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फेसबुक की दुनिया में सड़कों पर दोस्त बनाता एक बाइकर
- Saturday April 22, 2017
- क्रांति संभव
इस फेसबुक की दुनिया में सड़कों पर दोस्त बनाता एक बाइकर. हाल फ़िलहाल में बहुत कम ऐसे लोग मिलते हैं जिन्हें देखते ही पहली नज़र में महसूस होता है कि वो इन्सपिरेशनल हैं, जिनकी कहानी प्रेरणा दे.
- ndtv.in
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राहुल गांधी को राजनीति से संन्यास लेने के लिए क्यों नहीं धकेल रहा सोशल मीडिया ?
- Thursday March 16, 2017
- क्रांति संभव
चिंता और आश्चर्य की बात तो है ही. अपना समाज जो प्रदर्शन और मर्यादा के इतने कड़क पैरामीटर पर जीता है, उठता-बैठता-सोता है, वही हमारा प्रबुद्ध वर्ग आख़िर राहुल गांधी से राजनीति क्यों नहीं छुड़वा रहा?
- ndtv.in
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‘रंगून’ के बाद कंगना और उनकी बेबाकी से बॉलीवुड कैसे निपटेगा?
- Saturday February 25, 2017
- Sonal Joshi
रंगून को जो शुरूआती प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं उससे लगता नहीं कि यह फिल्म कंगना की पिछली हिट तनू वेड्स मनु 2 के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन की बराबरी कर पाएगी. इसी बॉक्स ऑफिस हिट की बदौलत कंगना ने रंगून में अपने पुरुष साथी कलाकार से एक रुपये ज्यादा की मांग करने की हिम्मत दिखाई थी.
- ndtv.in
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सुप्रीम कोर्ट, सरकार और सीबीआई संदेह के घेरे में - पुल के सुसाइड नोट पर हो पब्लिक ट्रायल
- Friday February 24, 2017
- विराग गुप्ता
कलिखो पुल के सुसाइड नोट में बड़े वकील और जजों के नाम पर करोड़ों के लेन-देन की मांग का जिक्र है. सीबीआई के दो पूर्व मुखिया बड़े मामलों को दबाने के मामले में जांच का सामना कर रहे हैं फिर सीबीआई इस सुसाइड नोट की निष्पक्ष जांच कैसे कर पाएगी?
- ndtv.in
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एक वेश्या का ख़त: समाज मुझे सम्मान नहीं देता लेकिन इसे आपको अपने लिए पढ़ना चाहिए...
- Thursday February 23, 2017
- सचिन जैन
मैंने इतने सालों में एक ही बात समझी है कि जो वंचित और उपेक्षित होता है, वही प्रताड़ित और शोषित होता है. क्या हम इसे खत्म नहीं कर सकते? यदि वंचित होना खत्म होगा, तो प्रताड़ना और शोषण अपने आप खत्म होगा. मैं चाहती हूं कि हमारी बस्ती में लड़कियों को सम्मानजनक रोज़गार मिलना चाहिए ताकि उन्हें वेश्यावृत्ति न करना पड़े.
- ndtv.in
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मध्य प्रदेश का दशरथ मांझी ‘सुखदेव’, पत्थरों में निकाला पानी
- Monday January 9, 2017
- राकेश कुमार मालवीय
वो न ‘शानदार’ बोलता है, न ‘जबर्दस्त’ न ‘जिंदाबाद’. सुखदेव किसी के गम मे बावरे भी न हैं. उनका मानसिक संतुलन बिलकुल ठीक है. लेकिन उनका हौसला बीवी की जुदाई में गमगीन दशरथ मांझी से बिलकुल भी कम नहीं है. वही दशरथ मांझी जिसकी कहानी आप रुपहले परदे पर देख चुके हैं. दशरथ ने पहाड़ तोड़ सड़क निकाल दी, सुखदेव ने बंजर पथरीली जमीन खोद पाताल से पानी निकाल दिया.
- ndtv.in
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मैं तो एक 'निकम्मा' पंजाबी मुंडा था, बिहार ने मुझे बचा लिया : पटना DIG की कलम से...
- Sunday January 8, 2017
- शालीन
बिहार के सतही और जल्दबाज़ी से किए गए आकलन में अक्सर इस जगह और यहां के लोगों की गर्मजोशी, प्यार और मेहरबानी का ज़िक्र नहीं किया जाता - खासतौर पर अगर आप यहां बाहर से रहने आए हैं.
