
- मेरठ की मुस्कान, जो जेल में बंद है, लगभग छह महीने की गर्भवती है और जेल प्रशासन उसकी देखभाल कर रहा है.
- मुस्कान ने हाई कोर्ट से प्रेग्नेंसी के आधार पर जमानत की अपील की है ताकि बच्चे की बेहतर देखभाल हो सके.
- जेल में गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष SOP लागू है, जिसमें मेडिकल जांच और आवश्यक दवाइयां प्रदान की जाती हैं.
अपने पति की हत्या कर शव के टुकड़ों को नीले ड्रम में भरने की घटना से चर्चाओं में आई मेरठ की मुस्कान एक बार फिर सुर्खियों में है. इस बार वजह किसी की हत्या नहीं बल्कि उसकी वो चाहत है जो उसने जेल प्रशासन के सामने रखी है. आपको बता दें कि मुस्कान बीते कई महीनों से जेल में बंद हैं. वो अब करीब छह महीने की गर्भवती है. जेल प्रशासन उसका और उसके बच्चे का ख्याल रख रहा है.
मेरठ जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्मा ने एक खास बातचीत में मुस्कान की इस ख्वाहिश से लेकर उसकी जमानत की इच्छा और उसके नशे की आदत के बारे में सबकुछ बताया है. मुस्कान चाहती है कि प्रेग्नेंसी के ग्राउंड पर बच्चे की देखरेख के लिए और डिलीवरी तक और जब तक बच्चा छोटा है तब तक उसे जमानत दे दी जाए.उसकी तरफ से ऐसी अपील हाई कोर्ट से की गई है. हाईकोर्ट जैसा आदेश देगा उसका पालन किया जाएगा. वो चाहती है कि उसका बच्चा भगवान कृष्ण जैसा पैदा हो. मुस्कान चाहती है कि उसे जमानत मिले.
क्योंकि जेल में ही जन्में थे कृष्ण
वीरेश राज शर्मा ने बताया था कि मुस्कान ने कहा है भगवान श्रीकृष्ण का जन्म जेल में हुआ था और अब वह चाहती है कि उसका बच्चा भी उन्हीं के जैसा हो. भगवान कृष्ण जैसा बच्चा हो.वीरेश राज शर्मा के अनुसार हर मां यही चाहती है कि बच्चा भगवान कृष्ण जैसा हो और यही ख्वाहिश मुस्कान की भी है. उन्होंने इस बात की जानकारी भी विस्तार से दी कि जेल में मुस्कान का ध्यान कैसे रखा जा रहा है.
जेल अधीक्षक ने कहा था कि गर्भवती महिलाओं की एक एसओपी को जेल में फॉलो किया जाता है. इस एसओपी के तहत जेल के डॉक्टर उसका चेकअप करते हैं और बाहर से भी गायनोकोलॉजिस्ट आती हैं. हर 15 दिन में उसका चेकअप होता है. अगर जरूरत पड़ती है तो जिला महिला अस्पताल में भेजा जाता है. तीनों स्तर पर काम हो रहा है. जो दवाईयां लिखी गई हैं, वह भी उसे प्रोवाइड कराई जा रही है. उसकी प्रेग्नेंसी नॉर्मल है और जो डाइट लिखी गई है जैसे फल, दूध आदि वो भी उसे दिए जा रहे हैं.
कैसे छूटी मुस्कान की नशे की लत
मुस्कान और साहिल दोनों ही नशे के आदी थे लेकिन अब जेल में उनकी यह लत छूट गई है. जब जेल अधीक्षक से पूछा गया था कि यह कैसे हुआ तो उनका कहना था कि इसके लिए बड़ी मेहनत की गई. शुरुआत में मुस्कान को नशे की बहुत बड़ी समस्या थी और वह दोनों तरह का नशा जिसमें सूखा और इंजेक्शन से लिया गया नशा शामिल है, करती थी. जेल में जो नशा मुक्ति केंद्र है, वहां पर उसका और साहिल का इलाज करवाया गया.
जमानत की है ख्वाहिश
दोनों ही अब जमानत चाहते हैं और इस पर जेल अधीक्षक ने बताया था कि साहिल के लिए वकील उसके घर वालों ने किया था और वह अपना केस खुद लड़ रहे हैं. मुस्कान के पास कोई वकील नहीं था. यहां से दोनों की जमानत खारिज हो चुकी है. साथ ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से यहां केस लड़ा गया था. अब हाई कोर्ट में एक प्रोवोनो लीगल सर्विस प्रोवाइड कराने के लिए हाई कोर्ट से अपील की गई है.
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