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Voting System

'Voting System' - 9 News Result(s)
  • क्‍या है चोलों का 'मटका-पर्ची' वोटिंग सिस्‍टम? ब्रिटेन के मैग्‍ना-कार्टा से भी पुराना, PM मोदी ने की सराहना

    क्‍या है चोलों का 'मटका-पर्ची' वोटिंग सिस्‍टम? ब्रिटेन के मैग्‍ना-कार्टा से भी पुराना, PM मोदी ने की सराहना

    'कुदावोलाई' का शाब्दिक अर्थ है 'मतदान पात्र', यानी वोट डालने का घड़ा. ये तंत्र या प्रणाली दक्षिण भारत में 10वीं से 12वीं सदी के बीच चोल साम्राज्य के दौरान प्रचलित थी. उत्तरमेरूर गांव के शिलालेखों में इस प्रणाली का विस्तृत वर्णन है.

  • अमेरिका चुनाव : नए सर्वेक्षणों में कमला हैरिस को 3 प्रमुख राज्यों में डोनाल्ड ट्रम्प पर बढ़त मिली

    अमेरिका चुनाव : नए सर्वेक्षणों में कमला हैरिस को 3 प्रमुख राज्यों में डोनाल्ड ट्रम्प पर बढ़त मिली

    US Elections: अमेरिका में शनिवार को सामने आए नए चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों के नतीजों के अनुसार कमला हैरिस अब तीन महत्वपूर्ण राज्यों में डोनाल्ड ट्रम्प से आगे चल रही हैं. इससे पिछले एक साल में पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा हासिल की गई बढ़त अब कम होती प्रतीत हो रही है.

  • फॉक्स न्यूज और डोमिनियन वोटिंग सिस्टम का मामला क्या है, समझें यहां

    फॉक्स न्यूज और डोमिनियन वोटिंग सिस्टम का मामला क्या है, समझें यहां

    अमेरिका के दिग्गज मीडिया समूह फॉक्स न्यूज (Fox news) ने अदालत में शर्मिंदगी से बचने के लिए डोमिनियन वोटिंग सिस्टम (Dominion Voting system) से समझौता कर लिया. इस समझौते के एवज में कंपनी ने भारी रकम चुकाने का फैसला किया. फॉक्स न्यूज को फर्जी खबर चलाने के लिए यह समझौता करना पड़ा है. कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि फॉक्स न्यूज को हजारों करोड़ का नुकसान केवल झूठी खबर चलाने की वजह से उठाना पड़ रहा है. 

  • Fox News मानहानि के मामले में समझौते के लिए डोमिनियन वोटिंग सिस्टम कंपनी को 787 मिलियन डॉलर देगा

    Fox News मानहानि के मामले में समझौते के लिए डोमिनियन वोटिंग सिस्टम कंपनी को 787 मिलियन डॉलर देगा

    आगे किसी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए फॉक्स न्यूज (Fox news) वोटिंग मशीन कंपनी ‘डोमिनियन वोटिंग सिस्टम्स'(Dominion Voting System) को 787 मिलियन डॉलर का भुगतान करने पर सहमत हो गया है. आश्चर्य की बात यह रही कि  डेलावेयर अदालत में मुकदमे के पहले ही दिन और जूरी के 12 सदस्यों के चयन के कुछ ही घंटों बाद समझौता हो गया. कोर्ट की कार्यवाही शाम को 4 बजे बंद हो गई और जज ने यह घोषणा की कि दोनों पक्षों में समझौता हो गया है.

  • "सभी चुनाव पहले की तरह मतपत्रों.... "; EVM पर सवाल उठाते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने बीजेपी पर साधा निशाना

    "सभी चुनाव पहले की तरह मतपत्रों.... "; EVM पर सवाल उठाते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने बीजेपी पर साधा निशाना

    बसपा प्रमुख ने मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त से मतपत्र से चुनाव कराये जाने के लिए पुरजोर मांग करते हुए कहा, ‘‘देश में ईवीएम के जरिये चुनाव को लेकर यहां की जनता में किस्म-किस्म की आशंकाएं व्याप्त हैं और उन्हें खत्म करने के लिए बेहतर यही होगा कि अब यहां आगे छोटे-बड़े सभी चुनाव पहले की तरह मतपत्रों से ही कराए जाएं.’’

