Sabarimala Temple Case Supreme Court
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सबरीमाला मामला: सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया, 5 जजों की बेंच द्वारा भेजे गए रिफरेंस पर ही करेंगे सुनवाई
- Monday January 13, 2020
CJI ने यह भी कहा कि जब रिफरेंस पर फैसला दे देंगे उसके बाद सबरीमला मामले में दाखिल पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई शुरू करेंगे. सबरीमाला समेत दूसरे धर्मों में महिलाओं के मामले में वकील राजीव धवन ने व्यक्तिगत तौर पर बहस करने की इजाजत कोर्ट से मांगी थी. जिस पर बेंच ने साफ कहा कि इस मामले में बहस करने के लिए एक समय सीमा तय की जाएगी. कोर्ट ने कहा कि हम नही चाहते कि दलीलों की पुनरावृत्ति हो.
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सबरीमाला विवाद : सुप्रीम कोर्ट का केरल सरकार को आदेश जारी करने से इंकार, अब 7 जजों की बेंच करेगी सुनवाई
- Friday December 13, 2019
सबरीमाला मंदिर (Sabarimala Temple Case) में महिलाओं के प्रवेश के मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. शीर्ष अदालत ने फिलहाल सभी उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश के लिए केरल सरकार को सुरक्षा देने का आदेश जारी करने से इंकार किया. मुख्य न्यायाधीश एसए बोबड़े ने सुनवाई के दौरान जल्द से जल्द 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं के प्रवेश को लेकर 7 जजों का संविधान पीठ का गठन करने का निर्देश दिया.
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राफेल, राहुल और सबरीमाला पर सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला, पढ़ें- 10 खास बातें
- Thursday November 14, 2019
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को तीन अहम मामलों पर सुनवाई की और फैसला सुनाया. एक तरफ कोर्ट ने सबरीमाला में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश के मुद्दे (Sabarimala Case) को लेकर दाखिल की गई पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई की और इस मामले को 7 जजों की संविधान पीठ के पास भेज दिया. कोर्ट ने यह फैसला 3-2 के बहुमत किया. तो, दूसरी तरफ कोर्ट ने केंद्र सरकार को राफेल मामले में बड़ी राहत दी. कोर्ट ने राफेल डील पर सरकार को क्लीन चिट देने के अपने निर्णय पर पुनर्विचार की मांग कर रही सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया. ये याचिकाएं पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी तथा कार्यकर्ता-वकील प्रशांत भूषण समेत कुछ अन्य लोगों ने दाखिल की थी. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भी बड़ी राहत दी और उनके खिलाफ चल रहे अवमानना मामले को बंद कर दिया. हालांकि SC ने राहुल को सख़्त लहजे में चेतावनी भी दी और कहा कि कोर्ट को किसी भी राजनीतिक बयानबाजी में शामिल न करें. आइये आपको बताते हैं सबरीमाला, राफेल और राहुल गांधी पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से जुड़ी 10 खास बातें....
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सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला केस को 7 जजों की संविधान बेंच के पास भेजा
- Thursday November 14, 2019
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) सबरीमाला में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश के मुद्दे को लेकर दाखिल की गई पुनर्विचार याचिकाओं पर अपना फैसला सुना रहा है. आपको बता दें कि सबरीमाला मामले में प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता में पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने फरवरी में बहस पूरी कर ली थी और याचिकाओं के समूह पर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था.
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सुप्रीम कोर्ट आज सबरीमाला और राफेल डील पर दाखिल पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनाएगा फैसला
- Thursday November 14, 2019
- IANS
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) आज सबरीमाला में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश के मुद्दे को लेकर दाखिल की गई पुनर्विचार याचिकाओं और राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर शीर्ष अदालत के 2018 के आदेश पर पुनर्विचार के लिए दाखिल याचिका पर फैसला सुनाएगी.
