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दादा-दादी से विरासत में मिले पैसे और संपत्ति को सही प्लानिंग से करें मैनेज, फ्यूचर होगा सिक्योर

Financial Planning : अचानक पैसा हाथ आते ही ज्यादातर लोग सबसे पहले खर्च करने के बारे में सोचते हैं. लेकिन ऐसा करना सही नहीं है. पैसे खर्च करने से पहले थोड़ा ठहरिए और सोचिए कि कैसे यही धन भविष्य में काम आ सकता है.

दादा-दादी से विरासत में मिले पैसे और संपत्ति को सही प्लानिंग से करें मैनेज, फ्यूचर होगा सिक्योर
Money Saving Tips: आज आपको जो विरासत मिला है, उसे आने वाली पीढ़ी तक आसानी से पहुंचाने के लिए आपको सही तरीका पता होना चाहिए.
नई दिल्ली:

अगर आपको अपने दादा-दादी यानी ग्रैंड पैरेंट्स से विरासत में कुछ मिलता है तो ये बड़ी खुशी की बात है, लेकिन विरासत में मिली इस लेगसी (Legacy) को ठीक से न सहेजा जाए तो मामला गड़बड़ा भी सकता है. इसमें कोई शक नहीं कि जब दादा-दादी से कुछ पैसे या संपत्ति का इनहेरिटेंस मिलता है, तो मन खुशी से भर जाता है पर साथ ही थोड़ा कन्फ्यूजन भी हो सकता है. 

अचानक पैसा हाथ आते ही ज्यादातर लोग सबसे पहले खर्च करने के बारे में सोचते हैं. लेकिन ऐसा करना सही नहीं है. पैसे खर्च करने से पहले थोड़ा ठहरिए और सोचिए कि कैसे यही धन भविष्य में काम आ सकता है. ध्यान रहे की जल्दबाजी में कोई ऐसा डिसीजन न लें जो बाद में परेशानी का कारण बने.

पैसा सुरक्षित जगह पर रखें, जल्दबाज़ी न करें

इनहेरिटेंस मिलने के तुरंत बाद बड़े फैसले लेने की जगह कुछ वक्त इंतज़ार करें. शुरुआत में पैसे को किसी सुरक्षित जगह रखिए. इससे आपको सोचने का समय मिलेगा और आप ठंडे दिमाग से इन्वेस्टमेंट की प्लानिंग कर पाएंगे. टैक्स से जुड़े पहलू भी इसी दौरान बेहतर समझ में आते हैं.

पहले कर्ज़ उतारें

अगर आपके ऊपर हाई-इंटरेस्ट वाला कर्ज़ है, जैसे क्रेडिट कार्ड या पर्सनल लोन, तो उसे निपटाना सबसे जरूरी है. कर्ज़ खत्म होते ही आप फाइनेंशियल सिक्योरिटी की दिशा में पहला मजबूत कदम रख सकते हैं.

इमरजेंसी फंड बनाएं

भविष्य में अचानक आने वाली मेडिकल इमरजेंसी या नौकरी खोने जैसी स्थिति से निपटने के लिए एक इमरजेंसी फंड रखें. इसमें 6 से 12 महीने का खर्च होना चाहिए, जिसे आप आसानी से एक्सेस कर सकें. इसके लिए सेविंग्स अकाउंट या लिक्विड फंड सही रहते हैं.

बचे पैसे को इन्वेस्ट करें

कर्ज़ चुकाने और इमरजेंसी फंड बनाने के बाद जो पैसा बचे, उसे इन्वेस्ट करने पर ध्यान दें. अपनी रिस्क लेने की क्षमता के हिसाब से इक्विटी म्यूचुअल फंड्स, फिक्स्ड डिपॉज़िट्स, बॉन्ड्स या रिटायरमेंट से जुड़े प्रोडक्ट चुन सकते हैं. अगर आप युवा हैं, तो इक्विटी में लंबी अवधि के लिए अच्छा रिटर्न मिल सकता है.

इन्वेस्टमेंट का साफ मकसद तय करें

इन्वेस्टमेंट हमेशा किसी मकसद से जुड़ा होना चाहिए. जैसे अगर आप घर खरीदना चाहते हैं, बच्चों की पढ़ाई के लिए सेविंग करना है या रिटायरमेंट के लिए तैयारी करनी है, तो उसी हिसाब से इन्वेस्टमेंट चुनें. जब मकसद साफ होगा तो पैसा सही जगह लगेगा और बीच में निकालने की ज़रूरत भी नहीं पड़ेगी.

लाइफस्टाइल पर कंट्रोल रखें

अचानक बड़ी रकम मिलते ही लोग अक्सर अपना लाइफस्टाइल बदल लेते हैं. लेकिन यही सबसे बड़ी गलती साबित हो सकती है. थोड़ा बहुत खर्च करना ठीक है, पर ज़रूरी है कि ज्यादातर पैसा भविष्य की ज़रूरतों के लिए बचाकर रखा जाए.

विरासत को आगे बढ़ाने की तैयारी करें

आज आपको जो विरासत मिला है, उसे आने वाली पीढ़ी तक आसानी से पहुंचाने के लिए आप अपनी विल या ट्रस्ट बनवा सकते हैं. इससे आगे ट्रांसफर करना आसान होगा और विवाद की संभावना भी कम होगी.

विरासत में मिला कोई सामान केवल पैसा नहीं होता, ये एक लेगेसी होती है. इसे संभालकर और सोच-समझकर इस्तेमाल करेंगे तो ये आने वाले समय में परिवार की मजबूती और सुरक्षा का सहारा बनेगी. जल्दबाजी या गलत फैसले इस मौके को खतरे में डाल सकते हैं.

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