
दिव्य और भव्य अयोध्या, मोदी और योगी सरकार का एजेंडा है. राम मंदिर के उद्घाटन के बाद से ही ये एक बड़ा धार्मिक सेंटर बन गया है. देश के कोने कोने से यहां श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है. प्रचंड गर्मी और उमस के बावजूद लोगों का उत्साह कम नहीं हुआ है. पर इसके साथ ही चुनौतियां भी बढ़ गईं हैं. सबकी सुरक्षा और सबका सम्मान, इसी नीति और नीयत के साथ सुविधाओं को बेहतर करने की कोशिश जारी है. इसी लिहाज़ से शहर में एक हज़ार सीसीटीवी कैमरे लगाने का फैसला हुआ है.
बीते दिनों श्रद्धालुओं के साथ चोरी की कुछ घटनाएं हुईं. इनसे निपटने के लिए एक मास्टर प्लान बना है. अयोध्या नगर निगम ने योगी सरकार की स्मार्ट सिटी योजना में इस प्लान को तैयार किया है.
इसमें कंट्रोल कमांड सेंटर (आईसीसीसी) स्थापित किया जाएगा. इस परियोजना के लिए 56 करोड़ रुपये की लागत से अयोध्या और फैजाबाद में 1000 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. योगी सरकार के नियोजन विभाग ने इस योजना को मंजूरी दे दी है और जल्द ही इसे लागू करने की प्रक्रिया शुरू होगी. पुलिस विभाग के सहयोग से शहर के संवेदनशील और प्रमुख स्थानों पर ये कैमरे स्थापित किए जाएंगे, जिससे अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण और कानून व्यवस्था को मजबूत करने में मदद मिलेगी.
अयोध्या के सिविल लाइन्स में नगर निगम और अयोध्या विकास प्राधिकरण (एडीए) के संयुक्त कार्यालय में एक कंट्रोल रूम बनाया जाएगा. यहां से पूरे शहर की निगरानी की जाएगी. यह कंट्रोल रूम जलभराव, खराब स्ट्रीट लाइट्स और पेयजल संकट को लेकर भी अलर्ट करेगा.अयोध्या में पहले से ही सेफ सिटी प्रोजेक्ट के तहत 1300 से अधिक सीसीटीवी कैमरे को आईटीएमएस से इंटीग्रेट किया जा चुका है. इनमें निजी घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के कैमरे शामिल हैं. इसका मकसद भी अयोध्या की सुरक्षा को मजबूत करना है.
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