
EPF यानी कर्मचारी भविष्य निधि (Employees Provident Fund), ये एक सरकारी योजना है, जिसमें जॉब करने वाले लोग हर महीने अपनी सैलरी का थोड़ा हिस्सा जमा करते हैं और उनकी कंपनी भी उतनी ही रकम जमा करती है. ये पैसा धीरे धीरे जुड़ता जाता है और उस पर हर साल ब्याज भी मिलता है. रिटायरमेंट के वक्त यह जमा हुआ पैसा एक बड़ी रकम में बदल जाता है, जिससे आप अपने खर्च खुद उठा सकें. ऐसे में अगर आप पहले से पैसा जोड़कर रखें, तो आगे चलकर टेंशन कम हो जाती है. इसी के लिए बनी है EPF स्कीम.
EPF में कैसे होता है पैसा जमा?
जब आप किसी कंपनी में काम करते हैं और आपकी सैलरी तय होती है, तो उसमें से 12% हिस्सा हर महीने EPF में कटता है. आपकी कंपनी भी 12% का योगदान देती है, लेकिन उसका कुछ हिस्सा पेंशन स्कीम (EPS) में चला जाता है और बाकी EPF में.
EPF में पैसा कैसे जमा होता है, इसे एक आसान उदाहरण से समझते हैं:
अगर आपकी बेसिक सैलरी और DA मिलाकर ₹25,000 है, तो हर महीने आपकी सैलरी से ₹3,000 (12%) EPF में कटता है. आपकी कंपनी भी 12% का योगदान देती है, लेकिन उसका कुछ हिस्सा पेंशन स्कीम (EPS) में चला जाता है.
इसमें से कंपनी का ₹1,250 (₹15,000 के 8.33%) EPS में जाता है और बाकी ₹1,750 EPF में जुड़ता है.
इस तरह हर महीने कुल मिलाकर ₹4,750 (₹3,000 आपका + ₹1,750 कंपनी का) EPF अकाउंट में जमा होता है.
इस रकम पर हर साल सरकार की तरफ से ब्याज भी जुड़ता है, जिससे आपकी सेविंग और भी बढ़ती है.
2024-25 में कितना ब्याज मिल रहा है?
सरकार हर साल EPF पर ब्याज तय करती है. इस बार की दर 8.25% रखी गई है. यह ब्याज अप्रैल 2024 से मार्च 2025 तक जमा हुए पैसे पर मिलेगा. हालांकि ब्याज की गिनती हर महीने होती है, लेकिन यह एक साथ साल के आखिरी दिन आपके खाते में जुड़ता है. हर महीने की बात करें तो 8.25% को 12 से बांटने पर लगभग 0.688% ब्याज बनता है.
उदाहरण: अगर आपके खाते में किसी महीने ₹9,500 जमा हुए हैं, तो उस पर महीने का ब्याज होगा
₹9,500×0.688% = ₹65.36
टैक्स में मिलेगी राहत
EPF का एक बड़ा फायदा यह है कि यह टैक्स बचाने में भी मदद करता है. लेकिन एक लिमिट के बाद इस पर टैक्स लग सकता है. अगर किसी व्यक्ति का 1 साल में EPF कॉन्ट्रीब्यूशन ₹2.5 लाख से ज्यादा है, तो मिलने वाले एक्स्ट्रा पैसे पर मिलने वाला इंटरेस्ट टैक्स के दायरे में आ जाएगा. ढाई लाख तक कॉन्ट्रीब्यूशन पर मिलने वाला इंटरेस्ट टैक्स फ्री होता है. अगर आपने लगातार 5 साल तक EPF में पैसा डाला है, तो पैसे निकालने पर टैक्स नहीं लगेगा. लेकिन अगर खाता डॉर्मेंट (निष्क्रिय) हो गया, यानी उसमें 3 साल तक कोई पैसा नहीं गया, तो उस पर मिलने वाला ब्याज टैक्स के तहत आएगा.
EPF में कोई कॉन्ट्रीब्यूशन नहीं गया तो क्या होगा?
अगर आपने नौकरी छोड़ दी और आपकी तरफ से EPF में कोई योगदान नहीं गया, तो आपका खाता डॉर्मेंट हो सकता है. ऐसी स्थिति में खाता चालू तो रहेगा लेकिन ब्याज मिलना बंद हो जाएगा. इसलिए कोशिश करें कि या तो नई नौकरी में खाता ट्रांसफर करें या फिर निकाल लें. दोनों की तरफ से EPF में 12% का कॉन्ट्रीब्यूशन होता है. वहीं कंपनी का कॉन्ट्रीब्यूशन पेंशन फंड और आपके EPF खाते में जमा हो जाता है. जिसमें 8.33% पेंशन फंड का और 3.67% EPF.
अगर आप चाहें तो 12% से ज्यादा भी EPF में जमा कर सकते हैं, जिसे वॉलंटरी EPF कहते हैं. लेकिन उस एक्स्ट्रा पैसे पर टैक्स छूट नहीं मिलेगी. EPF एक भरोसेमंद योजना है जो आपके रिटायरमेंट को सुरक्षित करती है. हर महीने सैलरी से जो थोड़ा थोड़ा पैसा कटता है, वही बाद में आपकी सबसे बड़ी मदद बनता है.
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