Rajya Sabha Farm Bills
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कृषि कानून वापसः ओवैसी बोले- ''आप कानून नहीं बनाते तो 750 किसानों की मौत नहीं होती''
- Monday November 29, 2021
ओवैसी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या बड़ा दिल दिखाया. 750 लोग मर गए. आपके सीने में धड़कता हुआ दिल होता तो, इतने लोग मरते ही नहीं. कौन सा बड़ा दिल दिखाया. यह गलत बात है.
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बिना बहस के कृषि क़ानून की वापसी, किसानों से अब भी इतनी दूरी क्यों
- Monday November 29, 2021
- Ravish Kumar
कानून वापस हुआ है, कानून के बनने की सोच वापस नहीं हुई है. सरकार ने कृषि कानूनों की वापसी के लिए जो बिल पेश किया, उसकी प्रस्तावना में कानूनों की तारीफ ही की. प्रस्तावना के पैराग्राफ तीन और चार में 26 पंक्तियों में तीनों कानूनों के फायदे बताए गए हैं और पैराग्राफ 5 और 6 में वापसी पर 14 पंक्तियां हैं.
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"कृषि कानून किसानों के लिए डेथ वारंट, मैंने कहा था, लेकिन सरकार..." : राज्यसभा में बोले कांग्रेस MP बाजवा
- Friday February 5, 2021
कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि जिस समय सितम्बर में तीन कृषि कानून पर राज्यसभा में चर्चा हो रही थी तभी मैंने ये कहा था कि किसानों के लिए डेथ वारंट है और वो कभी नहीं मानेगा. हमने वोटिंग की मांग की थीं लेकिन, सरकार नहीं मानी. बड़े कॉरपोरेट को फायदा पहुंचाने के लिए धोखे से सरकार ने कानून पास करवा लिया. बाजवा ने 12 सांसदों के गाजीपुर बॉर्डर पर जाने की अनुमति ना दिए जाने का मुद्दा भी उठाया.
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राहुल गांधी का वार- किसानों के लिए मौत की सजा है कृषि कानून, भारत में मर चुका है लोकतंत्र
- Monday September 28, 2020
राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में कहा, "कृषि क़ानून हमारे किसानों के लिए मौत की सज़ा हैं. उनकी आवाज़ संसद के अंदर और बाहर कुचल दी गयी है. ये इस बात का प्रमाण है कि भारत में लोकतंत्र मर चुका है."
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राज्यसभा में नियम तोड़ने के मुद्दे पर विवाद, उप सभापति ने तथ्य रखे सामने
- Monday September 28, 2020
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश सिंह ने उन मीडिया रिपोर्टों से इनकार किया कि जिनमें दावा किया गय था कि 20 सितंबर को कृषि बिलों पर मतदान के दौरान नियमों का उल्लंघन किया गया था. मीडिया को एक नोट में, सिंह ने कहा कि वह "तथ्यों को सीधा-सीध रखना" चाहेंगे और घटना की मिनट-दर-मिनट जानकारी देना चाहेंगे. साथ ही सीपीएम के केके रागेश और डीएमके के तिरुचि सिवा द्वारा दिए गए प्रस्तावों के वीडियो अंश भी मीडिया के सामने रखना चाहेंगे. दोनों सदस्यों द्वारा फिजिकल वोटिंग के आह्वान को नकार दिया गया था और ध्वनि मत के बाद उनके प्रस्ताव नहीं माने गए थे.
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किसान बिल पर वोटिंग को लेकर सरकार ने तोड़े नियम? सरकार के दावे से अलग कहानी बयां करता राज्यसभा का VIDEO
- Sunday September 27, 2020
NDTV को मिली फुटेज में बिलों के पारित होने के समय सदन की कार्यवाही के दौरान नियमों का पालन करने को लेकर सरकार के बयान पर सवाल खड़े हो रहे हैं. दरअसल राज्यसभा नियमावली के नियम-37 के अनुसार, सभापति सदन की कार्यवाही की समय सीमा में बदलाव सबकी सहमति से 'सेन्स ऑफ द हाउस' लेकर ही कर सकते हैं. कृषि बिलों पर चर्चा के दौरान विपक्ष के नेता ने यह सवाल उठाया था लेकिन सभापति ने उसे नहीं माना.
