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आंधी-तूफान आते ही घर की ओर दौड़ा सैर पर निकला शख्स, 100 मीटर दूरी पर गिरा पेड़, दबकर मौत

एनटीपीसी टाउनशिप में रहने वाले रामकृष्ण बुधवार की शाम जब सैर पर निकले तो उनको नहीं पता था कि वह कभी घर वापस नहीं लौटेंगे. आंधी-तूफान ने उनकी जिंदगी छीन ली, हुआ क्या जानें.

ग्रेटर नोएडा में पेड़ गिरने से शख्स की मौत.

ग्रेटर नोएडा:

दिल्ली-एनसीआर में बुधवार की शाम आए आंधी-तूफान (Delhi-NCR Storm) ने न जाने कितने हंसते-खेलते परिवार तबाह कर दिए. किसी ने पति खोया तो किसी ने पिता और बेटा. ग्रेटर नोएडा के एनटीपीसी टाउनशिप में रहने वाले टीचर रामकृष्ण के परिवार के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. परिवार को ये अंदाजा तक नहीं था कि सैर पर निकले रामकृष्ण की ये आखिरी शाम (Greater Noida NTPC Township Death) है. अब वह कभी घर वापस नहीं लौटेंगे. उनकी मौत घर से कुछ ही मीटर दूरी पर हुई. तूफान वाली शाम उनके साथ हुआ क्या था, जानें.

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सिर पर गिरा पेड़, दब कर 45 साल के शख्स की मौत

45 साल के रामकृष्ण हर शाम की तरह बुधवार को भी टहलने के लिए घर से निकले थे. इसी दौरान तेज आंधी-तूफान आ गया. तूफान से बचते उन्होंने घर वापस आने की कोशिश की. वह घर से कुछ ही मीटर की दूरी पर पहुंचे ही थे कि अचानक एक बड़ा पेड़ टूटकर उनके ऊपर गिर गया. पेड़ के नीचे दबकर रामकृष्ण की मौत हो गई. वह डीएवी इंटर कॉलेज में लैब टेक्नीशियन के तौर पर काम करते थे. तूफान खत्म होने के बाद जब सफाई कर्मियों ने सड़क से पेड़ हटाने शुरू किए तब जाकर उनको पता चला कि कोई शख्स पेड़ के नीचे दबा हुआ है. वे लोग उनको तुरंत एनटीपीसी अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी. 

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पेड़ हटाया तो मिला रामकृष्ण का शव

रामकृष्ण एनटीपीसी टाउनशिप में अपनी पत्नी और बेटे के साथ रहते थे. इस घटना से उनके परिवार में मातम का माहौल है. सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि उनको एनटीपीसी ने एक घायल व्यक्ति के बारे में जानकारी दी. यह शख्स सफाई अभियान के दौरान घायल हालत में मिला था. उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. उनकी टीम ने तुरंत स्वास्थ्य सुविधा केंद्र पहुंचकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा.

घर से 100 मीटर की दूरी पर मौत

रामकृष्ण के परिवार के सदस्यों के मुताबिक, वह बुधवार शाम 7 बजे के करीब वॉक के लिए निकले थे. तूफान के वावजूद भी वह नहीं रुके. मौसम खराब होते ही वह घर वापस लौटने लगे. घर से बमुश्किल 100 मीटर की दूरी पर वह तूफ़ान में फंस गए. या तो वह पेड़ के नीचे खड़े हो गए होंगे या फिर  लौटते समय पेड़ से टकरा गए होंगे. पेड़ की डाली सिर पर लगने की वजह से वह बुरी तरह घायल हो गए. जबकि उनके पत्नी और बेटे को लगा था कि तूफान आते ही वह किसी बिल्डिंग में जाकर छिप गए होंगे. उनको इस बात का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि रामकृष्ण के साथ इतना बड़ा हादसा हो गया है.

आंधी-तूफान ने उजाड़ दीं परिवार की खुशियां

गुरुवार को पोस्टमार्टम के बाद रामकृष्ण का शव परिवार को सौंप दिया गया. परिवार ने इस घटना को लेकर किसी भी तरह की शिकायत दर्ज नहीं करवाई है. बता दें कि बुधवार को दिल्ली-एनसीआर का पारा चढ़ा हुआ था. करीब 40 डिग्री की झुलसा देने वाली गर्मी के बाद शाम को अचानक तूफान आ गया. हवाएं 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने लगीं और भारी बारिश और ओलावृष्टि भी हुई, जिससे नोएडा और गाजियाबाद में छह लोगों की मौत हो गई.

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