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सबरीमाला मंदिर: देर रात CM के घर के बाहर प्रदर्शन, 70 लोग हिरासत में, केंद्रीय मंत्री बोले- आपातकाल से बुरे हालात
- Monday November 19, 2018
- Reported by Sneha Mary Koshy
पहले हिंसा की हुई घटनाओं के बाद पुलिस ने श्रद्धालुओं पर पाबंदियां लगा दी थी. अब लोगों को रात में मंदिर परिसर में रुकने की अनुमति नहीं है. मंदिर प्रबंधन सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने जा रहा है, जिसमें सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने के लिए और वक्त की मांग की जाएगी.
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सबरीमाला मंदिर के आज खुलेंगे द्वार, क्या हो पाएगी महिलाओं की एंट्री? सुरक्षा के कड़े इंतजाम, 10 बातें
- Wednesday October 17, 2018
- NDTVKhabar News Desk
सबरीमाला मंदिर (Sabarimla Temple) के दरवाजे बुधवार को सभी उम्र की महिलाओं के लिए खुलने वाले हैं. सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फ़ैसले के बाद केरल का सबरीमाला मंदिर आज पहली बार खुल रहा है. ये पहली बार होगा जब सभी उम्र की महिलाओं को मंदिर में जाने की इजाज़त होगी. महिलाओं के प्रवेश के विरोध को देखते हुए जगह-जगह कड़े सुरक्षा बंदोबस्त किए गए हैं. दरअसल, सबरीमाला मंदिर (Sabarimla Temple Portal) में सभी महिलाओं के प्रवेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी लोग इसका विरोध कर रहे हैं और मंदिर के द्वारा खोले जाने के विरोध में आत्महत्या तक की धमकी दे चुके हैं. सरकार ने किसी अनहोनी के मद्देनजर सुरक्षा की चाक चौबंद व्यवस्था की है. चप्पे-चप्पे पर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है.
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सबरीमाला मंदिर मामला: SC का जल्द सुनवाई से इनकार, CJI बोले- कितनी भी जल्दी हो तो 16 अक्टूबर से पहले संभव नहीं
- Tuesday October 9, 2018
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई ने कहा कि ये केस नियमित तरीके से सुना जाएगा. CJI गोगोई ने कहा कि कितनी भी जल्दी हो तो 16 अक्टूबर से पहले ये संभव नहीं है.
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सबरीमला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश के फैसले पर SC में पुनर्विचार याचिका दाखिल
- Monday October 8, 2018
सबरीमला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई है. नेशनल अयप्पा डिवोटी एसोसिएशन की अध्यक्ष शैलजा विजयन ने याचिका दायर की है और इस याचिका में कहा गया है कि जो महिलाएं आयु पर प्रतिबंध लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट आईं थीं वे अयप्पा भक्त नहीं हैं.
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सबरीमाला मंदिर: सुप्रीम कोर्ट के आदेश को केरल सरकार ने लागू करने का लिया फैसला तो संघ ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण
- Thursday October 4, 2018
- Bhasha
केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को मिली सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी के फैसले पर आरएसएस का बयान आया है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने बुधवार को कहा कि सबरीमला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर विचार करते समय श्रद्धालुओं की भावना की अनदेखी नहीं की जा सकती. इसके साथ ही आरएसएस ने सभी संबंधित पक्षों से एक साथ आने तथा ‘न्यायिक विकल्प से भी’ मसले का हल करने का आह्वान किया.
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Sabarimala Temple Case: IIT से पढ़े इंजीनियर वकील ने सुप्रीम कोर्ट में लड़ा सबरीमाला मंदिर का केस, मगर जिता न सके
- Friday September 28, 2018
- Navneet Mishra
सबरीमाला मंदिर केस में मंदिर प्रबंधन की तरफ से ऐसे वकील ने वकालत की, जो कि वकील बनने से पहले इंजीनियर बने. बात हो रही है वकील जे साई दीपक ( Sai Deepak J) की.