  • भारत के 86 फीसदी लोगों का मत- देश में अनिवार्य हो मतदान : सर्वे

    भारत के 86 फीसदी लोगों का मत- देश में अनिवार्य हो मतदान : सर्वे

    भारत में 86 फीसदी लोग चाहते हैं कि मतदान को अनिवार्य बना दिया जाए. मंगलवार को 12वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर जारी एक नए सर्वेक्षण से यह बात सामने आई है. ‘पब्लिक ऐप’ की ओर से देशभर में चार लाख से अधिक लोगों पर की गई रायशुमारी में 81 फीसदी प्रतिभागियों ने मौजूदा मतदान प्रणाली पर भरोसा जताया. इनमें 60 फीसदी प्रतिभागियों की उम्र 30 साल से कम थी. भारत में 2011 से चुनाव आयोग के स्थापना दिवस को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मनाया जाता है. इसका मकसद नए और युवा मतदाताओं के पंजीकरण को बढ़ावा देना है. चुनाव आयोग की स्थापना 25 जनवरी 1950 को हुई थी.

  • मतलब की बात! इन चुनावों में वोट डालने वाले हैं तो जान लें ये नियम, थर्मल स्क्रीनिंग में बुखार निकला तो करना होगा ये काम

    मतलब की बात! इन चुनावों में वोट डालने वाले हैं तो जान लें ये नियम, थर्मल स्क्रीनिंग में बुखार निकला तो करना होगा ये काम

    Assembly Elections 2022 : अगर आप वोट डालने वाले हैं तो कुछ अहम सवाल हैं जो आपके ज़हन में हो सकते हैं, जैसे कि अपना वोट डालने के लिए आपको कौन से दस्तावेज़ों की जरूरत होगी? थर्मल स्क्रीनिंग के दौरान बुखार आने पर क्या आप वोट कर पाएंगे? अगर ऐसा हुआ तो आप वोट करने कैसे जाएंगे? तो चुनावों से जुड़े आज हम आपके सभी जरूरी सवालों के जवाब दे रहे हैं.

  • ईवीएम पर बहस पार्ट-2: बैलेट के बाद EVM से बिहार के लोगों ने ली राहत की सांस!

    ईवीएम पर बहस पार्ट-2: बैलेट के बाद EVM से बिहार के लोगों ने ली राहत की सांस!

    साल 2000 तक बिहार में हर चुनाव बैलेट पेपर से हुए, लेकिन हर चुनाव में जीत का मुख्य आधार सामाजिक समीकरण ही रहे. हालांकि, यह भी सच है कि उम्मीदवार अपनी जीत के लिए बैलेट पेपर को लूटने के प्रयास करते रहे. हालात ऐसे थे कि अगर पार्टी सता में होती तो प्रशासन का साथ मिलता, लेकिन विपक्ष में रहने पर गोलीबारी, चुनाव में अथाह खर्चे आदि करना एक नियमित अनिवार्य प्रक्रिया थी, जिसे नजर अंदाज करना चुनाव से पहले घुटने टेकने के समान था. इसलिए मतदान के दिन हिंसा, गोली चलना, बम विस्फोट एक आम बात थी. शायद ही कोई एक ऐसा चुनाव हो जब लोकतंत्र के नाम पर बूथ लूटने में बीस लोगों से कम जाने गयी हो. 

  • ईवीएम पर बहस समय की बर्बादी क्यों है?

    ईवीएम पर बहस समय की बर्बादी क्यों है?

    इन दिनों पूरे देश में एक बार फिर से EVM पर बहस शुरू हो गई है. खासकर कांग्रेस महाधिवेशन के बाद जिसमें फिर से बैलेट पेपर के माध्यम से चुनाव कराने की मांग की गई है. कई क्षेत्रिय दलों ने यह मांग पहले से कर रखी है. लेकिन अगर आप मुझसे पूछेंगे तो मेरे हिसाब से ये बहस बेमानी है. क्योंकि बिहार, जहां बैलेट और बुलेट का संघर्ष जगव्यापी रहा है, वहां ईवीएम से गरीब और वंचित समाज के लोग ज्यादा निर्भिक होकर मतदान करते हैं. बिहार हो या उतर प्रदेश या कोई अन्य राज्य, अभी चुनाव में जीत-हार आपके सामाजिक समीकरण , चुनाव अभियान के नेतृत्व और आपके संगठन की शक्ति तय करते हैं. लेकिन पिछले क़रीब तीन दशक के बिहार चुनाव परिणामों पर नजर दौड़ाएंगे तो यह दूध का दूध और पानी का पानी साबित हो जाएगा. 

