केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है. केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए केंद्रीय कर्मचारियों को गैर-उत्पादकता से जुड़ा (Non-productivity linked bonus) या तदर्थ बोनस (ad-hoc bonus) देने की घोषणा की iगई है. इसके पहले रेलवे के लाखों कर्मचारियों के लिए भी इस श्रेणी में बोनस दिए जाने का ऐलान किया गया था. मंगलवार को वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले व्यय विभाग ने एक बयान में इस बोनस की घोषणा की. यह बोनस केंद्र सरकार के ग्रुप C और ग्रुप B के उन सभी अराजपत्रित यानी नॉन-गजटेड कर्मचारियों उन कर्मचारियों को मिलेगा, जो किसी प्रोडक्टिविटी-लिंक्ड बोनस के तहत नहीं आते हैं.
किनको मिलेगा फायदा- व्यय विभाग ने अपने बयान में बताया है कि नॉन-प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस के तहत नहीं आने कर्मचारियों को इसका फायदा मिलेगा. यानी कि गैर-उत्पादकता से जुड़े बोनस (तदर्थ बोनस) का भुगतान समूह-सी में केंद्र सरकार के कर्मचारियों और समूह-बी में सभी अराजपत्रित कर्मचारियों को किया जाएगा, जो किसी भी उत्पादकता से जुड़ी बोनस योजना में शामिल नहीं हैं.
- केंद्रीय अर्धसैनिक बलों और सशस्त्र बलों के कर्मचारी भी बोनस के लिए पात्र होंगे. बयान में कहा गया कि जो कर्मचारी 31 मार्च, 2021 तक सेवा में थे, और जिन्होंने वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान कम से कम छह महीने की लगातार सेवा दी है, वे तदर्थ बोनस के लिए पात्र होंगे.
- 31 मार्च, 2021 से पहले इस्तीफा देने वाले, सेवानिवृत्त होने वाले या सेवा समाप्त करने वाले कर्मचारियों के मामले में तदर्थ बोनस का भुगतान केवल उन लोगों को किया जाएगा जो चिकित्सा आधार पर सेवानिवृत्त हुए या 31 मार्च, 2021 से पहले जिनका निधन हुआ हो. लेकिन इन मामलों में भी वर्ष के दौरान कम से कम छह महीने की नियमित सेवा होनी जरूरी है.
कैसे होगी गणनाइस बोनस के भुगतान के लिए गणना की सीमा 7,000 रुपये की मासिक परिलब्धियां होगी. व्यय विभाग ने कहा, ‘तदर्थ बोनस की मात्रा की गणना औसत परिलब्धियों/ गणना की अधिकतम सीमा, जो भी कम हो, के आधार पर की जाएगी.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं