
यूपी के पूर्वांचल को आज (शुक्रवार को) दो बड़ी सौगातें मिली हैं. एक तरफ़ पीएम मोदी ने पटना से गोरखपुर के बीच वंदे भारत को सीवान से हरी झंडी दिखाकर शुरू किया तो वहीं दूसरी तरफ़ सीएम योगी आदित्यनाथ अपने गृह जनपद गोरखपुर को लिंक एक्सप्रेसवे का तोहफ़ा दे दिया. ये उत्तर प्रदेश के उस पूर्वांचल की तस्वीर है जिसे कभी पिछड़ेपन का प्रतीक समझा जाता था आज उसी पूर्वांचल में एक तरफ़ वंदे भारत तेज रफ़्तार से दौड़ रही है तो दूसरी तरफ़ गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे भी आज से शुरू हो गया.
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे सीएम योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट है. अपने गृह जनपद को एक्सप्रेसवे से जोड़ने का सपना सीएम योगी ने आज पूरा कर लिया. ये एक्सप्रेसवे गोरखपुर से शुरू होकर आजमगढ़ तक जाएगा. आजमगढ़ में ये पूर्वांचल एक्सप्रेसवे में जाकर मिल जाएगा. यानी अगर किसी को गोरखपुर से लखनऊ या गाजीपुर की तरफ़ जाना हो तो उसके पास अब एक्सप्रेसवे से आसान यात्रा करना भी संभव हो गया है.
यूपी अब कुल सात एक्सप्रेसवे वाला प्रदेश बन गया है
- पूर्वांचल एक्सप्रेसवे - लखनऊ से गाजीपुर (341 किमी)
- बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे - चित्रकूट से इटावा (296 किमी)
- आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे - आगरा से लखनऊ (302 किमी)
- यमुना एक्सप्रेसवे - ग्रेटर नोएडा से आगरा (165 किमी)
- दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे - मेरठ से दिल्ली (82 किमी)
- नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे (25 किमी)
- गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे (91 किमी)
ये हैं निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे
- गंगा एक्सप्रेसवे (591 किमी)
- बलिया लिंक एक्सप्रेसवे (35 किमी)
- लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे (63 किमी)
गोरखपुर से आज़मगढ़ के बीच शुरू हुए लिंक एक्सप्रेसवे से ना सिर्फ़ लोगों को आने जाने में सहूलियत मिलेगी बल्कि एक्सप्रेसवे के बगल में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर से नौकरी रोज़गार के नए मौके भी लगेंगे. विकास के इस कदम के साथ यूपी वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी के अपने लक्ष्य से थोड़ा सा और नज़दीक पहुंचता हुआ ज़रूर दिखाई दे रहा है.
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