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फॉक्स न्यूज और डोमिनियन वोटिंग सिस्टम का मामला क्या है, समझें यहां

अमेरिका के दिग्गज मीडिया समूह फॉक्स न्यूज (Fox news) ने अदालत में शर्मिंदगी से बचने के लिए डोमिनियन वोटिंग सिस्टम (Dominion Voting system) से समझौता कर लिया. इस समझौते के एवज में कंपनी ने भारी रकम चुकाने का फैसला किया. फॉक्स न्यूज को फर्जी खबर चलाने के लिए यह समझौता करना पड़ा है. कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि फॉक्स न्यूज को हजारों करोड़ का नुकसान केवल झूठी खबर चलाने की वजह से उठाना पड़ रहा है.
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NDTV Profit हिंदी05:17 PM IST, 20 Apr 2023NDTV Profit हिंदी
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अमेरिका के दिग्गज मीडिया समूह फॉक्स न्यूज (Fox news) ने अदालत में शर्मिंदगी से बचने के लिए डोमिनियन वोटिंग सिस्टम (Dominion Voting system) से समझौता कर लिया. इस समझौते के एवज में कंपनी ने भारी रकम चुकाने का फैसला किया. फॉक्स न्यूज को फर्जी खबर चलाने के लिए यह समझौता करना पड़ा है. कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि फॉक्स न्यूज को हजारों करोड़ का नुकसान केवल झूठी खबर चलाने की वजह से उठाना पड़ रहा है. 

डोमिनियन कंपनी ने फॉक्स के खिलाफ अपने खिलाफ खबर चलाने के लिए मानहानि का दावा किया था. यह कंपनी वोटिंग मशीन के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर बनाती है. यानी ये कंपनी वोटिंग मशीन बनाती और बेचती है. यह कंपनी खासतौर पर अमेरिका और कनाडा में यह काम करती है. कंपनी का हेडक्वार्टर टोरंटो है. 

फॉक्स न्यूज ने क्या किया था

कंपनी पर फॉक्स न्यूज की ओर से यह आरोप लगाया गया था कि 2020 के अमेरिकी चुनाव में कंपनी की वजह से डोनाल्ड ट्रंप चुनाव हार गए और जो बाइडेन चुनाव जीत गए. यह खबर भी फैलाई गई कि इसके पीछे अंतरराष्ट्रीय साजिश है. यहां पर यह आरोप लगाया गया कि कंपनी ने लाखों वोट जो कि ट्रंप को मिले थे, उसे जो बाइडेन के हिस्से में ट्रांसफर कर दिया है. 

खबरों के समर्थन में कोई सबूत नहीं 

यह अलग बात है कि समाचार चैनल ने अपने आरोपों के पक्ष में कोई भी सबूत पेश नहीं किया था. वहीं, अमेरिका में चुनाव कराने वाली संस्था, तकनीक के एक्पर्ट्स और सरकार ने ऐसे आरोपों को खारिज कर दिया था. यहां तक की अमेरिका साइबर सिक्यूरिटी एजेंसी सीआईएसए ने भी आरोपों को खारिज कर दिया है.  

खबरें फर्जी साबित हुईं

बाद में इस प्रकार की साजिश की थ्योरी तब फेल साबित हुई जब पेपर पर पड़े वोटों को मशीन पर पड़े वोटों से मिलाया गया. जॉर्जिया और विस्कॉसन में की गई इन गिनती में पाया गया कि डोमिनियन की मशीन ने बिल्कुल सही परिणाम दिए थे. 

खास बात यह है कि फॉक्स न्यूज के सभी चैनल (Fox News, Fox Business, Newsmax, and the American Thinker )ने इस प्रकार की खबरों को प्रमुखता से चलाया. यह खबरें केवल डोमिनियन के खिलाफ ही नहीं बल्कि स्मार्टमैटिक कंपनी की मशीनों के खिलाफ भी चलाई गई थीं. बात यहीं नहीं खत्म हुई बाद में कुछ अन्य मीडिया कंपनियों ने भी इस प्रकार की खबरों पर काम किया.

डोमिनियन ने किया केस

दोनों ही कंपनियों ने फॉक्स न्यूज को मानहानि के मामले में कानूनी रूप में घसीट लिया. दोनों ने कुछ अन्य कंपनियों पर भी केस किया, जिन्होंने इनके खिलाफ फर्जी खबरें चलाई थीं. उधर, मानहानि के मुकदमें की बात होने पर कुछ मीडिया कंपनियों ने सारी सामग्री को हटा लिया. कुछ मीडिया कंपनियों ने चुनाव में ट्रंप की हार के बाद से ही सारी सामग्री हटा ली थी. लेकिन डोमिनियन ने इसे नहीं माना, हार नहीं मानी. उसने सभी कंपनियों पर केस किया. अब के केस कानूनी प्रक्रिया को पूरा करते इस स्तर पर पहुंचा था कि फैसले से पहले समझौता हो गया.

गौरतलब है कि चुनाव के समय डोनाल्ड ट्रंप भी ऐसा ही आरोप लगा रहे थे और ट्रंप के आरोपों के पीछे-पीछे कुछ चैनल भी ऐसी ही खबरों को चला रहे थे. बाद में फॉक्स के मालिक रुपर्ट मर्डोक ने खुद भी यह कहकर सबको चौंका दिया था कि जब इस प्रकार की वोटिंग मशीन की धांधली के आरोप लग रहे थे, वे तब भी जानते थे कि यह सब फर्जी है. लेकिन आश्चर्य यह कि मर्डोक ने यह सब जानते हुए भी इसे रोका नहीं. अब पहले मामले में फैसला आया है और दूसरे मामले में अभी सुनवाई चल रही है. 

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