- लखनऊ में ब्राह्मण विधायकों बैठक में आर्थिक रूप से पिछड़े ब्राह्मणों के लिए फंड बनाने का निर्णय लिया गया
- बैठक में ब्राह्मण समाज के साथ हो रही नाइंसाफी और हत्या के मामलों में परिवार के साथ खड़े होने की बात हुई
- फंड बैंक में रिटायर्ड जज, वकील, डॉक्टर और प्रभावशाली लोगों को शामिल कर गरीबों की आर्थिक मदद सुनिश्चित की जाएगी
यूपी की राजधानी लखनऊ में मंगलवार की शाम बेहद खास रही. जब यूपी विधानसभा का शीतकालीन सत्र चल रहा है और प्रदेश के सारे विधायक राजधानी में मौजूद हैं. ऐसे में बंद कमरे में बीजेपी के 52 ब्राह्मण विधायकों की बंद कमरे में मीटिंग हुई. लखनऊ में कुशीनगर से बीजेपी विधायक पीएन पाठक (पंचानंद पाठक) के आवास पर हुई एक महत्वपूर्ण बैठक ने हलचल मचा दी. इसे 'सहभोज' का नाम दिया गया. बैठक में तय हुआ कि आर्थिक रूप से पिछड़े ब्राह्मणों की मदद के लिए एक 'फंड बैंक' बनाया जाएगा. इसमें रिटायर्ड जज, वकील, डॉक्टर और प्रभावशाली लोगों को जोड़ा जाएगा. लखनऊ, भदोही, गोंडा और बहराइच की हालिया घटनाओं का जिक्र करते हुए मांग उठी कि ब्राह्मणों के साथ हो रही नाइंसाफी और हत्या के मामलों में समाज को परिवार के साथ खड़ा होना होगा.
ब्राह्मण विधायकों की बैठक में इन बातों पर बनी सहमति
- सूबे में कहीं ब्राह्मणों की मौत होती है तो उसे आर्थिक मदद दी जाएगी.
- समाज में गरीब और आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों की मदद के लिए फंड बैंक बनाया जाएगा.
- इसमें ब्यूरोक्रेट, रिटायर्ड जज, वकील, डॉक्टर और ब्राह्मण समाज के प्रभावशाली लोगों को जोड़ा जाएगा.
- राजनीतिक हिस्सेदारी पर हुई चर्चा, संख्या के आधार पर हिस्सेदारी की मांग होगी.
- ब्राह्मणों का एक बड़ा चेहरा बने, इसको लेकर बात हुई.
- यूपी में ब्राह्मणों की हत्या, मौत और उसके साथ हो रही नाइंसाफी के लिए परिवार के साथ खड़े हुए.
- अगली बैठक जनवरी में प्रस्तावित.

कौन-कौन विधायक थे शामिल?
इस बैठक में मुख्य रूप से पूर्वांचल और बुंदेलखंड के ब्राह्मण विधायक शामिल हुए. आयोजन में मिर्जापुर के विधायक रत्नाकर मिश्रा और एमएलसी उमेश द्विवेदी की मुख्य भूमिका रही. साथ ही, पत्रकार से विधायक बने शलभमणि त्रिपाठी और अनिल त्रिपाठी जैसे प्रमुख चेहरों की मौजूदगी ने इस बैठक को और असरदार बना दिया.
बैठक में शामिल और इसके कर्ताधर्ता बताए जा रहे बीजेपी विधायक रत्नाकर मिश्रा ने कहा, "ये बैठक समाज खत्म हो रहे संस्कार पर मंथन के लिए थी. ब्राह्मण समाज हमेशा से मार्गदर्शक रहा है, इसलिए संस्कार के मुद्दों पर चर्चा जरूरी है. विधायक अनिल त्रिपाठी ने स्पष्ट किया कि ब्राह्मणों को एकजुट होना पड़ेगा, क्योंकि समाज को अपमानित किया जा रहा है. उन्होंने ब्राह्मणों के भीतर व्याप्त 'डर' को दूर करने पर जोर दिया."
सपा के राज में कौन-सा ब्राह्मणों को हक मिल गया: राजभर
इस बैठक पर यूपी सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा, "यह देश अब जाति प्रधान हो चुका है. पहले क्षत्रियों की बैठक हुई, अब ब्राह्मणों की हो रही है. आगे देखिए और कौन-कौन बैठक करता है." सपा के ब्राह्मणों के उत्पीड़न पर उन्होंने कहा कि सपा की सरकार में कौन सा ब्राह्मणों को हक मिल जाता था. वहीं, सपा विधायक संदीप पटेल ने कहा, "यूपी में विधायक डरे हुए हैं. सीएम किसी की सुन नहीं रहे, इसलिए विधायकों को अपनी ही सरकार में ऐसी बैठकें करनी पड़ रही हैं. ब्राह्मण सरकार तो बनवाते हैं, लेकिन सत्ता में उन्हें हक नहीं मिलता."
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