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बुलंदशहर गैंगरेप केस: 9 साल बाद मां-बेटी को मिला न्याय, 5 दोषियों को उम्रकैद

हैरान कर देने वाली बात ये थी कि सजा मिलने के बावजूद अहम आरोपी ज़ुबैर के चेहरे पर पछतावे का कोई नामोनिशान नहीं था.

बुलंदशहर गैंगरेप केस: 9 साल बाद मां-बेटी को मिला न्याय, 5 दोषियों को उम्रकैद

उत्तर प्रदेश को दहला देने वाले साल 2016 के देश को झकझोर देने वाले बहुचर्चित मां-बेटी गैंगरेप मामले में बुलन्दशहर कोर्ट ने अपना अंतिम फैसला सुना दिया है. बुलंदशहर की मुख्य पोक्सो (POCSO) कोर्ट ने इस जघन्य वारदात के सभी 5 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अदालत ने 20 दिसंबर 2025 को इन आरोपियों को दोषी करार दिया था, जिसके बाद आज सजा का ऐलान किया गया.

सजा पाने वाले दोषियों के नाम

  • ज़ुबैर
  • साजिद
  • धर्मवीर
  • सुनील
  • नरेश

सजा के साथ-साथ कोर्ट ने हर दोषी पर 1 लाख 81 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

क्या था पूरा मामला

29 जुलाई 2016 की रात, नोएडा का एक परिवार कार से शाहजहांपुर में एक पारिवारिक तेरवीं कार्यक्रम में शामिल होने जा रहा था. जब उनकी कार बुलंदशहर के कोतवाली देहात इलाके में NH-91 पर दोस्तपुर गांव के पास पहुंची तब बदमाशों ने सड़क पर लोहे की रॉड फेंककर कार को रोकने पर मजबूर कर दिया.इसके बाद बदमाशों ने गन पॉइंट पर पूरे परिवार को बंधक बनाया और उन्हें पास के खेतों में खींच ले गए. वहां दरिंदों ने मर्यादा की सारी हदें पार करते हुए मां और 14 साल की नाबालिग बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया. विरोध करने पर परिवार के दूसरे सदस्यों के साथ भी बेरहमी से मारपीट की गई थी.

पुलिस ने शुरुआत में 11 लोगों को आरोपी बनाया था, जिसमें 3 आरोपी सीबीआई जांच में क्लीन चिट पा गए. वहीं,  2 आरोपी पुलिस मुठभेड़ (हरियाणा और नोएडा) में मारे गए. इसके अलावा 1 आरोपी की ट्रायल के दौरान मौत हो गई थी. सीबीआई ने इस मामले में 25 गवाह पेश किए. आखिर में कोर्ट ने धारा 394, 395, 397, 376D, 120B और पोक्सो एक्ट के तहत पांचों को दोषी माना.

महिलाओं की सुरक्षा को लेकर खड़े हुए सवाल

ये मामला सामने आने के बाद 17 पुलिसकर्मियों के खिलाफ करवाई हुई, पीड़ितों ने बताया कि उन्होंने 100 नंबर पर सैकड़ों कॉल किए, लेकिन पुलिस की तरफ से कोई मदद नहीं मिली. इस घटना के बाद उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बड़े सवाल खड़े हो गए थे.

दोषियों को नहीं कोई पछतावा 

हैरान कर देने वाली बात ये थी कि सजा मिलने के बावजूद अहम आरोपी ज़ुबैर के चेहरे पर पछतावे का कोई नामोनिशान नहीं था. 20 दिसंबर को जब उसे कोर्ट लाया गया तो उसने मीडियाकर्मियों से बेखौफ होकर कहा, "ठीक से वीडियो बनाओ और फेमस कर दो."

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