भारत का महत्वाकांक्षी मिशन मंगलयान आज मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश कर गया और इसी के साथ भारत मंगल तक पहुंचने वाला न सिर्फ पहला एशियाई देश बन गया है बल्कि इसने अपनी पहली कोशिश में कामयाबी हासिल कर एक नया रिकॉर्ड बनाया।
इसरो के इस ऐतिहासिक मिशन के दौरान खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी देश के वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाने के लिए इसरो के सेंटर में मौजूद थे। उन्होंने तालियां बजाकर वैज्ञानिकों को बधाई दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुझे विश्वास था कि मोम (MOM) निराश नहीं करेगा। मंगल पर पहुंचने वाला भारत पहला एशियाई देश बन गया है, जो अपनी मंगल पर पहुंचने की पहली कोशिश में ही कामयाब रहा। मिशन की सफलता के लिए देश और देश के वैज्ञानिकों को बधाई। इसरो हर चुनौती को चुनौती देने में कामयाब है। इसरो को नामुमकिन को मुमकिन करने की आदत हो गई है। इरादे मंगल हों तो यात्रा भी मंगल होती है।
पीएम ने साथ ही यह भी कहा कि अगर हम इस मिशन में विफल होते तो पहली जिम्मेदारी मेरी होती।
नासा ने भी इसरो को इस कामयाबी के लिए बधाई दी है। ट्वीट में नासा ने कहा, इसरो को मंगल तक पहुंचने पर बधाई, लालग्रह की खोज के साथ जुड़ें।
अंतरिक्षयान को मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश कराने के लिए इसके मेन इंजन को चालू किया गया था। इसके लिक्विड इंजन को 7 बजकर 41 मिनट पर बंद किया गया। इंजन बंद होने के बाद इसकी रफ्तार धीमी हुई। पहले इसकी रफ्तार 22.57 किमी/ सेकेंड थी। कक्षा में जाने के लिए इसकी रफ्तार को कम 4.6 किमी/सेकेंड की गई।
ये दुनिया का सबसे किफायती मंगल अभियान है। इसमें करीब 450 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। अपने मंगल मिशन में भारत ने चीन को भी पछाड़ दिया है। चीन और जापान अपने पहले मंगल मिशन नाकामयाब रहे थे।
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