भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मुंबई स्थित न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक (New India Co-operative Bank) पर बड़ी कार्रवाई की है. इसके तहत RBI ने कड़ा एक्शन लेते हुए इस पर कई प्रतिबंध लगा दिए हैं. अब ग्राहक अपने सेविंग अकाउंट (Saving Account), करेंट अकाउंट (Current Account) या किसी भी अकाउंट से पैसे नहीं निकाल सकेंगे. इतना ही नहीं, बैंक कोई नया लोन भी नहीं दे सकेगा और न ही किसी तरह की नई डिपॉजिट (Deposit) स्वीकार कर सकेगा.
ये पाबंदियां 13 फरवरी 2025 से अगले छह महीनों तक लागू रहेंगी. अगर आपका भी खाता इस बैंक में है, तो आपको अब क्या करना चाहिए और जमा पैसों का क्या होगा, आइए जानते हैं.
बैंक के खिलाफ इतनी सख्त कार्रवाई क्यों हुई?
RBI ने बैंक पर यह प्रतिबंध इसके खराब वित्तीय हालात को देखते हुए लगाया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, बैंक पिछले दो साल से लगातार नुकसान में चल रहा था. मार्च 2024 में बैंक को 22.78 करोड़ रुपये का घाटा हुआ, जबकि 2023 में यह घाटा 30.75 करोड़ रुपये था.
बैंक की हालत खराब होने के चलते RBI को यह कदम उठाना पड़ा ताकि ग्राहकों के पैसे सुरक्षित रह सकें और बैंक पर और ज्यादा वित्तीय दबाव न पड़े. हालांकि, RBI ने यह साफ किया है कि बैंक का लाइसेंस अभी रद्द नहीं किया गया है और उसकी स्थिति पर लगातार नजर रखी जाएगी.
ग्राहकों के जमा पैसों का क्या होगा?
अगर आपका पैसा न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में जमा है, तो घबराने की जरूरत नहीं है. डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) के तहत हर खाताधारक को 5 लाख रुपये तक की जमा राशि पर बीमा कवर मिलेगा.
यानी अगर बैंक की हालत ज्यादा खराब होती है और इसे बंद करना पड़ता है, तो हर ग्राहक को अधिकतम 5 लाख रुपये तक वापस मिलेंगे. लेकिन अगर आपके बैंक खाते में इससे ज्यादा पैसा जमा है, तो फिलहाल आपको इंतजार करना पड़ेगा कि बैंक की फाइनेंशियल स्थिति में सुधार हो या कोई समाधान निकले.
बैंक पर कौन-कौन से प्रतिबंध लगाए गए हैं?
- बैंक अब नए लोन जारी नहीं कर पाएगा और पुराने लोन को रिन्यू भी नहीं कर सकता.
- अब ग्राहक इस बैंक में नया फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) या कोई और डिपॉजिट स्कीम नहीं खोल पाएंगे.
- बैंक किसी तरह का नया निवेश नहीं कर सकता और किसी को कोई भुगतान भी नहीं कर पाएगा.
- बैंक अपनी संपत्तियां बेचकर पैसे जुटाने का भी कोई फैसला नहीं ले सकता.
आगे क्या होगा?
RBI ने कहा है कि ये प्रतिबंध फिलहाल 6 महीने के लिए हैं, लेकिन अगर बैंक की हालत नहीं सुधरती, तो इन्हें और आगे बढ़ाया जा सकता है. पिछले कुछ सालों में कई को-ऑपरेटिव बैंकों पर इसी तरह की पाबंदियां लगाई जा चुकी हैं, जिनमें PMC बैंक का मामला सबसे बड़ा था. बाद में उसे किसी अन्य वित्तीय संस्थान ने टेकओवर कर लिया था.
अगर आपके पास न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में खाता है, तो फिलहाल इंतजार करें और यह सुनिश्चित करें कि आपके पास अन्य बैंकों में भी बैकअप फंड मौजूद हो. वहीं, बैंक की मौजूदा स्थिति को देखते हुए ग्राहक अपने डिपॉजिट इंश्योरेंस क्लेम के लिए बैंक से संपर्क कर सकते हैं.
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