Mp Deputy Collector
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MP News: देवास में डिप्टी कलेक्टर के घर चिट्ठी छोड़ गए चोर, लिखा - घर में पैसा नहीं रखते तो...
- Sunday October 10, 2021
- Reported by: अनुराग द्वारी
MP News: मध्यप्रदेश में देवास (Dewas) के सिविल लाइन इलाके में डिप्टी कलेक्टर (Dewas Deputy Collector) त्रिलोचन गौड़ (Trilochan Goud) के शासकीय मकान का ताला तोड़कर ना सिर्फ बदमाशों ने पुलिस को चुनौती दी है बल्कि बदमाश जाते-जाते डिप्टी कलेक्टर के नाम चिट्ठी भी लिख कर गए.
- ndtv.in
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कठिन दौर में 12वीं की परीक्षा देना मुश्किल था, अब डिप्टी कलेक्टर बनीं निकिता
- Wednesday February 13, 2019
- Reported by: मोहम्मद अतहरुद्दीन मुन्ने भारती, Edited by: सूर्यकांत पाठक
यह कहानी है एक मां-बेटी के संघर्ष की. संघर्ष से टूटकर बिखरने के बजाय, संघर्ष से लड़कर निखरने की कहानी. मां कभी स्कूल नहीं गई पर उन्हें पढ़ाई की कीमत पता थी. बेटी बारहवीं में थी तब पिता का साया सर से उठा गया. 12वीं की बोर्ड परीक्षा छूटते-छूटते बची. तिवारी सर ने प्रेरित किया था उस अनपढ़ मां की बेटी को कि परीक्षा मत छोड़ना. परीक्षा दी तो अपने स्कूल की टॉपर बन गई.
- ndtv.in
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DM ने कायम की मिसाल: गणतंत्र दिवस पर बैंकॉक में 'संविधान' को साक्षी मान रचाया विवाह!
- Sunday February 3, 2019
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
बालाघाट, तहसील किरनापुर के एक छोटे से ग्राम चिखला की रहने वाली निशा के माता-पिता का आरंभिक जीवन काफी संघर्षो से भरा रहा था. उनके पिता शिक्षक बने और अब एक्सीलेंस स्कूल में प्राचार्य हैं. यह उनके समाज की पहली पीढ़ी थी, जिसने इतनी पढ़ाई की थी और ये मुकाम हासिल किया. निशा बताती हैं कि उन्होंने इंजीनियरिग की पढ़ाई के बाद गुड़गांव में नौकरी की. पहली बार पीएससी की परीक्षा में डीएसपी के पद पर उनका चयन हुआ. दूसरी बार में डिप्टी कलेक्टर के लिए चयन हुआ और बैतूल में पदस्थापना मिलीं.
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- Sunday October 10, 2021
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MP News: मध्यप्रदेश में देवास (Dewas) के सिविल लाइन इलाके में डिप्टी कलेक्टर (Dewas Deputy Collector) त्रिलोचन गौड़ (Trilochan Goud) के शासकीय मकान का ताला तोड़कर ना सिर्फ बदमाशों ने पुलिस को चुनौती दी है बल्कि बदमाश जाते-जाते डिप्टी कलेक्टर के नाम चिट्ठी भी लिख कर गए.
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- Wednesday February 13, 2019
- Reported by: मोहम्मद अतहरुद्दीन मुन्ने भारती, Edited by: सूर्यकांत पाठक
यह कहानी है एक मां-बेटी के संघर्ष की. संघर्ष से टूटकर बिखरने के बजाय, संघर्ष से लड़कर निखरने की कहानी. मां कभी स्कूल नहीं गई पर उन्हें पढ़ाई की कीमत पता थी. बेटी बारहवीं में थी तब पिता का साया सर से उठा गया. 12वीं की बोर्ड परीक्षा छूटते-छूटते बची. तिवारी सर ने प्रेरित किया था उस अनपढ़ मां की बेटी को कि परीक्षा मत छोड़ना. परीक्षा दी तो अपने स्कूल की टॉपर बन गई.
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