उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जेवर के विकास के लिए भूमि दे रहे किसानों की मनचाही मुराद पूरी कर दी है. शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास पर किसानों के साथ खुले संवाद के बीच मुख्यमंत्री ने जेवर एयरपोर्ट के लिए तीसरे चरण के भूमि अधिग्रहण के एवज में देय प्रतिकर को 3,100 रुपये वर्गमीटर से बढ़ाकर 4,300 रुपये वर्गमीटर तक करने की घोषणा की. इसके अलावा नियमानुसार ब्याज भी देय होगा. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अधिग्रहण से प्रभावित हर एक किसान परिवार के व्यवस्थापन, रोजगार और सेवायोजन के भी समुचित प्रबंध किए जाएंगे.
मुख्यमंत्री की घोषणा को मनचाही मुराद बताते हुए सभी किसानों ने 'जय श्रीराम' के नारे से उनका अभिवादन किया और कहा कि अब लखनऊ से सीधा अयोध्याधाम जाकर श्रीरामलला के दर्शन-पूजन करेंगे. इस विशेष अवसर पर मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अगले वर्ष अप्रैल में प्रधानमंत्री मोदी के कर-कमलों से एशिया के सबसे बड़े नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन किया जाएगा.
शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जेवर के अंतिम फेज के भूमि प्रदाता किसानों से संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी ने सभी किसानों से संवाद किया, उनकी आशंका, जिज्ञासाओं और मांग के बारे में बातचीत की.
संवाद कार्यक्रम के बीच मुख्यमंत्री ने सीईओ यीडा को मंच पर बुलाया और अब तक दो चरणों में हुए भूमि अधिग्रहण और प्रभावित किसान परिवारों के व्यवस्थापन के बारे में पूछा. सीईओ ने किसानों के सामने मुख्यमंत्री को एक-एक कर सारी गतिविधियों की जानकारी दी और बताया कि वर्तमान में केवल उन्हीं को प्रतिकर दिया जाना शेष है, जिनका उत्तराधिकार, वरासत आदि से संबंधित प्रकरण लंबित हैं. मुख्यमंत्री ने सीईओ को हर एक किसान से मिलने और उनकी समस्याओं के निस्तारण को शीर्ष प्राथमिकता देने के निर्देश दिए.
इस विशेष अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जेवर की वेलीडेशन फ्लाइट की सफलतापूर्वक लैंडिंग 9 दिसंबर को की जा चुकी है और अप्रैल 2025 से यहां से उड़ान सेवा भी प्रारंभ हो जाएगी. अब यहां 40 एकड़ क्षेत्रफल में एमआरओ का भी विकास होगा. यहां दुनिया भर के विमानों का मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहॉलिंग भी किया जा सकेगा.
सीएम योगी ने कहा कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की स्थापना से औद्योगिक अवस्थापना का संरचनात्मक विकास होगा, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, विनिर्माण एवं निर्यात को प्रोत्साहन मिलेगा तथा हवाई यातायात सुगम होगा. साथ ही पर्यटन में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी. इस एयरपोर्ट के निकट कई औद्योगिक सेक्टरों का विकास यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में हुआ है. आने वाले दिनों में यह क्षेत्र सबसे बड़ा औद्योगिक और सर्विस सेक्टर की गतिविधियों का केंद्र बनने जा रहा है.
उन्होंने कहा कि जेवर अब तक अंधेरे में डूबा हुआ था, अब वैश्विक पटल पर चमकने का समय है. अगले 10 वर्षों में यह देश का सबसे विकसित क्षेत्र होगा, पूरी दुनिया यहां की समृद्धि को देखेगी. इससे पहले मुख्यमंत्री आवास पर किसानों का स्वागत करते हुए उनकी एयरपोर्ट के विकास में सहयोग के लिए सराहना भी की. उन्होंने कहा कि अब तक मात्र दो वर्षों में इसके लिए 1,334 हेक्टयर यानी लगभग 3,300 एकड़ भूमि का अधिग्रहण बिना किसी विवाद के संपन्न हुआ. सारी कार्रवाई किसानों की सहमति से हुई.
उन्होंने कहा कि इस एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी ईस्टर्न पेरीफेरल रोड से भी यमुना एक्सप्रेसवे पर इंटर्चेंज बनाकर की जाएगी. दिल्ली वाराणसी हाई स्पीड रेल से भी नोएडा एयरपोर्ट के टर्मिनल के पास स्टेशन बना कर जोड़ा जाना है, साथ ही नई दिल्ली और ग्रेटर नोएडा से जोड़ने के लिए आरआरटीएस रेल की डीपीआर का अनुमोदन राज्य सरकार द्वारा दी जा चुकी है तथा इसे अंतिम अप्रूवल के लिए भारत सरकार को भेज किया गया है. यही नहीं, नोएडा एयरपोर्ट को दिल्ली-वाराणसी हाईस्पीड रेल से भी जोड़ा जा रहा है, जिसका स्टेशन नोएडा एयरपोर्ट के टर्मिनल के पास होगा. इसके बाद दिल्ली से नोएडा एयरपोर्ट की दूरी मात्र 21 मिनट में तय होगी. इसके अलावा, नोएडा एयरपोर्ट को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से बल्लभगढ़ (हरियाणा) से जोड़ा जा चुका है. यह 30 किमी लंबा है, जिसमें से 8.5 किमी उत्तर प्रदेश में तथा 21.5 किमी हरियाणा में स्थित है. इस हेतु एनएचएआई द्वारा निर्माण की कार्रवाई की जा रही है.
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