- ndtv.in
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जयललिता ने मुझे जो जवाब दिया, वह उनका किसी भी पत्रकार को दिया गया आखिरी जवाब था
- Friday December 9, 2016
- जे. सैम डेनियल स्टालिन
जब दो साल पहले मैंने तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता से सवाल किया था, तब किसे पता था कि किसी पत्रकार को दी गई यह उनकी आखिरी प्रतिक्रिया होने वाली है.
- ndtv.in
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विपक्ष को पहले अपना विपक्ष बनना चाहिए, फिर सत्ता का...
- Sunday December 4, 2016
- रवीश कुमार
विपक्ष का मतलब होता है विकल्प. विपक्ष की परिभाषा विकल्प से शुरू होती है. हर कोई पूछता है कि आप ही बताइये, विकल्प क्या है. इस एक सवाल से लैस आसान सी गेंद भी मिडिल स्टंप उड़ा देती है.
- ndtv.in
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देशभक्ति, एटीएम, नोटबंदी, सोशल मीडिया और फ़ुटबॉल में लुधकने का महात्म
- Saturday December 3, 2016
- क्रांति संभव
धकना दरअसल एक व्यसन है, इसका असल मज़ा झुंड में ही है, चुनौती सिर्फ़ ये है कि इसकी शेल्फ़ लाइफ़ बहुत छोटी होती है. सिर्फ़ टाइमलाइन जितनी लंबी. ट्रेंडिंग लिस्ट जितनी बड़ी. तो ऐसे मे ज़रूरी है कि नए-नए धिक्कार-योग्य व्यवहार, शर्मनाक बयान, ओछे भाषण और टुच्चे ट्वीट की सप्लाई होती रहे.
- ndtv.in
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हिपोक्रेसी है इस डेमोक्रेसी का हिप्पोपोटोमस- प्रदर्शनीय और दर्शनीय
- Saturday November 19, 2016
- क्रांति संभव
इस समाज का आचार-सदाचार ही पचरंगा अचार है, स्वाद बदलने के लिए इस्तेमाल होता है. मेन कोर्स मेन्यू तो भ्रष्टाचार ही है. स्वीकार्य है, स्वादिष्ट है और सामिष-निरामिषों में समान रूप से मान्य है.
- ndtv.in
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फेसबुक की दुनिया में सड़कों पर दोस्त बनाता एक बाइकर
- Saturday April 22, 2017
- क्रांति संभव
इस फेसबुक की दुनिया में सड़कों पर दोस्त बनाता एक बाइकर. हाल फ़िलहाल में बहुत कम ऐसे लोग मिलते हैं जिन्हें देखते ही पहली नज़र में महसूस होता है कि वो इन्सपिरेशनल हैं, जिनकी कहानी प्रेरणा दे.
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राहुल गांधी को राजनीति से संन्यास लेने के लिए क्यों नहीं धकेल रहा सोशल मीडिया ?
- Thursday March 16, 2017
- क्रांति संभव
चिंता और आश्चर्य की बात तो है ही. अपना समाज जो प्रदर्शन और मर्यादा के इतने कड़क पैरामीटर पर जीता है, उठता-बैठता-सोता है, वही हमारा प्रबुद्ध वर्ग आख़िर राहुल गांधी से राजनीति क्यों नहीं छुड़वा रहा?
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‘रंगून’ के बाद कंगना और उनकी बेबाकी से बॉलीवुड कैसे निपटेगा?
- Saturday February 25, 2017
- Sonal Joshi
रंगून को जो शुरूआती प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं उससे लगता नहीं कि यह फिल्म कंगना की पिछली हिट तनू वेड्स मनु 2 के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन की बराबरी कर पाएगी. इसी बॉक्स ऑफिस हिट की बदौलत कंगना ने रंगून में अपने पुरुष साथी कलाकार से एक रुपये ज्यादा की मांग करने की हिम्मत दिखाई थी.
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सुप्रीम कोर्ट, सरकार और सीबीआई संदेह के घेरे में - पुल के सुसाइड नोट पर हो पब्लिक ट्रायल
- Friday February 24, 2017
- विराग गुप्ता
कलिखो पुल के सुसाइड नोट में बड़े वकील और जजों के नाम पर करोड़ों के लेन-देन की मांग का जिक्र है. सीबीआई के दो पूर्व मुखिया बड़े मामलों को दबाने के मामले में जांच का सामना कर रहे हैं फिर सीबीआई इस सुसाइड नोट की निष्पक्ष जांच कैसे कर पाएगी?