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Sabarimala Temple Verdict: सबरीमाला मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जानें मंदिर के प्रमुख पुजारी ने क्या कहा
- Friday September 28, 2018
- NDTVKhabar News Desk
केरल में सबरीमाला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं की रोक पर से शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने बैन हटा दिया. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में केरल के सबरीमाला स्थित अय्यप्पा स्वामी मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दे दी. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने 4:1 के बहुमत के फैसले में कहा कि केरल के सबरीमाला मंदिर में रजस्वला आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लैंगिक भेदभाव है और यह परिपाटी हिन्दू महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन करती है. मगर इस फैसले पर सबरीमाला मंदिर के मुख्य पुजारी ने निराशा जताई है.
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जानिए, सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर बहुमत से अलग क्यों रहा जस्टिस इंदु मल्होत्रा का फैसला
- Friday September 28, 2018
- NDTVKhabar News Desk
केरल के सबरीमाला मंदिर (Sabarimala Temple Case) में हर उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर लगे रोक से बैन हटा दिया है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपने फैसले में सबरीमाला मंदिर के दरवाजे हर उम्र की महिलाओं के लिए खोल दिये. साथ ही बहुमत के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर रोक असंवैधानिक है. बता दें कि अब तक 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत नहीं थी. मगर अब सब मंदिर में दर्शन करने जा सकेंगे. सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला 4-1 के बहुमत से आया. क्योंकि जस्टिस इंदु मल्होत्रा की इस मामले में अलग राय थी.
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Sabarimala Verdict: जस्टिस चंद्रचूड़ बोले- महिलाओं को भगवान की कमतर रचना मानना संविधान से आंख मिचौली, 10 बातें
- Friday September 28, 2018
- NDTVKhabar News Desk
केरल के सबरीमला मंदिर (Sabarimala Temple Case) में अब सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर सुप्रीम कोर्ट ने हरी झंडी दे दी. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपने फैसले में सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक को हटा दिया और इस प्रथा को असंवैधानिक करार दिया. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब सबरीमाला मंदिर के दरवाजे सभी महिलाओं के लिए खोल दिये गये. फिलहाल 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत नहीं थी. मगर अब सब मंदिर में दर्शन करने जा सकेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि धर्म एक है गरिमा और पहचान है. अयप्पा कुछ अलग नहीं हैं. जो नियम जैविक और शारीरिक प्रक्रिया पर बने हैं वो संवैधानिक टेस्ट पर पास नहीं हो सकते. सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला 4-1 के बहुमत से आया. क्योंकि जस्टिस इंदू मल्होत्रा की अलग राय थी. उन्होंने कहा कि कोर्ट को धार्मिक परंपराओं में दखल नहीं देना चाहिए.
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Sabarimala Temple Case: अब सभी महिलाओं के लिए खुला सबरीमाला मंदिर का दरवाजा, सुप्रीम कोर्ट ने प्रवेश पर से बैन हटाया
- Friday September 28, 2018
केरल के सबरीमाला मंदिर (Sabarimala Temple Case) में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश के मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ आज यानी शुक्रवार को फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने बहुमत से अपने फैसले में सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री पर लगे बैन को हटा दिया. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब सबरीमाला मंदिर के दरवाजे सभी महिलाओं के लिए खोल दिये गये. फिलहाल 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत नहीं थी. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट को केरल के सबरीमाला मंदिर में 10-50 साल की उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर रोक को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया है. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने आठ दिनों तक सुनवाई करने के उपरांत 1 अगस्त को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. इंडियन यंग लॉयर्स एसोसिएशन और अन्य ने इस प्रथा को चुनौती दी है. उन्होंने यह कहते हुए कि यह प्रथा लैंगिक आधार पर भेदभाव करती है, इसे खत्म करने की मांग की है. याचिकाकर्ताओं का यह भी कहना है कि यह संवैधानिक समानता के अधिकार में भेदभाव है. एसोसिएशन ने कहा है कि मंदिर में प्रवेश के लिए 41 दिन से ब्रहचर्य की शर्त नहीं लगाई जा सकती क्योंकि महिलाओं के लिए यह असंभव है.
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सबरीमाला मामला: सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया, 5 जजों की बेंच द्वारा भेजे गए रिफरेंस पर ही करेंगे सुनवाई
- Monday January 13, 2020
CJI ने यह भी कहा कि जब रिफरेंस पर फैसला दे देंगे उसके बाद सबरीमला मामले में दाखिल पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई शुरू करेंगे. सबरीमाला समेत दूसरे धर्मों में महिलाओं के मामले में वकील राजीव धवन ने व्यक्तिगत तौर पर बहस करने की इजाजत कोर्ट से मांगी थी. जिस पर बेंच ने साफ कहा कि इस मामले में बहस करने के लिए एक समय सीमा तय की जाएगी. कोर्ट ने कहा कि हम नही चाहते कि दलीलों की पुनरावृत्ति हो.
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सबरीमाला विवाद : सुप्रीम कोर्ट का केरल सरकार को आदेश जारी करने से इंकार, अब 7 जजों की बेंच करेगी सुनवाई
- Friday December 13, 2019
सबरीमाला मंदिर (Sabarimala Temple Case) में महिलाओं के प्रवेश के मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. शीर्ष अदालत ने फिलहाल सभी उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश के लिए केरल सरकार को सुरक्षा देने का आदेश जारी करने से इंकार किया. मुख्य न्यायाधीश एसए बोबड़े ने सुनवाई के दौरान जल्द से जल्द 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं के प्रवेश को लेकर 7 जजों का संविधान पीठ का गठन करने का निर्देश दिया.
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राफेल, राहुल और सबरीमाला पर सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला, पढ़ें- 10 खास बातें
- Thursday November 14, 2019
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को तीन अहम मामलों पर सुनवाई की और फैसला सुनाया. एक तरफ कोर्ट ने सबरीमाला में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश के मुद्दे (Sabarimala Case) को लेकर दाखिल की गई पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई की और इस मामले को 7 जजों की संविधान पीठ के पास भेज दिया. कोर्ट ने यह फैसला 3-2 के बहुमत किया. तो, दूसरी तरफ कोर्ट ने केंद्र सरकार को राफेल मामले में बड़ी राहत दी. कोर्ट ने राफेल डील पर सरकार को क्लीन चिट देने के अपने निर्णय पर पुनर्विचार की मांग कर रही सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया. ये याचिकाएं पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी तथा कार्यकर्ता-वकील प्रशांत भूषण समेत कुछ अन्य लोगों ने दाखिल की थी. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भी बड़ी राहत दी और उनके खिलाफ चल रहे अवमानना मामले को बंद कर दिया. हालांकि SC ने राहुल को सख़्त लहजे में चेतावनी भी दी और कहा कि कोर्ट को किसी भी राजनीतिक बयानबाजी में शामिल न करें. आइये आपको बताते हैं सबरीमाला, राफेल और राहुल गांधी पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से जुड़ी 10 खास बातें....
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सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला केस को 7 जजों की संविधान बेंच के पास भेजा
- Thursday November 14, 2019
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) सबरीमाला में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश के मुद्दे को लेकर दाखिल की गई पुनर्विचार याचिकाओं पर अपना फैसला सुना रहा है. आपको बता दें कि सबरीमाला मामले में प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता में पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने फरवरी में बहस पूरी कर ली थी और याचिकाओं के समूह पर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था.
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सुप्रीम कोर्ट आज सबरीमाला और राफेल डील पर दाखिल पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनाएगा फैसला
- Thursday November 14, 2019
- IANS
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) आज सबरीमाला में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश के मुद्दे को लेकर दाखिल की गई पुनर्विचार याचिकाओं और राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर शीर्ष अदालत के 2018 के आदेश पर पुनर्विचार के लिए दाखिल याचिका पर फैसला सुनाएगी.
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सबरीमाला मंदिर: देर रात CM के घर के बाहर प्रदर्शन, 70 लोग हिरासत में, केंद्रीय मंत्री बोले- आपातकाल से बुरे हालात
- Monday November 19, 2018
- Reported by Sneha Mary Koshy
पहले हिंसा की हुई घटनाओं के बाद पुलिस ने श्रद्धालुओं पर पाबंदियां लगा दी थी. अब लोगों को रात में मंदिर परिसर में रुकने की अनुमति नहीं है. मंदिर प्रबंधन सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने जा रहा है, जिसमें सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने के लिए और वक्त की मांग की जाएगी.
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सबरीमाला मंदिर के आज खुलेंगे द्वार, क्या हो पाएगी महिलाओं की एंट्री? सुरक्षा के कड़े इंतजाम, 10 बातें
- Wednesday October 17, 2018
- NDTVKhabar News Desk
सबरीमाला मंदिर (Sabarimla Temple) के दरवाजे बुधवार को सभी उम्र की महिलाओं के लिए खुलने वाले हैं. सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फ़ैसले के बाद केरल का सबरीमाला मंदिर आज पहली बार खुल रहा है. ये पहली बार होगा जब सभी उम्र की महिलाओं को मंदिर में जाने की इजाज़त होगी. महिलाओं के प्रवेश के विरोध को देखते हुए जगह-जगह कड़े सुरक्षा बंदोबस्त किए गए हैं. दरअसल, सबरीमाला मंदिर (Sabarimla Temple Portal) में सभी महिलाओं के प्रवेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी लोग इसका विरोध कर रहे हैं और मंदिर के द्वारा खोले जाने के विरोध में आत्महत्या तक की धमकी दे चुके हैं. सरकार ने किसी अनहोनी के मद्देनजर सुरक्षा की चाक चौबंद व्यवस्था की है. चप्पे-चप्पे पर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है.
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सबरीमाला मंदिर मामला: SC का जल्द सुनवाई से इनकार, CJI बोले- कितनी भी जल्दी हो तो 16 अक्टूबर से पहले संभव नहीं
- Tuesday October 9, 2018
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई ने कहा कि ये केस नियमित तरीके से सुना जाएगा. CJI गोगोई ने कहा कि कितनी भी जल्दी हो तो 16 अक्टूबर से पहले ये संभव नहीं है.
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सबरीमला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश के फैसले पर SC में पुनर्विचार याचिका दाखिल
- Monday October 8, 2018
सबरीमला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई है. नेशनल अयप्पा डिवोटी एसोसिएशन की अध्यक्ष शैलजा विजयन ने याचिका दायर की है और इस याचिका में कहा गया है कि जो महिलाएं आयु पर प्रतिबंध लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट आईं थीं वे अयप्पा भक्त नहीं हैं.
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सबरीमाला मंदिर: सुप्रीम कोर्ट के आदेश को केरल सरकार ने लागू करने का लिया फैसला तो संघ ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण
- Thursday October 4, 2018
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केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को मिली सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी के फैसले पर आरएसएस का बयान आया है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने बुधवार को कहा कि सबरीमला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर विचार करते समय श्रद्धालुओं की भावना की अनदेखी नहीं की जा सकती. इसके साथ ही आरएसएस ने सभी संबंधित पक्षों से एक साथ आने तथा ‘न्यायिक विकल्प से भी’ मसले का हल करने का आह्वान किया.
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Sabarimala Temple Case: IIT से पढ़े इंजीनियर वकील ने सुप्रीम कोर्ट में लड़ा सबरीमाला मंदिर का केस, मगर जिता न सके
- Friday September 28, 2018
- Navneet Mishra
सबरीमाला मंदिर केस में मंदिर प्रबंधन की तरफ से ऐसे वकील ने वकालत की, जो कि वकील बनने से पहले इंजीनियर बने. बात हो रही है वकील जे साई दीपक ( Sai Deepak J) की.
