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RBI का बड़ा फैसला, अब 10 साल से ऊपर के बच्चे खुद चला सकेंगे अपना बैंक अकाउंट, मिलेगी ये सुविधाएं

RBI New Rules for Minor Bank Accounts: आरबीआई के इस कदम से बच्चों को शुरुआत से ही फाइनेंशियल डिसिप्लिन सीखने और डिजिटल बैंकिंग को समझने का मौका मिलेगा. RBI का यह फैसला न सिर्फ बच्चों को फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस की तरफ ले जाएगा, बल्कि पैरेंट्स के लिए भी राहत की बात है कि उनका बच्चा छोटी उम्र से ही पैसों की प्लानिंग और बचत को समझ सकेगा.

RBI का बड़ा फैसला, अब 10 साल से ऊपर के बच्चे खुद चला सकेंगे अपना बैंक अकाउंट, मिलेगी ये सुविधाएं
RBI ने सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि वे 1 जुलाई 2025 तक अपनी पुरानी पॉलिसी में बदलाव करें या नई पॉलिसी बनाएं ताकि ये नए नियम लागू किए जा सकें.
नई दिल्ली:

अगर आपके बच्चे की उम्र 10 साल से ज्यादा है और वह पैसों को लेकर थोड़ा समझदार भी है, तो अब वह खुद अपना बैंक अकाउंट चला सकता है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक बड़ा फैसला लेते हुए बैंकों को ये अनुमति दे दी है कि वो 10 साल से ऊपर के नाबालिगों को खुद से सेविंग और फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट खोलने और ऑपरेट करने की सुविधा दे सकते हैं. इस कदम से बच्चे फाइनेंशियल रूप से ज्यादा समझदार बनेंगें और उन्हें जल्दी से पैसों की अहमियत भी समझ आएगी.

10 साल से ऊपर के बच्चों को बैंकिंग की आजादी

RBI ने 21 अप्रैल को जारी सर्कुलर में कहा है कि अब अगर10 साल और उससे ऊपर की उम्र के नाबालिग बच्चे चाहें, तो खुद से बैंक में सेविंग या फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट खोलने और उसे चलाने की इजाजत दी जा सकती है. हालांकि, हर बैंक अपनी रिस्क पॉलिसी के अनुसार लिमिट और शर्तें तय करेगा और वो सभी शर्तें अकाउंट होल्डर को पहले से बता दी जाएंगी.

शर्तों के साथ मिलेंगी बैंकिंग सुविधाएं

RBI ने ये भी कहा है कि बैंक बच्चों को इंटरनेट बैंकिंग, एटीएम या डेबिट कार्ड और चेक बुक जैसी सुविधाएं भी दे सकते हैं, लेकिन ये सब बैंक की रिस्क पॉलिसी और बच्चे की जरूरत और समझदारी के हिसाब से होगा. यानी जरूरी नहीं कि हर बच्चे को ये सारी सुविधाएं मिलें, यह बैंक तय करेगा कि किसे क्या देना है.

माइनर अकाउंट में ओवरड्राफ्ट की अनुमति नहीं

चाहे अकाउंट बच्चे खुद से चला रहे हों या किसी अभिभावक के जरिए, RBI ने साफ कहा है कि ऐसा कोई भी माइनर अकाउंट ओवरड्राफ्ट में नहीं जा सकता यानी अकाउंट का बैलेंस कभी भी जीरो से नीचे नहीं जाना चाहिए. बैंक को ये सुनिश्चित करना होगा कि अकाउंट में हमेशा कुछ न कुछ रकम मौजूद हो.

10 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए क्या हैं नियम?

अगर बच्चा 10 साल से छोटा है, तो भी उसका बैंक अकाउंट खोला जा सकता है, लेकिन इसके लिए उसके माता-पिता या लीगल गार्जियन को साथ रहना होगा. RBI ने ये भी साफ किया है कि अगर कोई मां चाहें, तो वो अपने बच्चे की ओर से गार्जियन बनकर उसका अकाउंट खोल सकती हैं.

जब बच्चा 18 साल का हो जाएगा यानी मेच्योरिटी की उम्र में पहुंचेगा, तो उस वक्त अकाउंट को ऑपरेट करने के लिए नए निर्देश, नया सिग्नेचर और अन्य जरूरी जानकारी दोबारा ली जाएगी और बैंक के रिकॉर्ड में अपडेट की जाएगी.

बैंकों को जुलाई 2025 तक  करने होंगे बदलाव

RBI ने सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि वे 1 जुलाई 2025 तक अपनी पुरानी पॉलिसी में बदलाव करें या नई पॉलिसी बनाएं ताकि ये नए नियम लागू किए जा सकें. साथ ही बैंकों को कहा गया है कि जब भी माइनर के नाम पर नया अकाउंट खोला जाए, तो अच्छे से जांच-पड़ताल यानी ड्यू डिलिजेंस जरूर की जाए और आगे भी अकाउंट की निगरानी की जाए.

RBI का यह फैसला पैरेंट्स के लिए भी राहत की बात

पहले बच्चों का अकाउंट केवल गार्जियन के जरिए ही खोला और चलाया जा सकता था. खुद से ऑपरेट करने की इजाजत उन्हें नहीं थी. अब RBI के इस कदम से बच्चों को शुरुआत से ही फाइनेंशियल डिसिप्लिन सीखने और डिजिटल बैंकिंग को समझने का मौका मिलेगा. RBI का यह फैसला न सिर्फ बच्चों को फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस की तरफ ले जाएगा, बल्कि पैरेंट्स के लिए भी राहत की बात है कि उनका बच्चा छोटी उम्र से ही पैसों की प्लानिंग और बचत को समझ सकेगा. अगर आप अपने बच्चे के लिए अकाउंट खुलवाने की सोच रहे हैं, तो बैंक से संपर्क कर नियमों की पूरी जानकारी जरूर लें.

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