उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव और वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ. (फाइल फोटो)
उन्नाव/लखनऊ:
यूपी में मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्मदाह की कोशिश करनेवाली उन्नाव की रेप पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत के मामले में थाना प्रभारी समेत 6 पुलिसवालों को संस्पेंड किया गया है. साथ ही पिटाई के मामले में 4 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. इसके बाद से यूपी की राजनीति में काफी उबाल आ गया है.
इस मामले में सोमवार को चुप्पी तोड़ते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि घटना काफी दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि लखनऊ जोन के अपर पुलिस महानिदेशक से मामले की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं. सरकार और कानून इस घटना के दोषियों के साथ कोई रियायत नहीं करेगा. जो भी दोषी होंगे, चाहे वे कितने भी ताकतवर क्यों न हों, किसी सूरत में नहीं बख्शे जाएंगे. वहीं, इस मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए कहा कि प्रदेश में अपराधियों की जगह नारी आतंकित हो रही हैं.'
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गौरतलब है कि भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर पर बलात्कार का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री आवास के पास आत्मदाह की कोशिश करने वाली युवती के जेल में बंद पिता की संदिग्ध हालात में मौत हो गई है. पीड़ित पक्ष ने विधायक पर जेल में हत्या कराने का आरोप लगाया है.
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के बाहर महिला ने खुदकुशी की कोशिश की थी.
इस बीच, राज्य सरकार के प्रवक्ता ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित कराने के लिए तफ्तीश को उन्नाव से लखनऊ स्थानान्तरित कर दिया गया है. मामले की मजिस्ट्रेट से जांच के आदेश दिए गए हैं. पुलिस महानिदेशक ओपी. सिंह ने कहा कि मामले की जांच के लिए लखनऊ पुलिस की एक टीम गठित की गई है. भाजपा विधायक पर लगा आरोप अभी सिद्ध नहीं हुआ है. जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी.
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इधर, उन्नाव की पुलिस अधीक्षक पुष्पांजलि ने बताया कि मामले के चार नामजद अभियुक्तों सोनू, बउवा, विनीत और शैलू को गिरफ्तार कर लिया गया है. वहीं, माखी के थाना प्रभारी अशोक कुमार समेत छह पुलिसकर्मियों को लापरवाही बरतने के आरोप में निलम्बित कर दिया गया है. जिलाधिकारी रवि कुमार एनजी ने कहा कि जब दोनों पक्षों की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया था तो एक पक्ष को ही जेल क्यों भेजा गया, इसकी जांच कराई जाएगी. साथ ही मृतक का डाक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम कराने के आदेश दिये गये हैं।
VIDEO : पीड़िता के पिता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत
कांग्रेस प्रवक्ता द्विजेन्द्र त्रिपाठी ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की. उन्होंने कहा कि अगर स्थानीय प्रशासन आरोपी भाजपा विधायक सेंगर के दबाव में ना आकर न्याय करता तो इतनी बड़ी घटना को टाला जा सकता था. मालूम हो कि माखी थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली 18 वर्षीय एक युवती ने उन्नाव के बांगरमऊ से विधायक कुलदीप सेंगर और उनके भाइयों पर पिछले साल सामूहिक बलात्कार का आरोप लगाया था. अदालत के आदेश पर इस मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था.
(इनपुट : भाषा)
इस मामले में सोमवार को चुप्पी तोड़ते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि घटना काफी दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि लखनऊ जोन के अपर पुलिस महानिदेशक से मामले की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं. सरकार और कानून इस घटना के दोषियों के साथ कोई रियायत नहीं करेगा. जो भी दोषी होंगे, चाहे वे कितने भी ताकतवर क्यों न हों, किसी सूरत में नहीं बख्शे जाएंगे. वहीं, इस मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए कहा कि प्रदेश में अपराधियों की जगह नारी आतंकित हो रही हैं.'
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गौरतलब है कि भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर पर बलात्कार का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री आवास के पास आत्मदाह की कोशिश करने वाली युवती के जेल में बंद पिता की संदिग्ध हालात में मौत हो गई है. पीड़ित पक्ष ने विधायक पर जेल में हत्या कराने का आरोप लगाया है.

इस बीच, राज्य सरकार के प्रवक्ता ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित कराने के लिए तफ्तीश को उन्नाव से लखनऊ स्थानान्तरित कर दिया गया है. मामले की मजिस्ट्रेट से जांच के आदेश दिए गए हैं. पुलिस महानिदेशक ओपी. सिंह ने कहा कि मामले की जांच के लिए लखनऊ पुलिस की एक टीम गठित की गई है. भाजपा विधायक पर लगा आरोप अभी सिद्ध नहीं हुआ है. जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी.
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इधर, उन्नाव की पुलिस अधीक्षक पुष्पांजलि ने बताया कि मामले के चार नामजद अभियुक्तों सोनू, बउवा, विनीत और शैलू को गिरफ्तार कर लिया गया है. वहीं, माखी के थाना प्रभारी अशोक कुमार समेत छह पुलिसकर्मियों को लापरवाही बरतने के आरोप में निलम्बित कर दिया गया है. जिलाधिकारी रवि कुमार एनजी ने कहा कि जब दोनों पक्षों की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया था तो एक पक्ष को ही जेल क्यों भेजा गया, इसकी जांच कराई जाएगी. साथ ही मृतक का डाक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम कराने के आदेश दिये गये हैं।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मामले पर 'ट्वीट' के जरिये तंज करते हुए कहा, 'प्रदेश में कहीं कोचिंग की छात्रा की सरेआम गोली मारकर हत्या हो रही है, तो कहीं भाजपा विधायक पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला सरकार से निराश होकर मुख्यमंत्री आवास पर आत्मदाह कर रही है. क्या यही है 'एनकाउंटर वाली' सरकार का खौफ, कि अपराधियों की जगह आज नारी आतंकित हो रही है.'प्रदेश में कहीं कोचिंग की छात्रा की सरेआम गोली मारकर हत्या हो रही है, तो कहीं भाजपा विधायक पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला सरकार से निराश होकर मुख्यमंत्री आवास पर आत्मदाह कर रही है. क्या यही है ‘एन्काउंटरवाली’ सरकार का ख़ौफ़ कि अपराधियों की जगह आज नारी आतंकित हो रही है.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) April 9, 2018
VIDEO : पीड़िता के पिता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत
कांग्रेस प्रवक्ता द्विजेन्द्र त्रिपाठी ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की. उन्होंने कहा कि अगर स्थानीय प्रशासन आरोपी भाजपा विधायक सेंगर के दबाव में ना आकर न्याय करता तो इतनी बड़ी घटना को टाला जा सकता था. मालूम हो कि माखी थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली 18 वर्षीय एक युवती ने उन्नाव के बांगरमऊ से विधायक कुलदीप सेंगर और उनके भाइयों पर पिछले साल सामूहिक बलात्कार का आरोप लगाया था. अदालत के आदेश पर इस मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था.
(इनपुट : भाषा)
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