
- आगरा धर्मांतरण के मास्टरमाइंड पाकिस्तान के तनवीर अहमद और साहिल हो सकते हैं, जो सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हैं.
- इस सिंडिकेट ने 100 से अधिक हिन्दू लड़कियों का धर्मांतरण कराया, जिसमें कश्मीर की लड़कियों का भी समूह शामिल था.
- कट्टरपंथी कन्वर्टेड लड़कियों को रिवर्टी कहा जाता था और उन्हें जूम क्लासेस के जरिए इस्लाम की शिक्षा दी जाती थी.
पाकिस्तान के तनवीर अहमद और साहिल अदीब आगरा धर्मांतरण सिंडिकेट के मास्टरमाइंड हो सकते हैं. दोनों सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हैं. हालांकि, ये उनके नकली नाम भी हो सकते हैं. दोनों उस व्हाट्सएप ग्रुप के एडमिन हैं, जिसमें 100 से ज्यादा हिन्दू लड़कियां जुड़ी हैं. सभी लड़कियों का धर्मांतरण कराया गया था. इन लड़कियों का धर्मांतरण करने के लिए तरह-तरफ के हथकंड़े अपनाए जाते थे. इस धर्मांतरण गैंग से कश्मीर की लड़कियों का ग्रुप भी शामिल था.
कश्मीर की लड़कियां भी रैकेट का हिस्सा!
आगरा धर्मांतरण मामले में जांच से सामने आया है कि कई लड़कियां इतनी ज्यादा कट्टरपंथी (radicalize) हो चुकी हैं कि उन पर काउंसिलिंग का कोई असर नहीं हो रहा. लड़कियों को रेडिक्लाइज करने का काम कश्मीर की लड़कियों के एक ग्रुप को सौंपा गया था. कन्वर्टेड लड़कियों को रिवर्टी कहा जाता था. जूम लिंक भेजकर नमाज और इस्लाम के बारे में पढ़ने की क्लास होती थी. सोशल मीडिया और गेमिंग एप के जरिए लड़कियों को निशाना बनाते थे.
अवैध धर्मांतरण गैंग के 14 लोग गिरफ्तार
आगरा पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने शनिवार को धर्मांतरण के अंतरराज्यीय रैकेट का पर्दाफाश करने की पुष्टि की. उन्होंने बताया कि ऑपरेशन 'अस्मिता' के तहत पीड़िताओं को रेस्क्यू किया गया. कमिश्नर दीपक कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया, 'डीजीपी के निर्देश पर लखनऊ में इस नेटवर्क को ध्वस्त किया गया. आगरा साइबर क्राइम टीम ने ऑपरेशन चलाकर अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें आयशा उर्फ एसबी कृष्णा (गोवा), शेखर रॉय उर्फ अली हसन (कोलकाता), ओसामा (कोलकाता), रहमान कुरैशी (आगरा), अबू तालिब (मुजफ्फरनगर), ऋत्विक इब्राहिम (कोलकाता), जुनैद कुरैशी (जयपुर), मुस्तफा उर्फ मनोज (दिल्ली), मोहम्मद अली (जयपुर) और पांच आरोपी मुस्तफाबाद के शामिल हैं.'
क्रिप्टोकरेंसी और डॉलर ट्रांजैक्शन से फंडिंग
पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने बताया कि उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और हरियाणा की कई बालिकाओं को बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन के लिए उकसाया गया. इन पीड़िताओं को ऑपरेशन 'अस्मिता' के तहत रेस्क्यू किया गया. परिवारों को इस बात का अंदेशा भी नहीं था कि उनकी बेटियां धर्मांतरण के जाल में फंस चुकी थीं. पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी के तार कश्मीर और पाकिस्तान से जुड़े थे. पाकिस्तान के इन्फ्लुएंसर तनवीर अहमद और शाहिद अदीब ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के जरिए धर्मांतरण के लिए प्रेरित करते थे. गिरोह डार्क वेब, क्रिप्टोकरेंसी और डॉलर ट्रांजैक्शन से फंडिंग करता था. एक आरोपी ने क्राउडफंडिंग से फिलिस्तीन को धन भेजने का भी खुलासा किया.
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