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Sabarimala Temple Verdict: सबरीमाला मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जानें मंदिर के प्रमुख पुजारी ने क्या कहा
- Friday September 28, 2018
- NDTVKhabar News Desk
केरल में सबरीमाला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं की रोक पर से शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने बैन हटा दिया. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में केरल के सबरीमाला स्थित अय्यप्पा स्वामी मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दे दी. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने 4:1 के बहुमत के फैसले में कहा कि केरल के सबरीमाला मंदिर में रजस्वला आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लैंगिक भेदभाव है और यह परिपाटी हिन्दू महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन करती है. मगर इस फैसले पर सबरीमाला मंदिर के मुख्य पुजारी ने निराशा जताई है.
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जानिए, सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर बहुमत से अलग क्यों रहा जस्टिस इंदु मल्होत्रा का फैसला
- Friday September 28, 2018
- NDTVKhabar News Desk
केरल के सबरीमाला मंदिर (Sabarimala Temple Case) में हर उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर लगे रोक से बैन हटा दिया है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपने फैसले में सबरीमाला मंदिर के दरवाजे हर उम्र की महिलाओं के लिए खोल दिये. साथ ही बहुमत के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर रोक असंवैधानिक है. बता दें कि अब तक 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत नहीं थी. मगर अब सब मंदिर में दर्शन करने जा सकेंगे. सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला 4-1 के बहुमत से आया. क्योंकि जस्टिस इंदु मल्होत्रा की इस मामले में अलग राय थी.
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Sabarimala Verdict: जस्टिस चंद्रचूड़ बोले- महिलाओं को भगवान की कमतर रचना मानना संविधान से आंख मिचौली, 10 बातें
- Friday September 28, 2018
- NDTVKhabar News Desk
केरल के सबरीमला मंदिर (Sabarimala Temple Case) में अब सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर सुप्रीम कोर्ट ने हरी झंडी दे दी. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपने फैसले में सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक को हटा दिया और इस प्रथा को असंवैधानिक करार दिया. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब सबरीमाला मंदिर के दरवाजे सभी महिलाओं के लिए खोल दिये गये. फिलहाल 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत नहीं थी. मगर अब सब मंदिर में दर्शन करने जा सकेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि धर्म एक है गरिमा और पहचान है. अयप्पा कुछ अलग नहीं हैं. जो नियम जैविक और शारीरिक प्रक्रिया पर बने हैं वो संवैधानिक टेस्ट पर पास नहीं हो सकते. सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला 4-1 के बहुमत से आया. क्योंकि जस्टिस इंदू मल्होत्रा की अलग राय थी. उन्होंने कहा कि कोर्ट को धार्मिक परंपराओं में दखल नहीं देना चाहिए.
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Sabarimala Temple Case: अब सभी महिलाओं के लिए खुला सबरीमाला मंदिर का दरवाजा, सुप्रीम कोर्ट ने प्रवेश पर से बैन हटाया
- Friday September 28, 2018
केरल के सबरीमाला मंदिर (Sabarimala Temple Case) में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश के मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ आज यानी शुक्रवार को फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने बहुमत से अपने फैसले में सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री पर लगे बैन को हटा दिया. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब सबरीमाला मंदिर के दरवाजे सभी महिलाओं के लिए खोल दिये गये. फिलहाल 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत नहीं थी. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट को केरल के सबरीमाला मंदिर में 10-50 साल की उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर रोक को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया है. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने आठ दिनों तक सुनवाई करने के उपरांत 1 अगस्त को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. इंडियन यंग लॉयर्स एसोसिएशन और अन्य ने इस प्रथा को चुनौती दी है. उन्होंने यह कहते हुए कि यह प्रथा लैंगिक आधार पर भेदभाव करती है, इसे खत्म करने की मांग की है. याचिकाकर्ताओं का यह भी कहना है कि यह संवैधानिक समानता के अधिकार में भेदभाव है. एसोसिएशन ने कहा है कि मंदिर में प्रवेश के लिए 41 दिन से ब्रहचर्य की शर्त नहीं लगाई जा सकती क्योंकि महिलाओं के लिए यह असंभव है.
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