- दिल्ली-NCR में प्रदूषण का स्तर खतरनाक हो गया है, कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 500 के करीब पहुंच गया है
- केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के बाद दिल्ली-NCR में शनिवार शाम से ग्रैप-4 लागू कर दिया गया है
- GRAP-4 के तहत सरकारी और निजी कार्यालयों में 50% कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम करने का निर्देश दिया गया है
राजधानी दिल्ली समेत पूरे NCR में प्रदूषण का स्तर खतरनाक हो गया है. कोहरे की चादर में लिपटी सुबह और एक्यूआई 500 के करीब... एनसीआर के कई इलाकों में सांस लेना दूभर हो रहा है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CQAM) की अनुशंसा पर शनिवार शाम से राजधानी में ग्रैप-4 (GRAP-IV) लागू कर दिया गया है. इसके तहत सरकारी और निजी कार्यालयों मं 50 फीसदी कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम (Work From Home) का निर्देश जारी किया गया है. वहीं शिक्षा निदेशालय ने सभी स्कूलों में कक्षाएं हाइब्रिड मोड में चलाने का सर्कुलर जारी किया है. यानी क्लास फिजिकल भी चलेंगी और ऑनलाइन मोड में भी. उद्देश्य यही है कि कम लोग घर से बाहर निकलें और सड़कों पर वाहनों का लोड कम किया जा सके.
पहले GRAP-3 और कुछ ही घंटे बाद GRAP-4
दिल्ली-एनसीआर में शनिवार से ही प्रदूषण का स्तर खतरनाक होने लगा था. शहर में एयर क्वालिटी बिगड़ती जा रही थी, जिसके बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने सुबह पहले GRAP-3 लगाने की घोषणा की और देर शाम एक्यूआई बढ़ता देख ग्रेप GRAP-4 लगाने का ऐलान करना पड़ा. NCR में अब GRAP के चौथे चरण की पाबंदियां लागू हो गई हैं. रविवार को प्रदूषण का स्तर और ज्यादा खतरनाक हो गया है. कई इलाकों में एक्यूआई 500 के करीब चल रहा है. रोहिणी में एक्यूआई 499 पहुंच गया है. और भी कई इलाकों का यही हाल है. GRAP-4 की पाबंदिया लागू होने के बाद बढ़ते प्रदूषण पर लगाम लगने की उम्मीद की जा रही है.

NCR में GRAP-4: क्या-क्या बंद, किन्हें मिलेगी छूट?
वायु प्रदूषण बढ़ने के कारण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में लागू किए गए ग्रैप-4 (GRAP-IV) के तहत सख्त पाबंदियां लागू रहेंगी.
वाहनों पर प्रतिबंध:
- BS-III पेट्रोल और BS-IV डीजल के चार पहिया वाहनों के संचालन पर पूरी तरह से रोक रहेगी.
- दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड गैर-जरूरी हल्के वाणिज्यिक वाहनों (Light Commercial Vehicles) की दिल्ली में एंट्री पर बैन रहेगा.
- दिल्ली में रजिस्टर्ड BS-VI या उससे पुराने डीज़ल के भारी मालवाहक वाहनों (Heavy Goods Vehicles) पर भी पाबंदी रहेगी.
निर्माण और औद्योगिक गतिविधियों पर रोक:
- वैसे ईंट भट्ठे, हॉट मिक्स प्लांट और स्टोन क्रशर, जो स्वच्छ ईंधन (Clean Fuel) पर नहीं चलते, वे पूरी तरह बंद रहेंगे.
- ग्रेप-4 प्रतिबंधों के तहत सभी तरह के निर्माण कार्यों पर पूर्ण रोक रहेगी.
- किन्हें मिलेगी छूट, कौन-सी सेवाएं रहेंगी जारी?
- दूध, पानी, दवाओं जैसी आवश्यक सेवाओं पर रोक नहीं लगाई जाएगी
- सड़क, बिजली वितरण, पाइपलाइन से जुड़ी परियोजनाओं के निर्माण कार्यों को छूट रहेगी.
- दिव्यांग लोग खुद के इस्तेमाल के लिए BS-III पेट्रोल और BS-IV डीजल की गाड़ियां चला सकेंगे.
कौन-से ट्रकों की एंट्री?
- दिल्ली में सिर्फ जरूरी वस्तुएं लेकर आने वाले ट्रकों को छूट रहेगी.
- CNG ट्रक, ई-ट्रक और BS-VI इंजन वाले ट्रकों को भी छूट मिलेगी.
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आधे कर्मियों को वर्क फ्रॉम होम देने का उद्देश्य
दफ्तरों में 50 फीसदी कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम देने का निर्देश दिया गया है. सरकारी और निजी कार्यालयों को 50 फीसदी कर्मियों से काम चलाने को कहा गया है. ऐसा इसलिए ताकि सड़क पर वाहनों की आवाजाही कम हो सके और उनसे निकलने वाले धुआं प्रदूषण को और ज्यादा न बढ़ाए.
वहीं दूसरी ओर स्कूलों में हाइब्रिड मोड में कक्षाएं चलाने का आदेश देने के पीछे भी यही वजह है. बच्चे हफ्ते में 5 या 6 दिन की बजाय 2 या 3 दिन ही स्कूल आएंगे तो इससे भी उनके स्वास्थ्य पर कम बुरा असर पड़ेगा. शिक्षा निदेशालय ने सभी स्कूलों के लिए 9वीं तक के छात्रों के लिए कक्षाएं हाइब्रिड मोड (यानी कुछ दिन ऑनलाइन, कुछ दिन फिजिकल क्लास) आयोजित करने का सर्कुलर जारी किया है.
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