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मकान मालिकों की मनमानी खत्म! अब 2 महीने से ज्यादा नहीं ले पाएंगे सिक्योरिटी, किराएदारों के लिए बड़ी राहत

Rent Agreement New Rules 2025: नियमों के अनुसार, मकान मालिक बिना वजह किराया नहीं बढ़ा सकेंगे. किराया बढ़ोतरी वही होगी, जो लिखित एग्रीमेंट में पहले से तय की गई है. इसके अलावा, किराया बढ़ाने से 3 महीने पहले किराएदार को लिखित नोटिस देना अनिवार्य होगा.

मकान मालिकों की मनमानी खत्म! अब 2 महीने से ज्यादा नहीं ले पाएंगे सिक्योरिटी, किराएदारों के लिए बड़ी राहत
New Rent Agreement Rules 2025: सरकार एक जैसा रेंट एग्रीमेंट टेम्पलेट लाने की तैयारी में है ताकि कोई भी पक्ष अपनी मनमर्जी की शर्तें न जोड़ सके.
नई दिल्ली:

देश में लाखों लोग किराये पर रहते हैं और उन्हें सबसे ज्यादा परेशानी होती है मकान मालिक की मनमानी से. कहीं कोई घर रेंट पर देने से पहले 6 महीने की सिक्योरिटी मनी डिमांड है, तो कहीं बिना लिखित एग्रीमेंट के ही किराया बढ़ा दिया जाता है. इसी परेशनी को देखते हुए सरकार Model Tenancy Act को पूरे देश में लागू करवाने पर जोर दे रही है. 

नए रेंट रूल्स 2025 में साफ कर दिया गया है कि अब सिक्योरिटी पर लगाम लगेगी, किराया मनमाने तरीके से नहीं बढ़ सकेगा, और बिना कारण किसी को घर से नहीं निकाला जा सकेगा. यह कानून आम किराएदारों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है और किराये का पूरा सिस्टम पहले से ज्यादा साफ और सुरक्षित बनेगा. आइये आसान भाषा में एक-एक बात समझते हैं.

अब नहीं चलेगा मनमानी सिक्योरिटी डिपॉजिट 

नए नियमों के बाद मकान मालिक अब मनचाही सिक्योरिटी नहीं मांग पाएंगे. रेसिडेशियल हाउसेज के लिए अधिकतम 2 महीने का किराया ही सिक्योरिटी रखा जा सकता है, जबकि दुकानों या ऑफिस जैसी कमर्शियल जगहों पर 6 महीने तक की सीमा रखी गई है. इससे किराएदारों पर रेंट पर घर लेते समय पैसे का बोझ काफी कम होगा.

बिना लिखित रेंट एग्रीमेंट घर किराये पर नहीं मिलेगा

Model Tenancy Act कहता है कि हर किरायेदारी के लिए लिखित रेंट एग्रीमेंट जरूरी है. इसमें किराया, बढ़ोतरी, मरम्मत की जिम्मेदारी और रेंटल पीरिएड सब साफ लिखा होगा. दोनों पक्षों को एग्रीमेंट बनने के 60 दिन के भीतर इसे रेंट अथॉरिटी में जमा करना होगा.

रेंट एग्रीमेंट अब ऑनलाइन भी  होगा रजिस्टर

राज्यों को एक डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाना होगा जहां किराया एग्रीमेंट ऑनलाइन दर्ज होगा. यह रिकॉर्ड आधिकारिक तौर पर मान्य होगा और विवाद होने पर यही सबसे बड़ा सबूत माना जाएगा. इससे पूरी प्रक्रिया आसान, सुरक्षित और साफ होगी.

किराया बढ़ाने पर भी कड़ा नियम

मकान मालिक बिना वजह किराया नहीं बढ़ा सकेंगे. किराया बढ़ोतरी वही होगी, जो लिखित एग्रीमेंट में पहले से तय की गई है. इसके अलावा, किराया बढ़ाने से 3 महीने पहले किराएदार को लिखित नोटिस देना अनिवार्य होगा.

बिना कारण नहीं की जा सकेगी बेदखली

अब मकान मालिक किराएदार को मनमर्जी से घर से बाहर नहीं निकाल सकता. इसके लिए रेंट अथॉरिटी का आदेश जरूरी होगा और कारण भी कानून में लिखे हुए होने चाहिए. जैसे किराया न देना, अवैध गतिविधि, या बिना अनुमति सबलेट करना.

समय पर मकान खाली न करने पर लग सकता है भारी जुर्माना

लीज खत्म होने के बाद अगर किराएदार मकान नहीं खाली करता है, तो पहले 2 महीने तक दोगुना किराया और उसके बाद 4 गुना किराया देना होगा. इससे मकान मालिकों को भी सुरक्षा मिलेगी.

एक सामान टेम्पलेट से रेंट एग्रीमेंट बनेगा आसान

सरकार एक जैसा रेंट एग्रीमेंट टेम्पलेट लाने की तैयारी में है ताकि कोई भी पक्ष अपनी मनमर्जी की शर्तें न जोड़ सके. इससे किराएदारों को धोखे वाली शर्तों से राहत मिलेगी.

विवाद अब जल्दी निपटेंगे, सिविल कोर्ट का नहीं लगेगा चक्कर

नए कानून में विवादों के लिए 3 लेवल का सिस्टम दिया गया है . रेंट अथॉरिटी, रेंट कोर्ट और रेंट ट्रिब्यूनल. इसका मकसद यह है कि किराए से जुड़े मामले 60 दिन में निपट जाएं. इससे लंबी कानूनी प्रक्रिया से छुटकारा मिलेगा.

अभी पूरे देश में लागू नहीं, राज्यों को अपने नियम बदलने होंगे

यह कानून एक मॉडल है. इसे लागू करना राज्यों की जिम्मेदारी है. कई राज्य अपने नए रेंट कानून बना चुके हैं, जैसे उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु. दिल्ली भी पुराना 1958 वाला कानून हटाकर नया लाने की तैयारी में है.

रेंटल मार्केट ज्यादा सेफ और सिक्योर बनेगा

नए नियमों से एक ऐसा सिस्टम बनेगा जिसमें किराएदार को सुरक्षा मिलेगी और मकान मालिक को भी कानून का सहारा मिलेगा. इससे पूरे देश में रेंटल मार्केट ट्रासपेरेंट होगा और लोगों को मनमानी से राहत मिलेगी.

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