
आज सवेरे सवेरे अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया टीम के हेड को फोन किया. उनसे कहा तीन विधायकों को समाजवादी पार्टी से बाहर करने की घोषणा कर दें. थोड़ी ही देर बाद पार्टी के आधिकारिक हैंडल से ये जानकारी सार्वजनिक कर दी गई. मनोज पांडे, राकेश प्रताप सिंह और अभय सिंह अब समाजवादी पार्टी के विेधायक नहीं रहे. वैसे भी ये तीनों विधायक तो साल भर से बीजेपी के लिए ही काम कर रहे थे. समाजवादी पार्टी से इनका कोई लेना देना नहीं रह गया था. बस औपचारिक रूप से अब ये तीनों विधायक पार्टी से बाहर कर दिए गए हैं
बीजेपी के लिए किया था वोट
दो साल पहले हुए राज्य सभा के चुनाव से ही मनोज पांडे, अभय सिंह और राकेश प्रताप सिंह ने समाजवादी पार्टी से नाता तोड़ लिया था. चुनाव में इन तीनों विधायकों ने खुलेआम पार्टी का ख़िलाफ जाकर बीजेपी के लिए वोट किया था. तब मनोज पांडेय समाजवादी पार्टी विधायक दल के चीफ व्हिप थे. पर उन्होंने भी क्रॉस वोटिंग किया. राज्यसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के 7 विधायकों ने पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर बीजेपी के लिए वोट किया था. जिसके कारण पार्टी का तीसरा उम्मीदवार हार गया था. जबकि बीजेपी के सभी 8 राज्यसभा उम्मीदवार की जीत हुई थी.
क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों में अभय सिंह, राकेश प्रताप सिंह, मनोज पांडेय, पूजा पाल, विनोद चतुर्वेदी, आशुतोष मौर्य और राकेश पांडेय शामिल थे. अभय सिंह और मनोज पांडेय ने बाद में बीजेपी की सदस्यता भी ले ली थी. मनोज पांडे इस लिस्ट में सबसे सीनियर नेता हैं. वे रायबरेली के ऊंचाहार विधानसभा सीट से चार बार विधायक रहे हैं. राकेश प्रताप सिंह अमेठी के गौरीगंज सीट से तीसरी बार एमएलए बने हैं. जबकि अभय सिंह की गिनती बाहुबली नेताओं में होती है. उन पर कई केस दर्ज हैं. वे अंबेडकरनगर की गोसाईंगंज विधानसभा से दूसरी बार विधायक बने हैं
अखिलेश ने कई बार सोचा...
अखिलेश यादव ने तीनों विधायकों के समाजवादी नारची से बाहर करने के बारे में कई बार सोचा. पर फैसला आज हुआ है. कहा जा रहा है कि इसके पीछे उनकी सोची समझी रणनीति है. अखिलेश यादव की पार्टी के नेता अब सोशल मीडिया में इसे पीडीए विरोधी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई बता रहे हैं. मनोज पांडे ब्राह्मणवाद जाति से हैं. जबकि बाक़ी दोनों विधायक राकेश प्रताप सिंह और अभय सिंह ठाकुर बिरादरी से हैं. अखिलेश यादव ये संदेश देना चाहते हैं कि ग़ैर पीडीए विधायकों ने पार्टी के साथ ग़द्दारी की. समाजवादी पार्टी को धोखा दिया. जिसके वोट के दम पर जीते, उसे ही छोड़ दिया.
समाजवादी पार्टी ने जिन तीन विधायकों को पार्टी से बाहर किया है. उन पर किसी तरह का कोई ख़तरा नहीं है. अब वे विधानसभा में असंबद्ध विधायक माने जायेंगे. विधानसभा की उनकी सदस्यता बरकरार रहेगी. तीनों विधायकों को बगावत करने के बदले ईनाम में केंद्र सरकार से सुरक्षा मिली है.
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