र जारी किया गया था.
मुख्तार बाबा को पिछले साल कानपुर में तीन जून को हुई हिंसा के लिए वित्तपोषण करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. 175 दिनों के बाद दिसंबर के मध्य में उन्हें जमानत पर रिहा किया गया था. मुख्तार की गिरफ्तारी मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी को धन मुहैया कराने और चंद्रेश्वर हाता खाली कराने की साजिश में शामिल होने के आरोप में की गई थी.
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