
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयकर विभाग में तैनात भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के एक अधिकारी गौरव गर्ग पर महकमे के ही अन्य अफसर योगेंद्र कुमार मिश्रा ने गुरुवार को हमला कर दिया था, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अब आईआरएस के इन दोनों अधिकारियों के बीच पुराने समय से ही विवाद के कई सबूत सामने आ रहे हैं. इस बीच आरोपी योगेंद्र मिश्रा ने अपनी सफाई दी है.
योगेंद्र मिश्रा ने सोशल मीडिया में अपना पक्ष रखते हुए गौरव गर्ग पर आरोप लगाए हैं. उनका दावा है कि साल 2022 में वो कानपुर में गौरव गर्ग से ऊपर पहुंच गए. इस दौरान टैक्स के कुछ मामलों को लेकर उन्होंने गौरव गर्ग के काम में कुछ कमियों की शिकायत की. इस शिकायत को लेकर गौरव गर्ग ने पुलिस और मीडिया को हथियार बनाकर उनके ख़िलाफ़ साज़िश रची.

क्रिकेट मैच के दौरान शुरू हुआ था विवाद
क्रिकेट मैच के दौरान हुए विवाद पर उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के खेद जताने के बाद विवाद ख़त्म हो गया था. योगेन्द्र मिश्रा का दावा है कि क्रिकेट मैच का वीडियो एक पत्रकार ने सोशल मीडिया में डालकर 50 हज़ार रुपयों की मांग की तो उसकी शिकायत अधिकारियों से कर दी गई. इसी वीडियो के आधार पर उन्हें काशीपुर ट्रांसफर कर दिया गया. इसके बाद अपने ट्रांसफर को लेकर सूचना के तहत उन्होंने जानकारी मांगी और उसी सूचना के लिए वो गौरव गर्ग के पास पहुंचे थे.
आरोपी योगेन्द्र मिश्रा का दावा है कि गौरव गर्ग ने अपने दफ़्तर में सूचना देने से मना करते हुए अन्य लोगों के सामने गालियां दीं और हाथापाई की. उन्होंने दावा किया कि उनके दावे का सारा प्रमाण सीसीटीवी में दर्ज है और लखनऊ के पुलिस कमिश्नर को चिट्ठी लिखकर उन्होंने सीसीटीवी के आधार पर जांच की मांग की है.

योगेंद्र मिश्रा पर साथी अधिकारी से मारपीट और गाली-गलौज का आरोप
वहीं इससे पहले गौरव गर्ग ने आरोप लगाया था कि इसी साल फरवरी में लखनऊ के बीबीडी क्रिकेट ग्राउंड पर एक क्रिकेट मैच के दौरान जॉइंट कमिश्नर योगेंद्र कुमार मिश्रा ने क्रिकेट में खेलने और कप्तान बनाने का दबाव बनाकर हंगामा किया था. फाइनल मैच में हंगामा करते हुए वो पिच पर ही बैठ गए थे. वहीं इसका विरोध करने पर योगेंद्र मिश्रा ने साथी खिलाड़ी अधिकारियों और टीम को गालियां दी थीं.
उत्तर प्रदेश पुलिस के मुताबिक, मारपीट की घटना गुरुवार दोपहर करीब तीन बजे हजरतगंज थाना क्षेत्र में स्थित आयकर कार्यालय में हुई थी.
एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, विभाग से संबंधित किसी विवाद को लेकर एक अधिकारी ने आईआरएस अफसर गौरव गर्ग पर दफ्तर में ही कथित रूप से हमला कर दिया. इसके बाद गर्ग को इलाज के लिए सिविल अस्पताल ले जाया गया.

पुलिस उपायुक्त (मध्य लखनऊ) आशीष श्रीवास्तव ने बताया, 'आयकर विभाग में आईआरएस अधिकारी गौरव गर्ग ने हजरतगंज थाने को अपने साथ हुई मारपीट की सूचना दी. स्थानीय पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया.वह खतरे से बाहर हैं.' पुलिस अधिकारी ने बताया कि मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है.
अखिलेश यादव ने कानून व्यवस्था को लेकर प्रदेश सरकार को घेरा
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस घटना को लेकर राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर कानून व्यवस्था के मुद्दे पर कटाक्ष किया था. यादव ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, "भाजपा सरकार में अब तक पुलिस बनाम पुलिस हो रहा था, अब अधिकारी बनाम अधिकारी हो रहा है. लखनऊ में एक आईआरएस अधिकारी को बंधक बनाकर एक आयकर अधिकारी द्वारा पीटे जाने का मामला सामने आया है. इसकी जांच हो और पता किया जाए कि एक आईपीएस अधिकारी के पति के साथ ऐसी घटना क्यों घटी और इसके सूत्र किस-किस से जुड़े हैं."
यादव ने अपनी पोस्ट में गर्ग की पत्नी रवीना त्यागी का भी जिक्र किया, जो भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की अधिकारी हैं और लखनऊ में तैनात हैं.
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