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एक वेश्या का ख़त: समाज मुझे सम्मान नहीं देता लेकिन इसे आपको अपने लिए पढ़ना चाहिए...
- Thursday February 23, 2017
- सचिन जैन
मैंने इतने सालों में एक ही बात समझी है कि जो वंचित और उपेक्षित होता है, वही प्रताड़ित और शोषित होता है. क्या हम इसे खत्म नहीं कर सकते? यदि वंचित होना खत्म होगा, तो प्रताड़ना और शोषण अपने आप खत्म होगा. मैं चाहती हूं कि हमारी बस्ती में लड़कियों को सम्मानजनक रोज़गार मिलना चाहिए ताकि उन्हें वेश्यावृत्ति न करना पड़े.
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मध्य प्रदेश का दशरथ मांझी ‘सुखदेव’, पत्थरों में निकाला पानी
- Monday January 9, 2017
- राकेश कुमार मालवीय
वो न ‘शानदार’ बोलता है, न ‘जबर्दस्त’ न ‘जिंदाबाद’. सुखदेव किसी के गम मे बावरे भी न हैं. उनका मानसिक संतुलन बिलकुल ठीक है. लेकिन उनका हौसला बीवी की जुदाई में गमगीन दशरथ मांझी से बिलकुल भी कम नहीं है. वही दशरथ मांझी जिसकी कहानी आप रुपहले परदे पर देख चुके हैं. दशरथ ने पहाड़ तोड़ सड़क निकाल दी, सुखदेव ने बंजर पथरीली जमीन खोद पाताल से पानी निकाल दिया.
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मैं तो एक 'निकम्मा' पंजाबी मुंडा था, बिहार ने मुझे बचा लिया : पटना DIG की कलम से...
- Sunday January 8, 2017
- शालीन
बिहार के सतही और जल्दबाज़ी से किए गए आकलन में अक्सर इस जगह और यहां के लोगों की गर्मजोशी, प्यार और मेहरबानी का ज़िक्र नहीं किया जाता - खासतौर पर अगर आप यहां बाहर से रहने आए हैं.
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जयललिता ने मुझे जो जवाब दिया, वह उनका किसी भी पत्रकार को दिया गया आखिरी जवाब था
- Friday December 9, 2016
- जे. सैम डेनियल स्टालिन
जब दो साल पहले मैंने तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता से सवाल किया था, तब किसे पता था कि किसी पत्रकार को दी गई यह उनकी आखिरी प्रतिक्रिया होने वाली है.
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विपक्ष को पहले अपना विपक्ष बनना चाहिए, फिर सत्ता का...
- Sunday December 4, 2016
- रवीश कुमार
विपक्ष का मतलब होता है विकल्प. विपक्ष की परिभाषा विकल्प से शुरू होती है. हर कोई पूछता है कि आप ही बताइये, विकल्प क्या है. इस एक सवाल से लैस आसान सी गेंद भी मिडिल स्टंप उड़ा देती है.
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देशभक्ति, एटीएम, नोटबंदी, सोशल मीडिया और फ़ुटबॉल में लुधकने का महात्म
- Saturday December 3, 2016
- क्रांति संभव
धकना दरअसल एक व्यसन है, इसका असल मज़ा झुंड में ही है, चुनौती सिर्फ़ ये है कि इसकी शेल्फ़ लाइफ़ बहुत छोटी होती है. सिर्फ़ टाइमलाइन जितनी लंबी. ट्रेंडिंग लिस्ट जितनी बड़ी. तो ऐसे मे ज़रूरी है कि नए-नए धिक्कार-योग्य व्यवहार, शर्मनाक बयान, ओछे भाषण और टुच्चे ट्वीट की सप्लाई होती रहे.
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हिपोक्रेसी है इस डेमोक्रेसी का हिप्पोपोटोमस- प्रदर्शनीय और दर्शनीय
- Saturday November 19, 2016
- क्रांति संभव
इस समाज का आचार-सदाचार ही पचरंगा अचार है, स्वाद बदलने के लिए इस्तेमाल होता है. मेन कोर्स मेन्यू तो भ्रष्टाचार ही है. स्वीकार्य है, स्वादिष्ट है और सामिष-निरामिषों में समान रूप से मान्य है.
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