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उत्तर प्रदेश में जेपी सेंटर ( जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर) इन दिनों राजनीति का अखाड़ा बनता दिख रहा है. सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव गुरुवार की रात करीब सवा ग्यारह बजे जयप्रकाश नारायण को श्रद्धांजलि देने जेपी सेंटर पहुंचे थे. वो सेंटर के अंदर जाना चाहते थे. हालांकि, उन्हें ऐसा करने से रोक दिया गया.कहा जा रहा है कि अखिलेश यादव शुक्रवार सुबह भी अपने कार्यकर्ताओं के साथ जेपी सेंटर आ सकते हैं. ऐसे में प्रशासन अखिलेश यादव को रोकने के लिए पूरी तरह से तैयार दिख रहा है. अखिलेश यादव को 1090 चौराहे पर रोकने के लिए शुक्रवार सुबह सात बजे से यातायात पुलिस ने डायवर्जन कर दिया है. कोई भी वाहन इस चौराहे से गांधी सेतु होते हुए जेपी सेंटर के आगे उद्यान चौराहे तक नहीं जा सकेगा.
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आपको बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब अखिलेश यादव ने जयप्रकाश नारायण की जयंती के कार्यक्रम में शामिल होने की कोशिश की हो. वह पिछले साल भी जयप्रकाश नारायण सेंटर पहुंचे थे.उन्हें उस दौरान भी सेंटर के अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई थी. उस दौरान वह दीवार फांद कर अंदर चले गए थे.
गुरुवार की रात कब-कब क्या-क्या हुआ, पढ़ें पूरी टाइमलाइन
- अखिलेश यादव की तरफ़ से उनके निजी सचिव गंगा राम ने लखनऊ डेवलपमेंट अथॉरिटी से परमिशन मांगी
- गंगाराम ने ही लखनऊ के पुलिस कमिश्नर अमरेन्द्र सिंह सेंगर को चिट्ठी लिख कर अखिलेश के 11 अक्तूबर को JPNIC जाने की जानकारी दी
- लखनऊ डेवलपमेंट अथॉरिटी ने दस अक्टूबर को चिट्ठी लिखकर परमिशन देने से इंकार कर दिया. कहा गया कि वहां आधा अधूरा निर्माण है.
- लखनऊ पुलिस कमिश्नर ने JPNIC के किसी के भी जाने पर रोक लगा दी
- लखनऊ ट्रैफ़िक पुलिस ने रूट डायवर्सन कर दिया
- अखिलेश यादव को जब पता चला कि टीन शेड लगा कर JPNIC के गेट को ढँका जा रहा है तो 10 अक्टूबर को रात 9:33 पर उन्होंने पहला ट्वीट किया
- फिर रात साढ़े ग्यारह बजे अखिलेश खुद JPNIC पहुंच गए. इन्होंने आरोप लगाया कि JPNIC को बेचने की साज़िश की जा रही है. उन्हें जयप्रकाश नारायण को पुष्पांजलि देने से कैसे रोका जा सकता है
सुबह 10.30 बजे आने वाले थे अखिलेश यादव
बताया जा रहा है कि तय कार्यक्रम के मुताबिक अखिलेश यादव को जयप्रकाश नारायण की जयंती के मौके पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए शुक्रवार की सुबह करीब 10.30 बजे जेपी सेंटर जाना था. लेकिन वह गुरुवार रात करीब सवा ग्यारह बजे ही वहां पहुंच गए. अखिलेश यादव जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने चाह रहे थे. लेकिन वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया. जिस समय अखिलेश यादव जेपी सेंटर पहुंचे थे उस दौरान उनके साथ उनके कार्यकर्ता भी मौजूद थे. कार्यकर्ताओं ने अखिलेश यादव को रोके जाने का जमकर विरोध भी किया था.
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अखिलेश यादव ने किया ट्वीट
रात में जब अखिलेश यादव को जयप्रकाश नारायण सेंटर में जाने की अनुमति नहीं दी गई तो उन्होंने वहां से ही एक वीडियो सोशल साइट एक्स पर पोस्ट किया. इस पोस्ट में उन्होंने लिखा कि किसी को नमन करने या श्रद्धांजलि देने से रोकना सुसभ्य लोगों की निशानी नहीं है. जयप्रकाश नारायण सेंटर के बाहर से अखिलेश यादव ने जो वीडियो पोस्ट किया है उसमें कई मजदूर टीन की बड़ी-बड़ी शेड से जेपी सेंटर के बाहर लगी दीवार को ढकते दिख रहे हैं.
किसी को नमन करने या श्रद्धांजलि देने से रोकना सुसभ्य लोगों की निशानी नहीं। pic.twitter.com/4Co28qyahN
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 10, 2024
गुरुवार रात जमकर हुआ था हंगामा
गुरुवार की रात जब अखिलेश यादव किसी को कुछ बताए बगैर जेपी सेंटर पहुंचे थे तो वहां हलचल से मच गई थी. प्रशासन को लगा कि कहीं अखिलेश यादव पिछली बार की तरह ही दीवार फांद कर सेंटर के अंदर ना चलें जाएं. हालांकि अखिलेश यादव ने ऐसा कुछ नहीं किया. जब अखिलेश यादव सेंटर के बाहर पहुंचे तो उन्होंने वहां देखा कि कुछ मजदूर टीन की शेड पर 'भवन निर्माणाधीन' है ये लिख रहे थे. इसके बाद अखिलेश यादव ने कहा कि क्या हम भी पेंट कर सकते हैं? फिर उन्होंने कार्यकर्ताओं को कहा कि लिख दो, समाजवादी पार्टी जिंदाबाद. फिर क्या था.
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कार्यकर्ताओं ने तुरंत ही लिख दिया. इसके बाद वहां मौजूद पत्रकारों से अखिलेश यादव ने कहा कि टिन शेड लगाकर सरकार कुछ तो छिपा रही होगी. टिन शेड क्यों? किसी महापुरुष का सम्मान करने क्यों नहीं दे रही और वो भी समाजवादी पार्टी के महान नेता जेपी की जयंती पर. यह पहली बार नहीं हो रहा है. पिछली बार भी ऐसा ही हुआ था. जेपी ने संपूर्ण क्रांति की थी. कहीं ये इस भवन को बेचने की तैयारी तो नहीं. अगर सरकार नहीं चल रही तो बेच दे, ज्यादा अच्छा होगा. सुबह वाला कार्यक्रम सुबह तय किया जाएगा. कितने दिन तक सरकार रास्ता रोकेगी?
अखिलेश की सरकार में ही हुआ था सेंटर को बनाने का फैसला
अखिलेश यादव की सरकार में लखनऊ में होटल ताज के पास जयप्रकाश इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर बनाने का फ़ैसला हुआ था.तय हुआ था कि 2017 के चुनाव से पहले बन कर तैयार हो जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हो सका. इसे बनाने का ठेका जिस शालीमार कंपनी को दिया गया है उसके चेयरमैन बीजेपी के राज्य सभा सांसद संजय सेठ हैं. साल 2017 में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनते ही JPNIC का काम रोक दिया गया था. आरोप लगा था कि इसे बनाने में भ्रष्टाचार हुआ है.
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