
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में दरगाह थाना क्षेत्र स्थित एक चावल मिल में धुएं के कारण दम घुटने से शुक्रवार की सुबह पांच मजदूरों की मौत हो गयी तथा तीन अन्य मजदूर अस्पताल में भर्ती हैं. प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया. चावल मिल प्रबंधन ने मृतक श्रमिकों के परिवार के सदस्यों को 10-10 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है.
जिलाधिकारी मोनिका रानी ने बताया कि मजदूर धान सुखा रहे थे, तभी ‘ड्रायर' से अचानक धुआं उठने लगा, जिससे उनका दम घुटने लगा और पांच मजदूरों की मौत हो गई. अपर पुलिस अधीक्षक (नगर) रामानंद प्रसाद कुशवाहा ने शुक्रवार को ‘पीटीआई-भाषा' को बताया कि प्रारंभिक सूचना के अनुसार, राजगढ़िया चावल मिल के ‘ड्रायर' में नमी आने के कारण धुआं उठने पर कुछ मजदूर निरीक्षण करने वहां पहुंचे लेकिन धुआं इतना अधिक था कि वे वहीं बेहोश हो गये.
उन्होंने बताया कि अग्निशमन के दल ने वहां पहुंचकर मजदूरों को बाहर निकाला. कुशवाहा ने बताया कि मजदूरों को जिला अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने पांच मजदूरों को मृत घोषित कर दिया जबकि तीन अन्य का इलाज किया जा रहा है.
जिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉ. एमएम त्रिपाठी ने बताया कि अस्पताल में पांच लोग मृत अवस्था में लाये गये, जबकि तीन का इलाज जारी है. राजगढ़िया राइस मिल के निदेशक विनोद अग्रवाल ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया, ‘‘चावल मिल में लगा ‘ड्रायर' धान की नमी को सुखाने के काम आता है. यह बड़ा और ऊंचा तथा पूर्णत: स्वचालित संयंत्र है, जिसमें किसी व्यक्ति को जाने की आवश्यकता नहीं होती. गैस और आग का भी वहां कोई इस्तेमाल नहीं होता, भाप से हवा गर्म कर धान की नमी को निकाला जाता है.''
उन्होंने कहा कि मशीन में कभी धुंआ नहीं होता, लेकिन आज सुबह करीब 5-6 बजे किसी मजदूर ने ड्रायर में संभवतः धुंआ देखा. उनके अनुसार, अभी यह नहीं पता चला है कि धुंआ कैसे उठा. अग्रवाल ने बताया कि ‘‘कर्मचारियों से जानकारी मिली है धुंआ देखकर एक मजदूर ने मशीन बंद की और जांच करने के लिए मशीन के अंदर चला गया. पहला मजदूर जब वापस नहीं लौटा तो एक-एक करके आठ मजदूर ड्रायर में गये और बेहोश हो गये. मिल में मौजूद कर्मियों ने तुरंत दमकल को बुलाया और बेहोश मजदूरों को बाहर निकाल कर अस्पताल भिजवाया गया.''
चावल मिल ने पांच मृतक श्रमिकों के आश्रितों को 10-10 लाख रुपये और तीन घायल श्रमिकों को 50-50 हजार रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की है. सीएमएस त्रिपाठी ने बताया कि मृतकों की पहचान राजेश कुमार (26), बबलू प्रजापति (28) और गफ्फार (22) के रूप में हुई है. ये तीनों कन्नौज जिले के रहने वाले हैं, जबकि एक मृतक जहूर (60) श्रावस्ती और दूसरा बिट्टू शाह (30) बिहार के मधेपुरा का निवासी था.
त्रिपाठी के अनुसार, घायलों की पहचान बहराइच निवासी सुरेंद्र (40), श्रावस्ती निवासी देवी प्रसाद (25) श्रावस्ती और पंजाब के तरनतारन निवासी सुखदेव (30) के रूप में की गई है.
जिला प्रशासन ने घटना की जांच के लिए एक संयुक्त जांच दल का गठन किया है. जिलाधिकारी ने बताया कि संयुक्त जांच दल में मुख्य अग्निशमन अधिकारी (सीएफओ), सहायक श्रम आयुक्त (एएलसी), जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक (जीएम डीआईसी) और तकनीकी विशेषज्ञ शामिल किये गये हैं.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे में हुई जनहानि पर गहरा शोक व्यक्त किया है. मुख्यमंत्री कार्यालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर जारी एक पोस्ट में बताया, ‘‘मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर उनका समुचित उपचार सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है.
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