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This Article is From Feb 11, 2017

रामपुर जिले की स्‍वार-टांडा सीट पर नोटबंदी बना 'चुनावी मुद्दा' | लकड़ी उद्योग सकंट में

रामपुर जिले की स्‍वार-टांडा सीट पर नोटबंदी बना 'चुनावी मुद्दा' | लकड़ी उद्योग सकंट में
इस इलाके में करीब 50 फीसदी लोगों की रोजी-रोटी लकड़ी कारोबार से जुड़ी है.
नई दिल्‍ली: रामपुर जिले की स्‍वार-टांडा विधानसभा क्षेत्र में लकड़ी उद्योग सकंट में है. उत्‍तर प्रदेश के इस पिछड़े इलाके में करीब 50 फीसदी लोगों की रोजी-रोटी लकड़ी कारोबार से जुड़ी है. लकड़ी व्‍यापारी कहते हैं कि तीन महीने बाद भी नोटबंदी की मार आज भी झेलनी पड़ रही है, जो अब चुनावी मुद्दा भी है.

लकड़ी व्‍यापारी नुसरत कहते हैं कि 'हमारे मजदूर और कासगार परेशान हैं. बैंक से पैसा निकालना आज भी मुश्किल हो रहा है. मजदूर चैक लेना नहीं चाहते'. वहीं, लकड़ी व्‍यापारी जावेद का कहना है कि 'हमारे कई मजदूरों ने चैक के बारे में सुना भी नहीं है'. उध, एक अन्‍य लकड़ी व्‍यापारी रईस अहमद का कहना है कि मैं चार दिन से बैंक जा रहा हूं. पैसा नहीं निकल पाया.

यहां के मजदूरों की शिकायत है कि उन्‍हें मजदूरी के पैसे मिलने में हफ्तों की देरी हो रही है... जिससे घर चलाना मुश्किल हो रहा है.

एक लकड़ी मजूदूर कहते हैं कि हमारे पास बैंक अकाउंट नहीं है. कई बार पेमेंट एक महीना की देरी से मिलता है. जब मालिक के पास पैसा नहीं है तो हमें कहां से देंगे.

आम लोगों की नाराजगी की नब्‍ज पकड़ते हुए यहां से सपा-कांग्रेस और बसपा उम्‍मीदवारों ने नोटबंदी को अहम चुनावी मुद्दा बनाया है, जबकि बीजेपी प्रत्‍याशी ने सपा सरकार पर इस पिछड़े इलाके की अनदेखी करने को लेकर मोर्चा खोल रखा है.

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