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निलंबित राज्यसभा सांसद केके रागेश ने उपसभापति हरिवंश को लिखी खुली चिट्ठी- 'लोग बार-बार बेवकूफ नहीं बनेंगे'
- Thursday September 24, 2020
सीपीआई (एम) के सांसद केके रागेश ने अपनी चिट्ठी में उपसभापति को उनकी चाय की कूटनीति पर बधाई दी लेकिन कहा कि 'ऐसी नौटंकी से लोगों को बार-बार धोखा नहीं दिया जा सकता.' और यह भी कहा कि 'राजनीतिक बराबरी को आत्मसात' करने को लेकर उनका रुख 'दोहरा (हिपोक्रिटिकल)' था.
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हरिवंश निशाने पर क्यों...?
- Thursday September 24, 2020
- Akhilesh Sharma
हरिवंश की आलोचना इसलिए हो रही है कि उन्होंने मत विभाजन क्यों नहीं कराया और सदन का कामकाज आगे बढ़ाने के लिए आम राय क्यों नहीं बनाई. वह चाहते, तो सदन कुछ देर के लिए स्थगित कर मत विभाजन का प्रयास कर सकते थे.
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राष्ट्रपति से मिले विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, कहा- कृषि विधेयक वापस लिए जाएं
- Wednesday September 23, 2020
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) से मुलाकात की. विपक्षी दल विवादास्पद कृषि विधेयकों (Farm bills) के खिलाफ विरोध जारी रखे हैं. इन विधेयकों को संसद में मंजूरी दे दी गई है. राज्यसभा में विपक्ष के नेता आज़ाद और राष्ट्रपति के बीच बैठक विपक्षी दलों द्वारा संसद की र्कायवाही का बहिष्कार शुरू करने के एक दिन बाद हुई है. कांग्रेस (Congress) नेता गुलाम नबी आजाद ने राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद कहा कि सरकार को कृषि संबंधी विधेयक लाने से पहले सभी दलों, किसान नेताओं के साथ विचार-विमर्श करना चाहिए था.
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किसान बिलों के विरोध में आज राष्ट्रपति से मिलने की तैयारी में विपक्ष, पढ़ें- अब तक की 10 बड़ी बातें
- Wednesday September 23, 2020
केंद्र की एनडीए सरकार के तीन किसान बिलों पर जबरदस्त हंगामा मचा हुआ है. ये तीनों बिल संसद के दौनों सदनों में पास किए जा चुके हैं. अब इनके कानून बनने में बस राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के एक हस्ताक्षर भर की जरूरत है. इन बिलों के विरोध में विपक्षी पार्टियां पूरी तरह से लामबंद हैं. विपक्ष ने मंगलवार को विरोध में राज्यसभा का बहिष्कार करने का ऐलान किया था. अब इसके बाद वो राष्ट्रपति से मुलाकात करने की तैयारी कर रहे हैं. विपक्ष चाहता है कि राष्ट्रपति इन बिलों पर हस्ताक्षर न करके इन्हें लौटा दें. बस विपक्ष ही नहीं, देश के कई राज्यों में किसानों और किसान संघों का भी इन विधेयकों के खिलाफ गुस्सा दिख रहा है. विपक्ष के नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आज़ाद आज शाम पांच बजे राष्ट्रपति से मुलाकात करने वाले हैं.
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विपक्ष का राज्यसभा की कार्यवाही के बहिष्कार का फैसला, निलंबित सांसदों का धरना खत्म
- Tuesday September 22, 2020
रात भर विरोध प्रदर्शन के तौर पर संसद परिसर में धरने पर बैठे निलंबित सांसदों ने अपना धरना खत्म कर दिया. नाराज सांसदों ने निलंबन के विरोध में सोमवार को संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के पास धरना प्रदर्शन शुरू किया था. प्राप्त जानकारी के मुताबिक गुलाम नबी आजाद के अनुरोध के बाद निलंबित सांसदों ने अपना धरना खत्म किया. नेता प्रतिपक्ष आजाद ने मंगलवार को इन निलंबित सांसदों से मुलाकात की और इसके बाद अपनी मांगें सामने रखीं. उन्होंने कहा कि 'हमने राज्यसभा में कांग्रेस पार्टी की तरफ से तीन महत्वपूर्ण मांगें रखी हैं.
