
Saurabh Rajput Murder Case: मेरठ की दिलदहला देने वाली घटना सौरभ राजपूत हत्याकांड की आरोपी उसकी पत्नी मुस्कान रस्तोगी और साहिल शुक्ला मेरठ के चौधरी चरण सिंह जिला कारागार जेल में बंद है. पुलिस की जांच में इस मामले में रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं. मुस्कान ने अपने प्रेमी साहिल शुक्ला के साथ मिलकर जिस बर्बर तरीके से पति सौरभ राजपूत की हत्या की थी, उससे हर कोई हैरान है. मुस्कान के परिजन भी इस मामले में खुद को अलग कर चुके हैं. दूसरी ओर अब यह जानकारी सामने आई है कि मुस्कान के माता-पिता ने केस लड़ने से इंकार कर दिया है. जिसके बाद मुस्कान रस्तोगी ने सरकारी वकील की मांग की है.
मुस्कान ने की सरकारी वकील की मांग
मिली जानकारी के अनुसार मेरठ जिला जेल में बंद मुस्कान रस्तोगी ने शनिवार को जेल सुपरिटेंडेंट से सरकारी वकील की मांग की है. दूसरी ओर उसके प्रेमी साहिल शुक्ला ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि उसे सरकारी वकील चाहिए या नहीं. उसका कहना है कि वह पहले अपने परिवार वालों से बात करेगा. अगर वे उसका केस नहीं लड़ते, तभी वह आगे निर्णय लेगा.
जेलर ने बताया- मुस्कान ने क्यों की सरकारी वकील की मांग
मेरठ जिला जेल के सीनियर जेल सुपरिटेंडेंट वीरेश राज शर्मा ने न्यूज एजेंसी IANS से बातचीत में बताया कि मुस्कान रस्तोगी ने कल मुझसे की इच्छा जताई थी. जब मैं मिला, तब उनसे बताया कि उसकी परिवार इस घटना के बाद उससे नाराज है. परिवार के लोग केस नहीं लड़ेंगे. ऐसे में उसने सरकारी वकील की मांग की है.
वीरेश राज शर्मा ने कहा कि बंदी का यह अधिकार है कि अगर उसके पास निजी वकील नहीं है, तो उसे सरकारी वकील दिया जाए. इसी के तहत मुस्कान का प्रार्थना पत्र कोर्ट में भेजा जा रहा है.
जेल में बेचैन है मुस्कान और साहिल
जेल अधीक्षक ने बताया कि रविवार होने के कारण सोमवार को कोर्ट में मुस्कान की अर्जी दी जाएगी. उन्होंने यह भी बताया कि जेल में मुस्कान और साहिल दोनों बेचैन है. मुस्कान और साहिल दोनों नशे की लत से जूझ रहे हैं. चिकित्सा परीक्षण में यह बात सामने आई है कि दोनों नशे के आदी हैं.
जेलर और डॉक्टरों की निगरानी में दोनों
जेल प्रशासन ने इनकी स्थिति को देखते हुए इलाज शुरू कर दिया है. जेल अधीक्षक और डॉक्टरों की निगरानी में दोनों का उपचार चल रहा है. नशे से छुटकारा दिलाने के लिए दवाइयों के साथ-साथ काउंसलिंग भी की जा रही है. जेल में चल रहे नशा मुक्ति केंद्र के जरिए दोनों को योग, ध्यान और शारीरिक गतिविधियों में शामिल किया गया है.
नशे के लिए बेचैनी, दी जा रही दवाएं
वीरेश राज शर्मा ने बताया कि नशे के कारण होने वाले 'विड्रॉल सिम्टम्स' (नशा छोड़ते वक्त होने वाले शारीरिक और मानसिक बदलाव) को रोकने के लिए भी दवाएं दी जा रही हैं. केंद्र 10 से 15 दिनों में दोनों को नशे से मुक्त कराने की कोशिश में है.
काउंसलिंग, योग के जरिए दोनों को समझाया जा रहा
जेल अधीक्षक ने यह भी कहा कि मेरठ जिला कारागार में कई बंदी नशे की समस्या के साथ आते हैं. समाज में नशे की बढ़ती समस्या को देखते हुए जेल में नशा मुक्ति केंद्र चलाया जाता है. यहां काउंसलिंग, योग और अन्य गतिविधियों के जरिए बंदियों को नशे से दूर करने की कोशिश की जाती है. मुस्कान और साहिल के मामले में भी यही प्रयास जारी है.
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