'Voting System' - 9 News Result(s)
  • क्‍या है चोलों का 'मटका-पर्ची' वोटिंग सिस्‍टम? ब्रिटेन के मैग्‍ना-कार्टा से भी पुराना, PM मोदी ने की सराहना

    क्‍या है चोलों का 'मटका-पर्ची' वोटिंग सिस्‍टम? ब्रिटेन के मैग्‍ना-कार्टा से भी पुराना, PM मोदी ने की सराहना

    'कुदावोलाई' का शाब्दिक अर्थ है 'मतदान पात्र', यानी वोट डालने का घड़ा. ये तंत्र या प्रणाली दक्षिण भारत में 10वीं से 12वीं सदी के बीच चोल साम्राज्य के दौरान प्रचलित थी. उत्तरमेरूर गांव के शिलालेखों में इस प्रणाली का विस्तृत वर्णन है.

  • अमेरिका चुनाव : नए सर्वेक्षणों में कमला हैरिस को 3 प्रमुख राज्यों में डोनाल्ड ट्रम्प पर बढ़त मिली

    अमेरिका चुनाव : नए सर्वेक्षणों में कमला हैरिस को 3 प्रमुख राज्यों में डोनाल्ड ट्रम्प पर बढ़त मिली

    US Elections: अमेरिका में शनिवार को सामने आए नए चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों के नतीजों के अनुसार कमला हैरिस अब तीन महत्वपूर्ण राज्यों में डोनाल्ड ट्रम्प से आगे चल रही हैं. इससे पिछले एक साल में पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा हासिल की गई बढ़त अब कम होती प्रतीत हो रही है.

  • फॉक्स न्यूज और डोमिनियन वोटिंग सिस्टम का मामला क्या है, समझें यहां

    फॉक्स न्यूज और डोमिनियन वोटिंग सिस्टम का मामला क्या है, समझें यहां

    अमेरिका के दिग्गज मीडिया समूह फॉक्स न्यूज (Fox news) ने अदालत में शर्मिंदगी से बचने के लिए डोमिनियन वोटिंग सिस्टम (Dominion Voting system) से समझौता कर लिया. इस समझौते के एवज में कंपनी ने भारी रकम चुकाने का फैसला किया. फॉक्स न्यूज को फर्जी खबर चलाने के लिए यह समझौता करना पड़ा है. कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि फॉक्स न्यूज को हजारों करोड़ का नुकसान केवल झूठी खबर चलाने की वजह से उठाना पड़ रहा है. 

  • Fox News मानहानि के मामले में समझौते के लिए डोमिनियन वोटिंग सिस्टम कंपनी को 787 मिलियन डॉलर देगा

    Fox News मानहानि के मामले में समझौते के लिए डोमिनियन वोटिंग सिस्टम कंपनी को 787 मिलियन डॉलर देगा

    आगे किसी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए फॉक्स न्यूज (Fox news) वोटिंग मशीन कंपनी ‘डोमिनियन वोटिंग सिस्टम्स'(Dominion Voting System) को 787 मिलियन डॉलर का भुगतान करने पर सहमत हो गया है. आश्चर्य की बात यह रही कि  डेलावेयर अदालत में मुकदमे के पहले ही दिन और जूरी के 12 सदस्यों के चयन के कुछ ही घंटों बाद समझौता हो गया. कोर्ट की कार्यवाही शाम को 4 बजे बंद हो गई और जज ने यह घोषणा की कि दोनों पक्षों में समझौता हो गया है.

  • "सभी चुनाव पहले की तरह मतपत्रों.... "; EVM पर सवाल उठाते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने बीजेपी पर साधा निशाना

    "सभी चुनाव पहले की तरह मतपत्रों.... "; EVM पर सवाल उठाते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने बीजेपी पर साधा निशाना

    बसपा प्रमुख ने मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त से मतपत्र से चुनाव कराये जाने के लिए पुरजोर मांग करते हुए कहा, ‘‘देश में ईवीएम के जरिये चुनाव को लेकर यहां की जनता में किस्म-किस्म की आशंकाएं व्याप्त हैं और उन्हें खत्म करने के लिए बेहतर यही होगा कि अब यहां आगे छोटे-बड़े सभी चुनाव पहले की तरह मतपत्रों से ही कराए जाएं.’’

