भारत में रेलवे सबसे लोगों के बीच यात्रा का सबसे महत्वपूर्ण साधन है. सबसे ज्यादा लोग रेलवे का प्रयोग करते हैं. फिलहाल आज की तारीख में यह सबसे लोकप्रिय माध्यम है. किफायती भी यही है. कम आय वालों से लेकर मध्यम आय वाले परिवार रेलवे का प्रयोग कर अपने गंतव्य स्थान तक जाते हैं.
ऐसे में लोगों को कुछ नियमों की जानकारी होनी जरूरी हो जाती है. बता दें कि भारतीय रेलवे के कुछ नियम हैं जो यह सुनिश्चित करते हैं कि प्रत्येक यात्री को यात्रा का सर्वोत्तम अनुभव मिले. अगर कोई रेलवे से सफर करता है तो उन्हें भारतीय रेलवे के इन नियमों के बारे में पता होना चाहिए.
इन नियमों की जानकारी आपको निश्चित तौर पर यात्रा के दौरान सुकून देगा.
ट्रेन में लाउड साउंड रूल
रेलवे में अकसर आप लोगों ने कुछ लोगों को देखा होगा कि वे मोबाइल पर गाना सुनते हैं कुछ लोग ब्लूटूथ वाला स्पीकर लगाकर तेज आवाज में गाना सुनते रहते हैं. ऐसे में उनके सहयात्रियों के पास कोई चारा नहीं होता है और वे परेशानी में कुछ कर भी नहीं पाते थे. लेकिन इस प्रकार की काफी शिकायतों के मिलने के बाद रेलवे ने इस संबंध में एक नियम बनाया है.
ऐसे में रेलवे ने यह साफ किया है कि कोई भी रेल यात्री शोर नहीं कर सकता है. किसी भी सह यात्री को परेशान करने का अधिकार किसी को नहीं है. ऐसे में रेलवे ने ट्रेन में सवार अपने टीटीई (ट्रैवलिंग टिकट एग्जामिनर), कैटरिंग स्टाफ और अन्य रेल कर्मियों को निर्देश दिया गया है कि वे ट्रेनों में सार्वजनिक शिष्टाचार बनाए रखें और सह-यात्रियों के लिए समस्या पैदा करने वाले यात्रियों का मार्गदर्शन करें.
रेलवे में लागू है 10 पीएम नियम
भारतीय रेल का रात का नियम इस बात का गारंटी देता है कि यात्री ठीक से सो सकें. इसके लिए
- टीटीई रात 10 बजे के बाद यात्री का टिकट चेक करने नहीं आ सकता है.
- नाइट लाइट को छोड़कर सभी लाइटें बंद कर देनी चाहिए.
- समूहों में यात्रा करने वाले यात्री रात 10 बजे के बाद बातचीत नहीं कर सकते हैं.
- अगर बीच वाली बर्थ वाला सहयात्री अपनी सीट पर सोना चहता है तो नीचे वाली बर्थ वाले यात्री कुछ नहीं कह सकते.
- रात 10 बजे के बाद ऑनलाइन भोजन नहीं परोसा जा सकता है.
- हालांकि, ई-कैटरिंग सेवाओं के साथ रात में भी ट्रेन में अपने भोजन या नाश्ते के लिए प्री-ऑर्डर किया जा सकता है.
वेटिंग लिस्ट वालों को दे वरीयता
अमूमन स्टेशन पर देखा गया है कि कोच के बाहर खड़े टीटीई को कुछ लोग घेरे रहते हैं और आप नजदीक में जाकर देखेंगे और सुनेंगे तो टीटीई से वे लोग बर्थ की मांग कर रहे होते हैं. लेकिन टीटीई कभी कभी बर्त होने की बात तो कह देता है लेकिन अकसर कहता है कि देखते हैं. देखते हैं कि कितनी बर्थ खाली है. इस बारे में नियम कहत है कि टीटीई खाली पड़ी बर्थ को चिह्नित करे और जो नियमानुसार बर्थ का हकदार है वेटिंग लिस्ट के हिसाब से उसे यह बर्थ दे.
बेटिकट और उग्र यात्री पर क्या करे टीटीई
हाल में डिजिटल दुनिया में आप लोगों को कुछ वीडियो देखे होगे जिसमें चलती ट्रेन में टिकट चेक करने वाले रेलवे का स्टाफ जिन्हें टीटीई (ट्रेवलिंग टिकट एग्जामिनर) कहा जाता है, कुछ यात्रियों के साथ धक्का मुक्की कर रहे हैं. कई लोग ऐसे वीडियो देखकर आक्रोशित भी हो गए तो कुछ लोग रेलवे स्टाफ का समर्थन भी करते नजर आए.
जानकारी के लिए बता दें कि किसी भी टीटीई को टिकट वाले या बेटिकट यात्री को मारने का अधिकारी नहीं है. टीटीई को टिकट न होने पर पेनाल्टी के साथ टिकट बनाना चाहिए. और यदि पैसा नहीं है तो उसे अगले स्टेशन पर ट्रेन से उतारकर पुलिसवालों को सौंप सकता है. यात्री के उग्र होने पर या टिकट न दिखाने, या जुर्माना न भरने की सूरत में ट्रेन में यात्री सुरक्षा की दृष्टि से ड्यूटी पर तैनात आरपीएफ के जवानों को बुलाया जा सकता है और कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.
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