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'जब तक तीन मांगें नहीं होंगी पूरी, करेंगे राज्यसभा का बहिष्कार' : सरकार को घेरने की तैयारी में विपक्ष
- Tuesday September 22, 2020
राज्यसभा से सोमवार को निलंबित किए गए सांसदों के निलंबन को वापस लेने की गुज़ारिश के साथ विपक्ष ने मंगलवार को राज्यसभा का बहिष्कार करने को लेकर ऐलान कर दिया है. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि जब तक इन सांसदों का निलंबन वापस नहीं लिया जाता है, विपक्ष राज्यसभा की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेगा. बता दें कि रविवार के हंगामे के बाद से आठ सासंदों को निलंबित कर दिया गया था, जो कल दिन से ही संसद परिसर में धरने पर बैठे हुए हैं.
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Parliament Monsoon Session Live Updates:राज्यसभा में पेश हुआ कृषि से जुड़ा तीसरा बिल
- Tuesday September 22, 2020
Monsoon Session Live Update: रात भर विरोध प्रदर्शन के तौर पर संसद परिसर में धरने पर बैठे निलंबित सांसदों ने अपना धरना खत्म कर दिया, बता दें कि नाराज सांसदों ने निलंबन के विरोध में सोमवार को संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के पास धरना प्रदर्शन शुरू किया था. राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश (Harivansh) प्रदर्शन कर रहे निलंबित सांसदों के लिए मंगलवार को सुबह चाय लेकर पहुंचे थे. निलंबित सांसदों ने उप-सभापति की चाय पीने से इनकार कर दिया. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राज्यसभा में हंगामे के चलते तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, कांग्रेस के राजीव साटव और सीपीएम के के.के. रागेश समेत आठ सांसदों को सदन से निलंबित कर दिया गया था.
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राज्यसभा के 8 निलंबित सांसदों ने संसद के लॉन में पूरी रात किया विरोध, उप-सभापति की चाय पीने से इनकार
- Tuesday September 22, 2020
आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह ने उप सभापति की चाय से इनकार करने के बाद कहा, "हम लोग पूरी रात यहां धरने पर बैठे रहे हैं, देश के करोड़ों किसानों को न्याय दिलाने के लिए, देश के किसानों के खिलाफ जो काला कानून इस संसद में पास किया गया है उसके खिलाफ. आज सुबह यहां उप सभापति आए थे, हमने उनसे भी कहा कि उस दिन नियम-कानून को ताक पर रखकर किसान विरोधी बिल को पास कराया गया.
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कृषि कानून वापसः ओवैसी बोले- ''आप कानून नहीं बनाते तो 750 किसानों की मौत नहीं होती''
- Monday November 29, 2021
ओवैसी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या बड़ा दिल दिखाया. 750 लोग मर गए. आपके सीने में धड़कता हुआ दिल होता तो, इतने लोग मरते ही नहीं. कौन सा बड़ा दिल दिखाया. यह गलत बात है.
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बिना बहस के कृषि क़ानून की वापसी, किसानों से अब भी इतनी दूरी क्यों
- Monday November 29, 2021
- Ravish Kumar
कानून वापस हुआ है, कानून के बनने की सोच वापस नहीं हुई है. सरकार ने कृषि कानूनों की वापसी के लिए जो बिल पेश किया, उसकी प्रस्तावना में कानूनों की तारीफ ही की. प्रस्तावना के पैराग्राफ तीन और चार में 26 पंक्तियों में तीनों कानूनों के फायदे बताए गए हैं और पैराग्राफ 5 और 6 में वापसी पर 14 पंक्तियां हैं.
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"कृषि कानून किसानों के लिए डेथ वारंट, मैंने कहा था, लेकिन सरकार..." : राज्यसभा में बोले कांग्रेस MP बाजवा
- Friday February 5, 2021
कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि जिस समय सितम्बर में तीन कृषि कानून पर राज्यसभा में चर्चा हो रही थी तभी मैंने ये कहा था कि किसानों के लिए डेथ वारंट है और वो कभी नहीं मानेगा. हमने वोटिंग की मांग की थीं लेकिन, सरकार नहीं मानी. बड़े कॉरपोरेट को फायदा पहुंचाने के लिए धोखे से सरकार ने कानून पास करवा लिया. बाजवा ने 12 सांसदों के गाजीपुर बॉर्डर पर जाने की अनुमति ना दिए जाने का मुद्दा भी उठाया.
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राहुल गांधी का वार- किसानों के लिए मौत की सजा है कृषि कानून, भारत में मर चुका है लोकतंत्र
- Monday September 28, 2020
राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में कहा, "कृषि क़ानून हमारे किसानों के लिए मौत की सज़ा हैं. उनकी आवाज़ संसद के अंदर और बाहर कुचल दी गयी है. ये इस बात का प्रमाण है कि भारत में लोकतंत्र मर चुका है."
