- चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश समेत 12 राज्यों में विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण यानी एसआईआर शुरू करने का निर्णय लिया है
- UP में एसआईआर का उद्देश्य सभी पात्र मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में शामिल करना और डुप्लीकेट वोटर रोकना है
- एसआईआर की प्रक्रिया 28 अक्टूबर से शुरू होकर 4 दिसंबर 2025 तक चलेगी, इसके बाद मतदाता सूची का प्रकाशन किया जाएगा
चुनाव आयोग ने आज देश के 12 राज्यों में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन यानी एसआईआर शुरू करने की घोषणा की है. इन 12 राज्यों में एक नाम उत्तर प्रदेश का भी है. यूपी में लगभग सवा साल बाद विधानसभा चुनावों की तारीख़ों का ऐलान होना है. ऐसे में देश में सबसे ज़्यादा आबादी वाले उत्तर प्रदेश में एसआईआर को लेकर कल से कार्रवाई शुरू हो जाएगी.
उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग ने विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण यानी एसआईआर कराने का निर्णय लिया है. यह पुनरीक्षण आयोग कि तरफ़ से जारी किये गये दिशा-निर्देशों और समय-सारणी के अनुसार आयोजित किया जायेगा. इस एसआईआर का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी पात्र नागरिकों के नाम मतदाता सूची में सम्मिलित हों और कोई दो या उससे ज़्यादा जगह वोटर ना रह सके.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में इसके पहले एसआईआर साल 2003 में हुआ था. लगभग 22 साल के अंतराल के बाद एक बार फिर से भारत निर्वाचन आयोग के आदेश पर किया जाएगा. उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची को ट्रांसपेरेंट बनाने के लिए एसआईआर का काम कल यानी 28 अक्टूबर से शुरू होगा.
भारत निर्वाचन आयोग की तरफ़ से जारी कार्यक्रम के मुताबिक सबसे पहले 28 अक्टूबर से 03 नवम्बर तक एसआईआर से संबंधित तैयारी, प्रशिक्षण एवं काउंटिंग पेपर्स की प्रिंटिंग का काम करता जाएगा. इसके बाद 04 नवम्बर से 04 दिसम्बर 2025 तक बीएलओ घर-घर जाकर काउंटिंग पेपर्स का मतदाताओं को वितरण किया जायेगा एवं डॉक्यूमेंट्स को भरवाकर हासिल किया जायेगा.
एक महीने तक चलने वाली इस प्रक्रिया के बाद 05 दिसम्बर को मतदाता सूची का प्रकाशन होगा. दावे और आपत्तियां दाखिल किये जाने की अवधि 09 दिसम्बर, 2025 से 08 जनवरी, 2026 तक होगी. phir नोटिस जारी किये जाने, सुनवाई और सत्यापन व दावे और आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा.
यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि एसआईआर को लेकर प्रदेश में सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं. इसके लिए सभी जिला निर्वाचन अधिकारी, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी और बूथ लेविल अधिकारी को प्रशिक्षण दिया जा चुका है. उन्होंने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग की तरफ़ से निर्देश दिये गये हैं कि किसी भी बूथ पर 1200 से अधिक मतदाता न हों, इसके लिए बूथों के सत्यापन की प्रक्रिया भी इस दौरान पूरी की जायेगी.
उत्तर प्रदेश में वर्तमान में लगभग 15.44 करोड़ मतदाता तथा 1.62.486 पोलिंग बूथ हैं. प्रदेश में 75 जिला निर्वाचन अधिकारी, 403 निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, 2042 सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी और 1,62,486 बूथ लेवल अधिकारी कार्यरत हैं.
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