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This Article is From May 24, 2023

Income Tax Return Filing: ऑनलाइन ITR-1 और ITR-4 फॉर्म हुए जारी, किसे भरना है ये फॉर्म, जानें

आयकर विभाग की वेबसाइट से इन दोनों फॉर्म को प्री-फिल्ड डाटा के साथ डाउनलोड किया जा सकता है. ऑनलाइन फॉर्म में इनकम (फॉर्म-16), सेविंग अकाउंट से होने वाले इंटरेस्ट, फिक्स्ड डिपॉजिट आदि जानकारी पहले से भरी हुई मिलेगी.

Income Tax Return Filing: ऑनलाइन ITR-1 और ITR-4 फॉर्म हुए जारी, किसे भरना है ये फॉर्म, जानें
आईटीआर भरने वालों के लिए ऑनलाइन जारी हुए आईटीआईर फॉर्म 1 और 4
नई दिल्ली:

आयकर विभाग ने करदाताओं की सुविधा के लिए आईटीआर  1 (ITR 1 form) और आईटीआर  4 (ITR 4 form) फॉर्म को ऑनलाइन जारी कर दिया है. इससे पहले आयकर विभाग ने 25 अप्रैल से ये दोनों फॉर्म ऑफलाइन जारी कर दिए थे. आयकर विभाग के नोटिफिकेशन के अनुसार एसेसमेंट ईयर 2023-24 के लिए आईटीआर-1 और आईटीआर-4 यानी दोनों फॉर्म ऑफलाइन भी मौजूद हैं. आयकर विभाग की वेबसाइट से इन दोनों फॉर्म को प्री-फिल्ड डाटा के साथ डाउनलोड किया जा सकता है. ऑनलाइन फॉर्म में इनकम (फॉर्म-16), सेविंग अकाउंट से होने वाले इंटरेस्ट, फिक्स्ड डिपॉजिट आदि जानकारी पहले से भरी हुई मिलेगी. इसलिए यह जानकारी जरूरी है कि ये जानकारी हो कि किसे कौन सा फॉर्म भरना होगा. आइए जानें.

आईटीआर फॉर्म 1 कौन भरेगा (Who will fill ITR form 1)

आयकर विभाग की साइट के अनुसार ITR-1 एक निवासी व्यक्ति द्वारा दाखिल किया जा सकता है, जिसके:

  • वित्तीय वर्ष के दौरान कुल आय ₹ 50 लाख से अधिक न हो
  • वेतन, एक गृह सम्पत्ति, पारिवारिक पेंशन आय, कृषि आय (₹5000/- तक) और अन्य स्रोतों से आय है, जिसमें निम्न शामिल हैं:
  • बचत खातों से ब्याज
  • जमाराशियों से ब्याज (बैंक/डाकघर/सहकारी समिति)
  • आयकर प्रतिदाय (Refund) से ब्याज
  • बढ़ाए गए मुआवजे पर प्राप्त ब्याज
  • कोई अन्य ब्याज आय
  • पारिवारिक पेंशन
  • जीवन साथी की आय (पुर्तगाली नागरिक संहिता के अंतर्गत आने वालों को छोड़कर) या अवयस्क की आय को जोड़ा जाता है (केवल तभी जब आय का स्रोत ऊपर उल्लिखित विनिर्दिष्ट सीमा के भीतर हो)


आईटीआर फॉर्म-4 को कौन फाइल कर सकता है? Who will file ITR form 4?

  • निर्धारण वर्ष 2022-23 के लिए आईटीआर-4 फ़ाइल करने के लिए कौन योग्‍य है?
  • आईटीआर-4 एक निवासी व्यक्ति / एचयूएफ़ / फ़र्म (एलएलपी के अलावा) द्वारा फ़ाइल किया जा सकता है, जिसके पास है 
  • वित्तीय वर्ष के दौरान ₹50 लाख से अधिक की आय नहीं है
  • कारोबार और व्यवसाय से आय जिसकी संगणना (computation) धारा 44AD, 44ADA या 44AE के तहत एक अनुमान के आधार पर की जाती है
  • वेतन/पेंशन से आय, एक गृह सम्पत्ति, कृषि-आय (₹ 5000/- तक)
  • अन्य स्रोत जिनमें सम्मिलित हैं (लॉटरी और घुड़दौड़ से आय को छोड़कर):
  • बचत खाते से ब्याज
  • जमा पर ब्याज (बैंक/डाकघर/सहकारिता समिति)
  • आयकर प्रतिदाय (Refund) से ब्याज
  • पारिवारिक पेंशन
  • बढ़ाए गए मुआवजे पर प्राप्त ब्याज
  • कोई अन्य ब्याज आय (जैसे, असुरक्षित ऋण से ब्याज आय)

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