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Facebook पर मॉडलिंग ऑफर, लाखों की सैलरी का लालच, पोर्नोग्राफी के लिए ऐसे हायर होती थीं लड़कियां !

ED सूत्रों के मुताबिक, नोएडा में फ्लैट पर जब रेड मारी गई तो वहां इस रैकेट में काम करने वाली 3 लड़कियां मिली, जो उस वक़्त ऑनलाइन जुड़ी हुई थी. और क्या कुछ पता चला आगे जानिए.

पोर्नोग्राफी रैकेट मामले में बड़े खुलासे. (AI फोटो)

नोएडा:

ईडी ने 28 मार्च को नोएडा में छापेमारी कर पोर्न साइट के लिए कंटेंट मुहैया करवाने वाले गिरोह का पर्दाफाश (Noida  Pornography racaket Busted)  किया था. विदेश से हो रही अवैध फंडिंग की जांच के दौरान जांच एजेंसी इन गिरोह तक पहुंची. जांच एजेंसी ने  इस मामले में कई बड़े खुलासे हुए हैं. इस गिरोह को एक कपल चला रहा था. यह कपल ने नोएडा के एक फ्लैट में अवैध स्टूडियो बनाकर पोर्न वीडियो शूट कराता था. पोर्नोग्राफी रैकेट कैसे कर रहा था काम. इसका खुलासा किया गया है. 

कपल नोएडा के फ्लैट में चलाता था पोर्नोग्राफी रैकेट

सूत्रों के मुताबिक उज्जवल किशोर और नीलू श्रीवास्तव नाम के पति-पत्नी पिछले पांच साल से यह सिंडिकेट चला रहे थे.

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पहले रूस, अब भारत में पोर्नोग्राफी रैकेट

कपल ने बैंक में गलत पर्पस कोड देकर विदेशी कंपनियों से पैसा मंगवाया. बैंक में इस पैसे को एडवरटाइजिंग और मार्केटंग रिसर्च से रिलेटेड दिखाया गया. अब तक की जांच में 15.66 करोड़ रुपये की अवैध फॉरेन फंडिंग का खुलासा हुआ है.
मुख्य आरोपी पहले रूस में एक ऐसे ही सिंडिकेट का हिस्सा रह चुका है. बाद में भारत आकर उसने अपनी पत्नी के साथ इस पोर्नोग्राफी रैकेट को शुरू किया.

Facebook के जरिए होती थीं लड़कियां हायर

ये सिंडिकेट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक के जरिए काम कर रहा था.सूत्रों के मुताबिक आरोपी ने फेसबुक पर एक पेज बनाया था.जिसमें लड़कियों को मॉडलिंग के ऑफर और मोटी सैलरी का लालच दिया जाता था. दिल्ली-एनसीआर की कई लड़कियों ने इस पेज के जरिए कपल से संपर्क किया. जब वे नोएडा के फ्लैट पर ऑडिशन के लिए पहुंचीं तो आरोपी महिला ने उनको पोर्न रैकेट का हिस्सा बनने का प्रस्ताव दिया. आरोपी लड़कियों को 1 से 2 लाख रुपये महीने कमाने का लालच देते थे. कई लड़कियां पैसे के लालच में आकर इस रैकेट का हिस्सा बन भी गईं. 

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कैसे काम करती थीं लड़कियां?

ED सूत्रों के मुताबिक, नोएडा में फ्लैट पर जब रेड मारी गई तो वहां उन्हें इस रैकेट में काम करने वाली 3 लड़कियां भी मिली, जो उस वक़्त ऑनलाइन जुड़ी हुई थी. ED ने इन तीनों लड़कियों के भी बयान दर्ज किए है. जांच एजेंसी के मुताबिक 
ऑनलाइन पोर्नोग्राफी के दौरान लड़कियों के भी अलग-अलग तरीके के टास्क होते थे. मतलब कस्टमर जितना पैसा भेजता था उसी हिसाब से लड़कियां एक्ट करती थीं. जैसे, हाफ फेस शो (जहां चेहरा आधा दिखता था), फुल फेस शो (जहां पूरा चेहरा दिखता था), न्यूड कैटेगरी (जिसमें पूरी तरह नग्नता होती थी) आदि. 

सर्विस लेने के लिए ग्राहकों को टोकन खरीदने पड़ते थे. इसके लिए उनसे अलग-अलग रकम वसूली जाती थी. इस कमाई का 75% हिस्सा पति-पत्नी के पास जाता था, जबकि 25 प्रतिशत हिस्सा लड़कियों को दिया जाता था.

कैसे मिलती थी पोर्नोग्राफी की पेमेंट?

कस्टमर का पैसा ऑनलाइन पोर्नोग्राफी रैकेट चलाने वाले लोगों के पास सबसे पहले क्रिप्टो करंसी के जरिए आता था. उसके बाद कपड़े गए पति-पत्नी के पास आता था. जांच एजेंसियों को शक है कि इस रैकेट के जरिए अब तक हजारों लड़कियां हायर की जा चुकी होंगी. अधिकारियों का मानना है कि देशभर में इस तरह के ऑनलाइन रैकेट की संख्या लाखों में हो सकती है.  ED ने जब नोएडा के फ्लैट पर छापा मारा, तो वहां एक प्रोफेशनल वेबकैम स्टूडियो मिला. फ्लैट के ऊपरी हिस्से को एक हाई-टेक सेटअप में बदला गया था, जहां से ऑनलाइन कंटेंट प्रसारित किया जाता था. 
 

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