
हर साल सावन के महीने में होने वाली कांवड़ यात्रा में नियमों को ठेंगा दिखाते बड़े बड़े DJ पुलिस प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बनते जा रहे हैं. इन हाई पावर विशालकाय DJ की वजह से ध्वनि प्रदूषण और सड़क जाम की समस्या तो बनती ही है, कभी कभी इन पर बजने वाले आपत्तिजनक गाने झगड़े फसाद का कारण भी बन जाते हैं.
11 जुलाई से है शुरुआत
इस साल भी कांवड़ यात्रा 11 जुलाई से शुरू होने वाली है, जिसमें उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली NCR सहित अनेक प्रदेशों के लाखों कांवड़िए हरिद्वार से गंगाजल लेकर अपने-अपने गंतव्य को जाते हैं. जुलाई अगस्त में होने वाली कांवड़ यात्रा के मद्देनजर मंगलवार, 24 जून को मेरठ में पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने DJ संचालकों की एक मीटिंग बुलाई और DJ संचालकों को शासन प्रशासन द्वारा निर्धारित नियम कानून के बारे में अवगत कराया. इस बैठक की संयुक्त अध्यक्षता मेरठ के एडीएम सिटी बृजेश सिंह और पुलिस अधीक्षक (नगर) आयुष विक्रम सिंह ने की.
क्या है स्पीकर की ऊंचाई
डीजे संचालकों को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि सुरक्षा को देखते हुए मानक से अधिक ऊंचाई (12 feet) या चौड़ाई (14 feet) वाले डीजे वाहन ना ले जाए. पुलिस प्रशासन के द्वारा ऐसे DJ को जिले की सीमा से बाहर ही रोक दिया जाएगा. ध्वनि नियंत्रण, तय मानक सीमा (dB level) और रात्रि 11 बजे के बाद डीजे संचालन पर रोक संबंधी प्रावधानों की सख्ती से अनुपालना के निर्देश दिए गए.
गानों का भी रखें ध्यान
आपत्तिजनक, भड़काऊ अथवा अश्लील गाने बजाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा. अक्सर देखा गया है किसी विशेष धर्म, वर्ग या जाति बहुल इलाकों से गुजरते हुए उन्हें चिढ़ाने वाले गाने DJ पर बजाए जाते हैं, जो एक बड़े झगड़े का कारण बन जाते हैं. कांवड़ यात्रा के दौरान रास्ते में रुक कर आपस में DJ कंपटीशन करने पर साफ रोक लगाई गई है, ऐसे कंपटीशन अक्सर झगड़े का कारण बन जाते हैं.
मेरठ की पुलिस लाइन के सभागार में बुलाई गई इस बैठक में अकेले मेरठ जिले के लगभग 200 DJ संचालकों ने भाग लिया. प्रशासन ने सभी डीजे संचालकों को धारा 168 B.N.S.S. के तहत औपचारिक नोटिस भी दिया, जिसके अनुसार यदि कोई DJ संचालकों शासन प्रशासन द्वारा निर्धारित नियमों का उल्लंघन करेगा तो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी.
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