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राज्यसभा में नियम तोड़ने के मुद्दे पर विवाद, उप सभापति ने तथ्य रखे सामने
- Monday September 28, 2020
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश सिंह ने उन मीडिया रिपोर्टों से इनकार किया कि जिनमें दावा किया गय था कि 20 सितंबर को कृषि बिलों पर मतदान के दौरान नियमों का उल्लंघन किया गया था. मीडिया को एक नोट में, सिंह ने कहा कि वह "तथ्यों को सीधा-सीध रखना" चाहेंगे और घटना की मिनट-दर-मिनट जानकारी देना चाहेंगे. साथ ही सीपीएम के केके रागेश और डीएमके के तिरुचि सिवा द्वारा दिए गए प्रस्तावों के वीडियो अंश भी मीडिया के सामने रखना चाहेंगे. दोनों सदस्यों द्वारा फिजिकल वोटिंग के आह्वान को नकार दिया गया था और ध्वनि मत के बाद उनके प्रस्ताव नहीं माने गए थे.
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किसान बिल पर वोटिंग को लेकर सरकार ने तोड़े नियम? सरकार के दावे से अलग कहानी बयां करता राज्यसभा का VIDEO
- Sunday September 27, 2020
NDTV को मिली फुटेज में बिलों के पारित होने के समय सदन की कार्यवाही के दौरान नियमों का पालन करने को लेकर सरकार के बयान पर सवाल खड़े हो रहे हैं. दरअसल राज्यसभा नियमावली के नियम-37 के अनुसार, सभापति सदन की कार्यवाही की समय सीमा में बदलाव सबकी सहमति से 'सेन्स ऑफ द हाउस' लेकर ही कर सकते हैं. कृषि बिलों पर चर्चा के दौरान विपक्ष के नेता ने यह सवाल उठाया था लेकिन सभापति ने उसे नहीं माना.
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निलंबित राज्यसभा सांसद केके रागेश ने उपसभापति हरिवंश को लिखी खुली चिट्ठी- 'लोग बार-बार बेवकूफ नहीं बनेंगे'
- Thursday September 24, 2020
सीपीआई (एम) के सांसद केके रागेश ने अपनी चिट्ठी में उपसभापति को उनकी चाय की कूटनीति पर बधाई दी लेकिन कहा कि 'ऐसी नौटंकी से लोगों को बार-बार धोखा नहीं दिया जा सकता.' और यह भी कहा कि 'राजनीतिक बराबरी को आत्मसात' करने को लेकर उनका रुख 'दोहरा (हिपोक्रिटिकल)' था.
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हरिवंश निशाने पर क्यों...?
- Thursday September 24, 2020
- Akhilesh Sharma
हरिवंश की आलोचना इसलिए हो रही है कि उन्होंने मत विभाजन क्यों नहीं कराया और सदन का कामकाज आगे बढ़ाने के लिए आम राय क्यों नहीं बनाई. वह चाहते, तो सदन कुछ देर के लिए स्थगित कर मत विभाजन का प्रयास कर सकते थे.
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राष्ट्रपति से मिले विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, कहा- कृषि विधेयक वापस लिए जाएं
- Wednesday September 23, 2020
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) से मुलाकात की. विपक्षी दल विवादास्पद कृषि विधेयकों (Farm bills) के खिलाफ विरोध जारी रखे हैं. इन विधेयकों को संसद में मंजूरी दे दी गई है. राज्यसभा में विपक्ष के नेता आज़ाद और राष्ट्रपति के बीच बैठक विपक्षी दलों द्वारा संसद की र्कायवाही का बहिष्कार शुरू करने के एक दिन बाद हुई है. कांग्रेस (Congress) नेता गुलाम नबी आजाद ने राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद कहा कि सरकार को कृषि संबंधी विधेयक लाने से पहले सभी दलों, किसान नेताओं के साथ विचार-विमर्श करना चाहिए था.