  • भारत के 86 फीसदी लोगों का मत- देश में अनिवार्य हो मतदान : सर्वे

    भारत के 86 फीसदी लोगों का मत- देश में अनिवार्य हो मतदान : सर्वे

    भारत में 86 फीसदी लोग चाहते हैं कि मतदान को अनिवार्य बना दिया जाए. मंगलवार को 12वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर जारी एक नए सर्वेक्षण से यह बात सामने आई है. ‘पब्लिक ऐप’ की ओर से देशभर में चार लाख से अधिक लोगों पर की गई रायशुमारी में 81 फीसदी प्रतिभागियों ने मौजूदा मतदान प्रणाली पर भरोसा जताया. इनमें 60 फीसदी प्रतिभागियों की उम्र 30 साल से कम थी. भारत में 2011 से चुनाव आयोग के स्थापना दिवस को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मनाया जाता है. इसका मकसद नए और युवा मतदाताओं के पंजीकरण को बढ़ावा देना है. चुनाव आयोग की स्थापना 25 जनवरी 1950 को हुई थी.

  • मतलब की बात! इन चुनावों में वोट डालने वाले हैं तो जान लें ये नियम, थर्मल स्क्रीनिंग में बुखार निकला तो करना होगा ये काम

    मतलब की बात! इन चुनावों में वोट डालने वाले हैं तो जान लें ये नियम, थर्मल स्क्रीनिंग में बुखार निकला तो करना होगा ये काम

    Assembly Elections 2022 : अगर आप वोट डालने वाले हैं तो कुछ अहम सवाल हैं जो आपके ज़हन में हो सकते हैं, जैसे कि अपना वोट डालने के लिए आपको कौन से दस्तावेज़ों की जरूरत होगी? थर्मल स्क्रीनिंग के दौरान बुखार आने पर क्या आप वोट कर पाएंगे? अगर ऐसा हुआ तो आप वोट करने कैसे जाएंगे? तो चुनावों से जुड़े आज हम आपके सभी जरूरी सवालों के जवाब दे रहे हैं.

  • ईवीएम पर बहस पार्ट-2: बैलेट के बाद EVM से बिहार के लोगों ने ली राहत की सांस!

    ईवीएम पर बहस पार्ट-2: बैलेट के बाद EVM से बिहार के लोगों ने ली राहत की सांस!

    साल 2000 तक बिहार में हर चुनाव बैलेट पेपर से हुए, लेकिन हर चुनाव में जीत का मुख्य आधार सामाजिक समीकरण ही रहे. हालांकि, यह भी सच है कि उम्मीदवार अपनी जीत के लिए बैलेट पेपर को लूटने के प्रयास करते रहे. हालात ऐसे थे कि अगर पार्टी सता में होती तो प्रशासन का साथ मिलता, लेकिन विपक्ष में रहने पर गोलीबारी, चुनाव में अथाह खर्चे आदि करना एक नियमित अनिवार्य प्रक्रिया थी, जिसे नजर अंदाज करना चुनाव से पहले घुटने टेकने के समान था. इसलिए मतदान के दिन हिंसा, गोली चलना, बम विस्फोट एक आम बात थी. शायद ही कोई एक ऐसा चुनाव हो जब लोकतंत्र के नाम पर बूथ लूटने में बीस लोगों से कम जाने गयी हो. 

  • ईवीएम पर बहस समय की बर्बादी क्यों है?

    ईवीएम पर बहस समय की बर्बादी क्यों है?

    इन दिनों पूरे देश में एक बार फिर से EVM पर बहस शुरू हो गई है. खासकर कांग्रेस महाधिवेशन के बाद जिसमें फिर से बैलेट पेपर के माध्यम से चुनाव कराने की मांग की गई है. कई क्षेत्रिय दलों ने यह मांग पहले से कर रखी है. लेकिन अगर आप मुझसे पूछेंगे तो मेरे हिसाब से ये बहस बेमानी है. क्योंकि बिहार, जहां बैलेट और बुलेट का संघर्ष जगव्यापी रहा है, वहां ईवीएम से गरीब और वंचित समाज के लोग ज्यादा निर्भिक होकर मतदान करते हैं. बिहार हो या उतर प्रदेश या कोई अन्य राज्य, अभी चुनाव में जीत-हार आपके सामाजिक समीकरण , चुनाव अभियान के नेतृत्व और आपके संगठन की शक्ति तय करते हैं. लेकिन पिछले क़रीब तीन दशक के बिहार चुनाव परिणामों पर नजर दौड़ाएंगे तो यह दूध का दूध और पानी का पानी साबित हो जाएगा.