
- 25 वर्षीय निखिल ऑनलाइन एविएटर गेम की लत और लोन ऐप्स के कारण भारी कर्ज में फंस गया था
- कर्ज चुकाने के लिए उसने अपनी मां के गहने चोरी करने की कोशिश की और रंगे हाथ पकड़ा गया
- विवाद के दौरान निखिल ने अपनी मां पर पेंचकस से वार किए और गैस सिलेंडर से मारकर हत्या कर दी
एक सनसनीखेज हत्याकांड ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया है. ऑनलाइन गेमिंग और लोन ऐप्स की दलदल में फंसे एक बेटे ने पैसों के लिए अपनी ही मां की बेरहमी से हत्या कर दी. यह सिर्फ एक मर्डर नहीं, बल्कि डिजिटल लत के खौफनाक अंजाम की कहानी है.
एविएटर गेम की लत और 24,000 रुपये का कर्ज
पुलिस के अनुसार, 25 वर्षीय आरोपी निखिल ऑनलाइन जुए, खास तौर पर खतरनाक 'एविएटर' (Aviator) गेम का आदी था. इस लत ने उसे न सिर्फ मानसिक रूप से बीमार किया, बल्कि उस पर भारी कर्ज भी चढ़ा दिया. वह एविएटर में 24,000 रुपये हार चुका था, और साथ ही Mpocket, Flash Vallet, Ram Finecorp जैसे लोन ऐप्स से भी मोटी रकम उधार ले चुका था. कर्ज चुकाने के लिए लगातार आ रहे वसूली कॉल ने उसे इस कदर बेचैन कर दिया था कि उसने अपनी मां रेणु को ही निशाना बना लिया.

मां को रंगे हाथ पकड़ा
मां दो दिन पहले ही मायके से घर आई थी. 3 अक्टूबर की दोपहर को निखिल ने अपनी मां के घर लौटने का फायदा उठाया. उसका इरादा साफ़ था: मां के गहने चुराना और कर्ज चुकाना. जैसे ही वह चोरी कर रहा था, पड़ोस से लौटीं मां ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया.
मां और बेटे के बीच शुरू हुई बहस जल्द ही एक खूनी संघर्ष में बदल गई. आवेश में आकर, निखिल ने एक पेंचकस उठाया और अंधाधुंध अपनी मां के सिर पर 3 से 4 वार किए. जब मां खून से लथपथ होकर गिर गईं, तो बेटे का शैतान और जाग उठा. उसने बेरहमी से अपनी मां का सिर उठाकर पास रखे गैस सिलेंडर पर दे मारा, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई.
लूट और अपहरण की झूठी कहानी
हत्या करने के बाद, निखिल ने शातिर तरीके से पूरी घटना को लूट के दौरान हुई हत्या और खुद के अपहरण का रूप देने की कोशिश की. वारदात के बाद वह बड़े आराम से अपनी स्प्लेंडर बाइक से फरार हुआ. उसने घरवालों को फोन करके बताया कि कुछ लुटेरों ने मां को मारा है और अब वे उसके पीछे पड़े हैं.

सीसीटीवी ने खोला राज
लखनऊ पुलिस ने जब जांच शुरू की, तो निखिल की यह शातिर चाल नाकाम हो गई. सैंकड़ों सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद पुलिस को वह फुटेज मिली, जिसमें निखिल हत्या के बाद त्रिवेणी एक्सप्रेस में बैठकर प्रयागराज की ओर जा रहा था.
पुलिस ने उसकी बाइक चारबाग स्टेशन की पार्किंग से बरामद की, और जब उसने प्रयागराज पहुंचकर अपना फोन ऑन किया, तो उसकी लोकेशन ट्रेस हो गई. आखिरकार, लखनऊ पुलिस ने उसे फतेहपुर से धर दबोचा.
गर्लफ्रेंड और दोस्तों से भी मांगे थे पैसे
जांच में पता चला कि निखिल कर्ज के बोझ से इतना दब गया था कि उसने अपनी गर्लफ्रेंड और कई दोस्तों से भी पैसे मांगे थे, लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की. गिरफ्तारी से बचने के लिए भी वह लगातार अपने एक दोस्त से संपर्क में था और घटना से जुड़ी अपडेट ले रहा था.
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