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This Article is From Jan 26, 2020

देश का संविधान और गणतंत्र खतरे में, देश को दोबारा नहीं बंटने देंगे : यशवंत सिन्हा

गांधी शांति यात्रा लेकर निकले पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने उत्तरप्रदेश के सैफई में गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में भाग लिया

देश का संविधान और गणतंत्र खतरे में, देश को दोबारा नहीं बंटने देंगे : यशवंत सिन्हा
पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा (फाइल फोटो).
  • सिन्हा ने अखिलेश यादव के साथ 158 फुट ऊंचा तिरंगा झंडा फहराया
  • सिन्हा ने कहा- देश को धर्म के नाम पर बांटने की कोशिश हो रही
  • अखिलेश ने कहा- मौजूदा सरकार ने लोगों के अंदर डर पैदा कर दिया
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लखनऊ:

मुंबई से गांधी शांति यात्रा लेकर निकले पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा रविवार को उत्तरप्रदेश के सैफई पहुंचे. इस दौरान उन्होंने यहां पर आयोजित गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में भाग लिया. उन्होंने कहा कि देश को दोबारा नहीं बंटने देंगे. यशवंत सिन्हा ने समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव के साथ 158 फुट ऊंचा तिरंगा झंडा फहराया. यशवंत सिन्हा ने कहा, "हम लोग गांधीजी का सत्य, शांति और अहिंसा का संदेश लेकर यात्रा पर निकले हैं. इस यात्रा पर निकलने की इसलिए आवश्यकता पड़ी, क्योंकि आज देश का संविधान और गणतंत्र खतरे में है."

उन्होंने कहा कि आज जिस गणतंत्र और संविधान को 26 जनवरी, 1950 को बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के साथियों ने देश को दिया था, वह संविधान खतरे में है. सिन्हा ने कहा, "हमारा गणतंत्र खतरे में है, इसलिए गांधी शांति यात्रा की जरूरत आ पड़ी. पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, देश को धर्म के नाम पर बांटने की कोशिश हो रही है. लेकिन हम इसे दोबारा बंटने नहीं देंगे."

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, "हमारे भारत के लोगों में नफरत की खाई पैदा हो रही है, उसको कैसे दूर किया जाए. लोकतंत्र में अपनी बात सभी को कहने का अधिकार है, अगर हम किसी बात से असहमत हैं तो सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि सुनवाई होनी चाहिए."

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उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने लोगों के अंदर डर पैदा कर दिया है. सपा प्रमुख ने प्रश्न किया, "ये लोग देश को किस रास्ते पर लेकर जा रहे हैं? एक वह (महात्मा गांधी) थे, जो लाठी लेकर गुजरात से चले थे और यमुना के किनारे आखिरी सांस ली थी और ये लोग (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री शाह) निकले तो गुजरात से हैं और यमुना किनारे बैठे हैं. लेकिन ये लोग देश को बांटने का काम करना चाहते हैं."

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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