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किसान बिलों के विरोध में आज राष्ट्रपति से मिलने की तैयारी में विपक्ष, पढ़ें- अब तक की 10 बड़ी बातें
- Wednesday September 23, 2020
केंद्र की एनडीए सरकार के तीन किसान बिलों पर जबरदस्त हंगामा मचा हुआ है. ये तीनों बिल संसद के दौनों सदनों में पास किए जा चुके हैं. अब इनके कानून बनने में बस राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के एक हस्ताक्षर भर की जरूरत है. इन बिलों के विरोध में विपक्षी पार्टियां पूरी तरह से लामबंद हैं. विपक्ष ने मंगलवार को विरोध में राज्यसभा का बहिष्कार करने का ऐलान किया था. अब इसके बाद वो राष्ट्रपति से मुलाकात करने की तैयारी कर रहे हैं. विपक्ष चाहता है कि राष्ट्रपति इन बिलों पर हस्ताक्षर न करके इन्हें लौटा दें. बस विपक्ष ही नहीं, देश के कई राज्यों में किसानों और किसान संघों का भी इन विधेयकों के खिलाफ गुस्सा दिख रहा है. विपक्ष के नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आज़ाद आज शाम पांच बजे राष्ट्रपति से मुलाकात करने वाले हैं.
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विपक्ष का राज्यसभा की कार्यवाही के बहिष्कार का फैसला, निलंबित सांसदों का धरना खत्म
- Tuesday September 22, 2020
रात भर विरोध प्रदर्शन के तौर पर संसद परिसर में धरने पर बैठे निलंबित सांसदों ने अपना धरना खत्म कर दिया. नाराज सांसदों ने निलंबन के विरोध में सोमवार को संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के पास धरना प्रदर्शन शुरू किया था. प्राप्त जानकारी के मुताबिक गुलाम नबी आजाद के अनुरोध के बाद निलंबित सांसदों ने अपना धरना खत्म किया. नेता प्रतिपक्ष आजाद ने मंगलवार को इन निलंबित सांसदों से मुलाकात की और इसके बाद अपनी मांगें सामने रखीं. उन्होंने कहा कि 'हमने राज्यसभा में कांग्रेस पार्टी की तरफ से तीन महत्वपूर्ण मांगें रखी हैं.
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'जब तक तीन मांगें नहीं होंगी पूरी, करेंगे राज्यसभा का बहिष्कार' : सरकार को घेरने की तैयारी में विपक्ष
- Tuesday September 22, 2020
राज्यसभा से सोमवार को निलंबित किए गए सांसदों के निलंबन को वापस लेने की गुज़ारिश के साथ विपक्ष ने मंगलवार को राज्यसभा का बहिष्कार करने को लेकर ऐलान कर दिया है. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि जब तक इन सांसदों का निलंबन वापस नहीं लिया जाता है, विपक्ष राज्यसभा की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेगा. बता दें कि रविवार के हंगामे के बाद से आठ सासंदों को निलंबित कर दिया गया था, जो कल दिन से ही संसद परिसर में धरने पर बैठे हुए हैं.
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Parliament Monsoon Session Live Updates:राज्यसभा में पेश हुआ कृषि से जुड़ा तीसरा बिल
- Tuesday September 22, 2020
Monsoon Session Live Update: रात भर विरोध प्रदर्शन के तौर पर संसद परिसर में धरने पर बैठे निलंबित सांसदों ने अपना धरना खत्म कर दिया, बता दें कि नाराज सांसदों ने निलंबन के विरोध में सोमवार को संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के पास धरना प्रदर्शन शुरू किया था. राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश (Harivansh) प्रदर्शन कर रहे निलंबित सांसदों के लिए मंगलवार को सुबह चाय लेकर पहुंचे थे. निलंबित सांसदों ने उप-सभापति की चाय पीने से इनकार कर दिया. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राज्यसभा में हंगामे के चलते तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, कांग्रेस के राजीव साटव और सीपीएम के के.के. रागेश समेत आठ सांसदों को सदन से निलंबित कर दिया गया था.
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राज्यसभा के 8 निलंबित सांसदों ने संसद के लॉन में पूरी रात किया विरोध, उप-सभापति की चाय पीने से इनकार
- Tuesday September 22, 2020
आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह ने उप सभापति की चाय से इनकार करने के बाद कहा, "हम लोग पूरी रात यहां धरने पर बैठे रहे हैं, देश के करोड़ों किसानों को न्याय दिलाने के लिए, देश के किसानों के खिलाफ जो काला कानून इस संसद में पास किया गया है उसके खिलाफ. आज सुबह यहां उप सभापति आए थे, हमने उनसे भी कहा कि उस दिन नियम-कानून को ताक पर रखकर किसान विरोधी बिल को पास कराया गया.
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