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This Article is From Oct 01, 2021

अब CNG और पाइपलाइन रसोई गैस पर भी लग सकता है झटका! सरकार ने 62% बढ़ा दिए नेचुरल गैस के दाम

Natural Gas Price Hike: नेचुरल गैस के दाम बढ़ने से दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में सीएनजी और पाइप के जरिये घरों में आपूर्ति होने वाली रसोई गैस की कीमत में 10-11 प्रतिशत की वृद्धि होगी.

अब CNG और पाइपलाइन रसोई गैस पर भी लग सकता है झटका! सरकार ने  62% बढ़ा दिए नेचुरल गैस के दाम
CNG Price Hike : नेचुरल गैस के दामों में सरकार ने की जबरदस्त बढ़ोतरी. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:

सरकार ने गुरुवार को प्राकृतिक गैस की कीमत 62 प्रतिशत बढ़ा दी. प्राकृतिक गैस का उपयोग उर्वरक, बिजली उत्पादन में और सीएनजी के रूप में वाहन ईंधन (CNG) तथा खाना पकाने के लिये रसोई गैस (Kitchen Pipeline Gas) के रूप में होता है. अप्रैल 2019 के बाद कीमत में यह पहली वृद्धि है. मानक माने जाने वाले अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम में तेजी के कारण गैस के दाम बढ़े हैं. उद्योग से जुड़े सूत्रों के अनुसार गैस के दाम बढ़ने से दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में सीएनजी और पाइप के जरिये घरों में आपूर्ति होने वाली रसोई गैस की कीमत में 10-11 प्रतिशत की वृद्धि होगी.

प्राकृतिक गैस की कीमत हर छह महीने पर- एक अप्रैल और एक अक्टूबर- को तय की जाती है. यह दर अमेरिका, कनाडा और रूस जैसे गैस संसाधन अधिशेष वाले देशों में एक तिमाही के अंतर के साथ एक साल की कीमत के आधार पर तय की जाती है. यानी एक अक्टूबर से 31 मार्च के लिये कीमत जुलाई 2020 से जून 2021 के दौरान के मूल्य के आधार पर तय होगी.

पेट्रोलियम मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना और विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) और ऑयल इंडिया लि. को आवंटित फील्डों से उत्पादित प्राकृतिक गैस की कीमत एक अक्टूबर से अगले छह महीने के लिये 2.90 डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट होगी. वहीं गहरे सागर जैसे कठिन क्षेत्रों से उत्पादित गैस की कीमत 6.13 डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट होगी.  फिलहाल यह दर 3.62 डॉलर प्रति यूनिट है. यह अधिकतम मूल्य है जो रिलायंस इंडस्ट्रीज लि. और उसकी भागीदार बीपी पीएलसी केजी-डी6 जैसे गहरे सागर में स्थित ब्लॉक से उत्पादित गैस के लिये प्राप्त करने की हकदार होगी.

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सरकारी सब्सिडी से दरों में वृद्धि की आशंका नहीं

इस वृद्धि से ईंधन के रूप में गैस का उपयोग करने वाले बिजली संयंत्रों से उत्पादित बिजली की लागत भी बढ़ेगी. हालांकि, इससे ग्राहकों पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा क्योंकि गैस आधारित संयंत्रों से उत्पादित बिजली की हिस्सेदारी ज्यादा नहीं है. इसी प्रकार, उवर्रक उत्पादन की लागत भी बढ़ेगी लेकिन सरकारी सब्सिडी से दरों में वृद्धि की आशंका नहीं है.

इससे पहले, अप्रैल में की गयी समीक्षा में ओएनजीसी को दी गयी 1.79 डॉलर प्रति यूनिट में कोई बदलाव नहीं किया गया था जबकि गहरे सागर में स्थित क्षेत्रों से उत्पादित गैस के दाम 4.06 डॉलर प्रति यूनिट से कम कर 3.62 रुपये प्रति यूनिट कर दिये गये थे. सूत्रों के अनुसार गैस के दाम में एक डॉलर की वृद्धि से ओएनजीसी के सालाना राजस्व में 5,200 करोड़ रुपये की वृद्धि का अनुमान है. कर और अन्य शुल्क हटाने के बाद यह 3,200 से 3,300 करोड़ रुपये बैठता है. इससे पहले, अप्रैल 2019 में गैस के दाम बढ़ाये गये थे. उसके बाद वैश्विक मानक दरों में कमी से इसमें गिरावट ही आती रही.

सरकार ओएनजीसी को नामांकन के आधार पर आवंटित फील्ड से उत्पादित गैस के लिये मूल्य तय करती है. साथ ही छमाही आधार पर उन क्षेत्रों से उत्पादित गैस के लिये अधिकतम मूल्य तय करती है, जिसे परिचालकों ने लाइसेंस दौर के तहत हासिल किया है.

सूत्रों के अनुसार कंपनियां उपयोगकर्ताओं से मूल्य के साथ बोलियां आमंत्रित करती है. लेकिन कीमत सरकार द्वारा घोषित मूल्य सीमा पर निर्भर करती है. पीपीएसी ने कहा, ‘घरेलू प्राकृतिक गैस की कीमत एक अक्टूबर, 2021 से 31 मार्च, 2022 तक 2.90 डॉलर प्रति यूनिट होगी. जबकि गहरे जल क्षेत्र और उच्च दबाव, उच्च तापमान वाले क्षेत्रों में स्थित गैस क्षेत्रों से उत्पादित गैस की कीमत 6.13 डॉलर प्रति यूनिट होगी.'

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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