सबरीमाला मंदिर (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को मिली सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी के फैसले पर आरएसएस का बयान आया है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने बुधवार को कहा कि सबरीमला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर विचार करते समय श्रद्धालुओं की भावना की अनदेखी नहीं की जा सकती. इसके साथ ही आरएसएस ने सभी संबंधित पक्षों से एक साथ आने तथा ‘न्यायिक विकल्प से भी’ मसले का हल करने का आह्वान किया.
सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के विरोध में सड़कों पर उतरे लोग, कहा - अदालत का फैसला अस्वीकार्य
आरएसएस ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले का सम्मान किया जाना चाहिए. आरएसएस महासचिव सुरेश भैयाजी जोशी ने एक बयान में कहा कि सबरीमाला देवस्थानम के संबंध में हालिया फैसले पर पूरे देश से प्रतिक्रियाएं आयी हैं. हम भारत में श्रद्धालुओं द्वारा विभिन्न मंदिरों में अपनायी जा रही परंपराओं का सम्मान करते हैं और हमें माननीय उच्चतम न्यायालय का भी सम्मान करना होगा.
Sabarimala Temple Verdict: सबरीमाला मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जानें मंदिर के प्रमुख पुजारी ने क्या कहा
आरएसएस ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले का सम्मान किया जाना चाहिए और आरएसएस आध्यात्मिक और सामुदायिक नेताओं सहित सभी पक्षों से एक साथ आने तथा मुद्दे के विश्लेषण और समाधान के लिए न्यायिक विकल्पों पर भी गौर करने का आह्वान करता है. आरएसएस ने जोर दिया कि यह एक स्थानीय मंदिर परंपरा और विश्वास का मुद्दा है जिससे महिलाओं सहित लाखों भक्तों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं.
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आरएसएस ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले का सम्मान किया जाना चाहिए. आरएसएस महासचिव सुरेश भैयाजी जोशी ने एक बयान में कहा कि सबरीमाला देवस्थानम के संबंध में हालिया फैसले पर पूरे देश से प्रतिक्रियाएं आयी हैं. हम भारत में श्रद्धालुओं द्वारा विभिन्न मंदिरों में अपनायी जा रही परंपराओं का सम्मान करते हैं और हमें माननीय उच्चतम न्यायालय का भी सम्मान करना होगा.
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आरएसएस ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले का सम्मान किया जाना चाहिए और आरएसएस आध्यात्मिक और सामुदायिक नेताओं सहित सभी पक्षों से एक साथ आने तथा मुद्दे के विश्लेषण और समाधान के लिए न्यायिक विकल्पों पर भी गौर करने का आह्वान करता है. आरएसएस ने जोर दिया कि यह एक स्थानीय मंदिर परंपरा और विश्वास का मुद्दा है जिससे महिलाओं सहित लाखों भक्तों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं.
उसने रेखांकित किया कि फैसले पर विचार करते हुए भक्तों की इन भावनाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. आरएसएस ने उच्चतम न्यायालय के आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू करने के राज्य सरकार के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. जोशी ने कहा, ‘दुर्भाग्यवश, केरल सरकार ने भक्तों की भावनाओं को ध्यान में रखे बिना तत्काल प्रभाव से फैसले को लागू करने के लिए कदम उठाए हैं."Unfortunately, the Kerala Government has taken steps to implement the judgement with immediate effect without taking the sentiments of the devotees into consideration: RSS on SC allows entry of women in Kerala’s #Sabarimala temple pic.twitter.com/wrDAkp9dHc
— ANI (@ANI) October 3, 2018
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