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Mutual Fund SIP के जरिये कर रहे हैं तगड़ी कमाई? जान लें मुनाफे पर कितना लगेगा टैक्स

Mutual Fund SIP Taxation: एसआईपी से होने वाली कमाई पर लगने वाल टैक्स दो चीजों पर निर्भर करता है. पहला ये कि आपने किस टाइप के फंड में निवेश किया है और कितने समय तक यूनिट्स को होल्ड किया है. यानी फंड टाइप और होल्डिंग पीरियड के आधार पर टैक्स का कैलकुलेशन किया जाता है.

Mutual Fund SIP के जरिये कर रहे हैं तगड़ी कमाई? जान लें मुनाफे पर कितना लगेगा टैक्स
SIP Tax Rules 2025: बहुत से निवेशकों को लगता है कि एसआईपी में लंबे समय तक पैसा रखा तो टैक्स नहीं लगेगा.
नई दिल्ली:

SIP Tax Rules 2025: आजकल बहुत लोग सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी SIP के जरिए म्यूचुअल फंड में पैसा लगा रहे हैं. इसकी वजहये है किहर महीने थोड़ा-थोड़ा निवेश करके बड़ा फंड बनाना आसान लगता है क्योंकि म्यूचुअल फंड SIP ने इसे आसान बना दिया है. लेकिन क्या आपको पता है कि एसआईपी से कमाए मुनाफे पर टैक्स भी लगता है? यह टैक्स हर किस्त यानी हर महीने की एसआईपी पर अलग-अलग भी हो सकता है.

SIP को अक्सर लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट समझा जाता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि टैक्स नहीं लगेगा.बहुत से निवेशकों को लगता है कि एसआईपी में लंबे समय तक पैसा रखा तो टैक्स नहीं लगेगा. पर सच्चाई ये है कि एसआईपी के हर इंस्टॉलमेंट पर टैक्स का हिसाब अलग होता है.

एसआईपी  से होने वाली कमाई पर लगने वाल टैक्स दो चीजों पर निर्भर करता है. पहला ये कि आपने किस टाइप के फंड में निवेश किया है और कितने समय तक यूनिट्स को होल्ड किया है. यानी  फंड टाइप और होल्डिंग पीरियड के आधार पर टैक्स का कैलकुलेशन किया जाता है.आइए इसे डिटेल में समझते हैं...

इक्विटी फंड में SIP पर टैक्स कैसे लगता है?

  • अगर आपने ऐसे फंड में निवेश किया है जिसमें 65% या उससे ज्यादा पैसा शेयर मार्केट में लगाया गया है, तो वह इक्विटी फंड कहलाता है. अब जानिए इस पर टैक्स कैसे लगता है.
  • अगर आपने यूनिट्स 12 महीने या उससे कम समय तक होल्ड की तो उस पर 20% शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स (STCG) लगेगा. यह टैक्स आपकी इनकम स्लैब से अलग तय है.
  • अगर यूनिट्स 12 महीने से ज्यादा समय तक होल्ड की हैं, तो वो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) माना जाएगा. इसमें ₹1.25 लाख तक मुनाफा टैक्स फ्री रहेगा और इसके ऊपर का मुनाफा 12.5% टैक्स के दायरे में आएगा.

हर SIP पर अलग टैक्स क्यों?

SIP एक बार में नहीं, बल्कि हर महीने होती है. हर महीने का निवेश यानी किस्त एक नया इन्वेस्टमेंट मानी जाती है. इसलिए जब आप यूनिट्स बेचते हैं, तो टैक्स पहले खरीदी गई यूनिट्स यानी First-In-First-Out (FIFO)नियम के आधार पर लगाया जाता है.पहले खरीदी गई यूनिट पहले मानी जाती है और उसी के हिसाब से तय होता है कि वह STCG के दायरे में आएगी या LTCG में.

जैसे अगर आपने एसआईपी जनवरी 2024 में शुरू की और जून 2025 में यूनिट्स बेच दीं, तो जनवरी वाली यूनिट्स LTCG में आएंगी लेकिन मई 2025 वाली SIP पर STCG लगेगा क्योंकि वह अभी 12 महीने से कम पुरानी है.

डेट और हाइब्रिड फंड पर टैक्स का ये है तरीका

  • अगर आपके फंड में 35% से कम पैसा इक्विटी यानी शेयरों में लगाया गया है, तो उसे डेट या नॉन-इक्विटी फंड माना जाएगा.इसमें:
  • अगर आपने इन यूनिट्स को 36 महीने से कम समय तक होल्ड किया है, तो टैक्स आपकी इनकम स्लैब के अनुसार लगेगा.
  • अगर यूनिट्स 36 महीने से ज्यादा पुरानी हैं, तो 12.5% LTCG टैक्स लगेगा.इंडेक्सेशन का फायदा अब नहीं मिलता.

ELSS फंड में SIP और टैक्स का नियम

ELSS यानी Equity Linked Saving Scheme एक टैक्स सेविंग फंड होता है, जिसमें हर SIP किस्त पर 3 साल का लॉक-इन होता है. इसमें 3 साल बाद बेचे गए यूनिट्स पर LTCG लगेगा जिसमें ₹1.25 लाख तक मुनाफा टैक्स फ्री रहेगा और बाकी पर 12.5% टैक्स लगेगा.साथ ही सेक्शन 80C के तहत ₹1.5 लाख तक का टैक्स डिडक्शन भी मिलेगी.

क्या डिविडेंड पर भी टैक्स लगता है?

अब डिविडेंड आपकी इनकम में जोड़ा जाता है और आपकी टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लगता है. पहले DDT (डिविडेंड डिस्ट्रिब्यूशन टैक्स) लगता था, लेकिन अब वह हटा दिया गया है.

SIP से हुई कमाई पर टैक्स कैसे बचाएं?

  • इक्विटी फंड्स में 12 महीने से पहले यूनिट्स बेचने से बचें.
  • SIP यूनिट्स को कम से कम 12 महीने होल्ड करें ताकि STCG न लगे.
  • हर साल ₹1.25 लाख तक के LTCG पर छूट का पूरा फायदा लें.
  • डेट फंड्स में 24 लाख तक LTCG छूट की प्लानिंग करें.

अगर आप SIP से कमाई कर रहे हैं या करने की सोच रहे हैं, तो इन टैक्स रूल्स को ध्यान में रखकर ही निवेश करें, ताकि आपका मुनाफा टैक्स में न कटे.
 

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