फाइल फोटो
- 'रावण' मायावती की रणनीति में फिट नहीं हो रहे हैं
- 'सम्मानजनक सीटें मिलीं तभी होगा गठबंधन'
- 'हमारी पार्टी गठबंधन के खिलाफ नहीं है'
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नई दिल्ली:
बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने कहा है कि भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर आजाद रावण से उनका कोई रिश्ता नहीं है और कुछ लोग अपने फ़ायदे के लिए उनसे रिश्ता जोड़ते रहते हैं. आपको बता दें कि यूपी के सहारनपुर में जातीय दंगे के आरोप में जेल गए भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर गुरुवार रात जब जेल से रिहा हुए तो उन्होंने मायावती को 'बुआ' कहा और ये भी कहा कि उन्हें मायावती से कोई शिकायत नहीं है लेकिन लगता है चंद्रशेखर रावण मायावती की सियासी रणनीति में फिट नहीं हो रहे हैं. ये अंदेशा पहले भी जताया जा रहा था कि दलित वोटबैंक को लेकर मायावती और चंद्रशेखर के बीच जंग शुरू हो सकती है. जब सहारनपुर में दंगा हुआ था उस समय मायावती ने आरोप लगाया था कि यह सब कुछ आरएसएस-बीजेपी के इशारे पर हो रहा है.
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वहीं मायावती ने लोकसभा चुनाव में एकजुटता की वकालत कर रहे विपक्षी दलों को साफ संदेश दिया और अपने इरादे भी जता दिये हैं. उन्होंने कहा है कि बीएसपी सिर्फ सम्मानजनक संख्या में सीटें मिलने की सूरत में ही किसी दल के साथ गठबंधन करेगी, वरना वह अकेले ही चुनाव मैदान में उतरेगी. मायावती ने यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा "लोकसभा चुनाव और उससे पहले कुछ राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में विपक्षी दलों की यह कोशिश होगी कि भाजपा को किसी भी कीमत पर सत्ता में आने से रोका जाए. इसके लिये गठबंधन करके चुनाव लड़ने की बात भी हो रही है." उन्होंने कहा "हमारी पार्टी गठबंधन के खिलाफ नहीं है, लेकिन इस बारे में पार्टी का शुरू से ही स्पष्ट रूख है. पार्टी किसी भी दल के साथ तभी कोई गठबंधन करेगी जब उसे सम्मानजनक सीटें मिलेंगी वरना हमारी पार्टी अकेले ही चुनाव लड़ना बेहतर समझती है."
VIDEO: रावण के रिहाई के क्या मायने?
इनपुट : भाषा से भी
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इनपुट : भाषा से भी
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