दिल्ली (Delhi) से सटे गाजियाबाद (Ghaziabad Oxygen) में ऑक्सीजन की कमी से दर्जनभर प्राइवेट अस्पतालों ने नए मरीजों का दाखिला रोक दिया है. साथ ही कई जगह मरीजों के परिजन अब ऑक्सीजन का बंदोबस्त कर रहे हैं. हालात इतने खराब हैं कि ऑक्सीजन की कमी के चलते एक अस्पताल ने प्रशासन से टेकओवर करने की गुहार लगाई है. ऑक्सीजन की कमी से COVID-19 मरीजों पर दोहरी मार पड़ रही है. गाजियाबाद में एक निजी अस्पताल की एंबुलेंस मरीजों को लाने ले जाने की जगह खाली ऑक्सीजन सिलेंडरों को भरने ले जा रही है.
बिना ऑक्सीजन प्रशासन की सांसें अटकी हैं क्योंकि वैशाली के चंद्रलक्ष्मी अस्पताल के 118 कोविड मरीजों के लिए महज एक घंटे की ऑक्सीजन बची है. इससे परेशान होकर अस्पताल के MD मुकेश गोयल ने पत्र लिखकर प्रशासन से अस्पताल को टेकओवर करने की अपील की है. मुकेश गोयल हाथ जोड़कर मरीजों से कह रहे हैं कि उनके पास ऑक्सीजन नहीं है, दवा नहीं है, वे और मरीजों को अस्पताल में भर्ती नहीं कर सकते.
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मुकेश गोयल ने कहा, 'मैंने पत्र लिखा है कि प्रशासन टेकओवर करे, हम उनके निर्देश में अस्पताल चलाएंगे. मरीजों की देखभाल करने के बजाय मैं दिन-रात ऑक्सीजन खोज रहा हूं.'
इंदिरापुरम के अवंतिका अस्पताल में भी अफरातफरी मची हुई है क्योंकि अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म हो चुकी है. अब मिथिलेश कुमार जैसे कई पिता कोविड से जूझ रहे अपने बच्चों के लिए खुद की गाड़ी से ऑक्सीजन लेकर आ रहे हैं.
मिथिलेश कुमार ने कहा, 'मोदी जी मेरे बेटे ने अपनी गुल्लक तोड़कर 5100 रुपये पीएम केयर फंड में दिए थे. ऑक्सीजन तो दिला दो.' अवंतिका अस्पताल के संचालक मानते हैं कि इस बार मरीजों को इंफेक्शन ऐसा हो रहा है कि उन्हें ज्यादा दिन तक ऑक्सीजन देनी पड़ रही है.
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अस्पताल के संचालक युवराज शर्मा ने कहा, 'इस समय मरीजों की संख्या भी बढ़ी है और ठीक होने में वक्त लग रहा है. कुछ लोगों ने ऑक्सीजन और दवा जमा कर ली है, इसकी वजह से ऑक्सीजन की किल्लत है.'
गाजियाबाद में चंद्रलक्ष्मी और अवंतिका समेत दर्जनभर से ज्यादा निजी अस्पताल ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे हैं लेकिन गाजियाबाद प्रशासन प्रेस नोट भेजकर लगातार कह रहा है कि ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है.
एक तरफ कोविड संक्रमित मरीजों को बेड के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है, बेड मिल गया तो ऑक्सीजन की सप्लाई भी मरीजों को खुद से करनी पड़ रही है, ऑक्सीजन भी मिल गई तो दवा के लिए भटकना पड़ रहा है. सरकार और विपक्ष के ज्यादातर नेता क्वारंटाइन हो चुके हैं और सड़क पर कोहराम मचा है.
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